द ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना
चलिये गरमी की छुट्टियाँ है तो कही घूम घुमा कर आते है। पिछले साल इन्हीं दिनों हम चीन घूमने गये थे वैसे गरमी का मौसम चीन जाने के लिये बिलकुल भी ठीक नहीं होता है क्योंकि वहाँ भी अपने यहाँ जैसी ही गरमी पड़ती है। हाँ जब बारिश हो जाती है तब मौसम कुछ सुधर जाता है। ख़ैर अब चीन जाये और ग्रेट वॉल ना देखे ऐसा कैसे हो सकता है।
तो अपनी उसी यात्रा मे हम द ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना भी देखने गये थे ।अब ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के बारे मे तो हम सबने पढ़ा ही है । बीजिंग से बस से एक या डेढ़ घंटे मे वहाँ पहुँच जाते है । जैसे जैसे जगह के नज़दीक पहुँचने लगते है तो दूर दिखने वाली हर पहाड़ी पर एक कुछ काली या सिलेटी से रंग की लाइन सी दिखना शुरू हो जाती है। और उससे पता लगने लगता है कि जल्द ही हम वहाँ पहुँचने वाले है ।
यहाँ पर ४० या ४५ युऑन ( चाइनीज़ करेंसी ) का टिकट लगता है । गेट से अन्दर जाने के बाद थोड़ा आगे बढ़ने पर एक पत्थर पर कुछ चीनी भाषा मे लिखा दिखता है और यहाँ से जैसे ही दाहिनी तरफ़ देखते है तो दूर बहुत ऊपर तक सिर्फ़ सीढ़ियाँ और दीवार दिखाई देती है । शुरू मे लगता है कि इतनी सीढ़ियाँ तो चढ़ ही सकते है। पर जब सीढ़ियाँ चढ़ना शुरू करते है तब पता चलता है कि जितना आसान लग रहा था उतना है नहीं क्योंकि सीढ़ियाँ पत्थर की बनी है और बिलकुल खड़ी और ऊँची ऊँची सी है । और एक बराबर नहीं है कही सीढ़ियों की ऊँचाई कम है तो कहीं ज़्यादा है ।
सबसे ऊपर तक जाने के लिये शायद दो हज़ार से ज़्यादा सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है । ऊपर तक जाने के लिये पाँच स्टेशन पड़ते है मतलब ऐसी जगह जहॉं रूक कर चारों ओर फैले नज़ारे का आनन्द लिया जा सकता है फ़ोटो खींची जा सकती है और हाँफती और फूलती हुई साँस को भी ठीक किया जा सकता है । 😋
पहले स्टेशन तक तो रैम्प सा है उसके अगले यानि दूसरे स्टेशन तक थोड़ी हल्की सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है पर जब तीसरे स्टेशन के लिये चलते है तब सीढ़ियों की ऊँचाई और संख्या ज़्यादा होने से थोड़ी मुश्किल ज़रूर होती है और हम सीढ़ियाँ चढ़ते हुये सोचते जा रहे थे कि चूँकि चीनी लोग लम्बाई मे कुछ छोटे होते है तो शायद वो फुरती से चढ़ते होंगे ।
ख़ैर जब हाँफते कांफते वहाँ पहुँचते है तो चारों ओर का नज़ारा देखने लायक होता है । दूर दूर तक हरे पहाड़ों के बीच से एक लाइन सी नज़र आती है। जहाँ तक नज़र जाती है हर तरफ़ दीवार ही दिखाई देती है। और बस फिर क्या हमने दनादन फ़ोटो खींचना शुरू कर दिया था । 🙂
ऊपर से लौटने के बाद वहाँ बनी सोविनियर शॉप से ख़रीदारी भी की जा सकती है , इस दुकान मे बहुत तरह का सामान मिलता है और कुछ चीज़ों के ऊपर अपना नाम ,तारीख़,और समय लिखवा सकते है जैसे की रिंग पर या मैडल पर । 😊
और यहाँ से हमने भी ख़रीदारी की और गरमी से निजात पाने के लिये आइसक्रीम खाकर वापिस बीजिंग के लिये चल पड़े। 😋
तो अपनी उसी यात्रा मे हम द ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना भी देखने गये थे ।अब ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के बारे मे तो हम सबने पढ़ा ही है । बीजिंग से बस से एक या डेढ़ घंटे मे वहाँ पहुँच जाते है । जैसे जैसे जगह के नज़दीक पहुँचने लगते है तो दूर दिखने वाली हर पहाड़ी पर एक कुछ काली या सिलेटी से रंग की लाइन सी दिखना शुरू हो जाती है। और उससे पता लगने लगता है कि जल्द ही हम वहाँ पहुँचने वाले है ।
यहाँ पर ४० या ४५ युऑन ( चाइनीज़ करेंसी ) का टिकट लगता है । गेट से अन्दर जाने के बाद थोड़ा आगे बढ़ने पर एक पत्थर पर कुछ चीनी भाषा मे लिखा दिखता है और यहाँ से जैसे ही दाहिनी तरफ़ देखते है तो दूर बहुत ऊपर तक सिर्फ़ सीढ़ियाँ और दीवार दिखाई देती है । शुरू मे लगता है कि इतनी सीढ़ियाँ तो चढ़ ही सकते है। पर जब सीढ़ियाँ चढ़ना शुरू करते है तब पता चलता है कि जितना आसान लग रहा था उतना है नहीं क्योंकि सीढ़ियाँ पत्थर की बनी है और बिलकुल खड़ी और ऊँची ऊँची सी है । और एक बराबर नहीं है कही सीढ़ियों की ऊँचाई कम है तो कहीं ज़्यादा है ।
सबसे ऊपर तक जाने के लिये शायद दो हज़ार से ज़्यादा सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है । ऊपर तक जाने के लिये पाँच स्टेशन पड़ते है मतलब ऐसी जगह जहॉं रूक कर चारों ओर फैले नज़ारे का आनन्द लिया जा सकता है फ़ोटो खींची जा सकती है और हाँफती और फूलती हुई साँस को भी ठीक किया जा सकता है । 😋
पहले स्टेशन तक तो रैम्प सा है उसके अगले यानि दूसरे स्टेशन तक थोड़ी हल्की सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती है पर जब तीसरे स्टेशन के लिये चलते है तब सीढ़ियों की ऊँचाई और संख्या ज़्यादा होने से थोड़ी मुश्किल ज़रूर होती है और हम सीढ़ियाँ चढ़ते हुये सोचते जा रहे थे कि चूँकि चीनी लोग लम्बाई मे कुछ छोटे होते है तो शायद वो फुरती से चढ़ते होंगे ।
ख़ैर जब हाँफते कांफते वहाँ पहुँचते है तो चारों ओर का नज़ारा देखने लायक होता है । दूर दूर तक हरे पहाड़ों के बीच से एक लाइन सी नज़र आती है। जहाँ तक नज़र जाती है हर तरफ़ दीवार ही दिखाई देती है। और बस फिर क्या हमने दनादन फ़ोटो खींचना शुरू कर दिया था । 🙂
ऊपर से लौटने के बाद वहाँ बनी सोविनियर शॉप से ख़रीदारी भी की जा सकती है , इस दुकान मे बहुत तरह का सामान मिलता है और कुछ चीज़ों के ऊपर अपना नाम ,तारीख़,और समय लिखवा सकते है जैसे की रिंग पर या मैडल पर । 😊
और यहाँ से हमने भी ख़रीदारी की और गरमी से निजात पाने के लिये आइसक्रीम खाकर वापिस बीजिंग के लिये चल पड़े। 😋
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