कभी कभी मेरे दिल में
ख़याल आता है कि काश एक बार फिर से बचपन लौट आये ।
कयोकि जब हम बच्चे थे तो लगता था कि जब हम बड़े हो जायेंगे तो बहुत मज़ा आयेगा क्योंकि घर में छोटे होने के कारण कई बार हमसे ये कहा जाता था कि जब तुम बड़ी हो जाओगी तब तुम जो चाहे करना पर अभी तुम छोटी हो । हांलाकि घर में किसी भी तरह की कोई बन्दिश नहीं थी पर जैसे जब दीदी लोगों को कार चलाते देखते तो हमारा मन भी करता था पर बस अभी छोटी हो ये कहकर फुसला दिया जाता था। वैसे वो ग़लत भी नहीं था। पर दिल तो बच्चा है जी । 😋
अब छोटे होने के कुछ फ़ायदे है तो कुछ नुक़सान भी है । कभी कभी जब दीदी लोग पिकचर देखने जाती तो हमे ये कहकर कि तुम छोटी हो इसलिए तुम इस पिकचर में नहीं जा सकती हो। ख़ासकर कुछ इंग्लिश फ़िल्मो में । तो हमे बहुत ग़ुस्सा आता था और हम उनसे कहते थे कि जब हम बड़े हो जायेंगे तो हम भी उनको छोड़कर पिकचर देखने जायेंगे । एक बार तो हमे पिकचर हॉल से वापिस भी आना पड़ा था । 😀
ख़ैर जब बड़े हुए तो लगा कि चलो अब हमे कुछ भी करने की आज़ादी मिल गई पर हर तरह की आज़ादी के साथ एक वाक्य जोड़ दिया जाता था कि अब जो करना है शादी के बाद करना । लो हो गई ना गड़बड़ । 😀
शादी हुई तो समझे कि शादी होने के बाद मज़े और मनमर्ज़ी करने की छूट मिल जाती है जो मर्ज़ी वो करो । पर जब बच्चे हो गये तो एक बार फिर जीवन का पहिया घूमने लगा और अब बच्चों के स्कूल, टेस्ट ,इम्तिहान पर ही सब कुछ केन्द्रित सा हो गया । ऐसा नहीं है कि घूमना फिरना या मूवी देखना कम हुआ पर फिर ...... 😋
कई बार हम भी अपने बच्चों से कहते थे कि जब तुम बड़े हो जाओगे तो ये सब करना । अब आख़िर ऐसा ही तो होता है ना । हर पीढ़ी एक सी ही बात करती है । 😀
पर अब लगता है कि काश बचपन एक बार फिर से लौट आये । ताकि कोई हमे टोके कि तुम ये नहीं कर सकती हो क्योंकि तुम अभी छोटी हो।
क्यूँ क्या आप के दिल में ऐसा ख़याल नहीं आता है ।
कयोकि जब हम बच्चे थे तो लगता था कि जब हम बड़े हो जायेंगे तो बहुत मज़ा आयेगा क्योंकि घर में छोटे होने के कारण कई बार हमसे ये कहा जाता था कि जब तुम बड़ी हो जाओगी तब तुम जो चाहे करना पर अभी तुम छोटी हो । हांलाकि घर में किसी भी तरह की कोई बन्दिश नहीं थी पर जैसे जब दीदी लोगों को कार चलाते देखते तो हमारा मन भी करता था पर बस अभी छोटी हो ये कहकर फुसला दिया जाता था। वैसे वो ग़लत भी नहीं था। पर दिल तो बच्चा है जी । 😋
अब छोटे होने के कुछ फ़ायदे है तो कुछ नुक़सान भी है । कभी कभी जब दीदी लोग पिकचर देखने जाती तो हमे ये कहकर कि तुम छोटी हो इसलिए तुम इस पिकचर में नहीं जा सकती हो। ख़ासकर कुछ इंग्लिश फ़िल्मो में । तो हमे बहुत ग़ुस्सा आता था और हम उनसे कहते थे कि जब हम बड़े हो जायेंगे तो हम भी उनको छोड़कर पिकचर देखने जायेंगे । एक बार तो हमे पिकचर हॉल से वापिस भी आना पड़ा था । 😀
ख़ैर जब बड़े हुए तो लगा कि चलो अब हमे कुछ भी करने की आज़ादी मिल गई पर हर तरह की आज़ादी के साथ एक वाक्य जोड़ दिया जाता था कि अब जो करना है शादी के बाद करना । लो हो गई ना गड़बड़ । 😀
शादी हुई तो समझे कि शादी होने के बाद मज़े और मनमर्ज़ी करने की छूट मिल जाती है जो मर्ज़ी वो करो । पर जब बच्चे हो गये तो एक बार फिर जीवन का पहिया घूमने लगा और अब बच्चों के स्कूल, टेस्ट ,इम्तिहान पर ही सब कुछ केन्द्रित सा हो गया । ऐसा नहीं है कि घूमना फिरना या मूवी देखना कम हुआ पर फिर ...... 😋
कई बार हम भी अपने बच्चों से कहते थे कि जब तुम बड़े हो जाओगे तो ये सब करना । अब आख़िर ऐसा ही तो होता है ना । हर पीढ़ी एक सी ही बात करती है । 😀
पर अब लगता है कि काश बचपन एक बार फिर से लौट आये । ताकि कोई हमे टोके कि तुम ये नहीं कर सकती हो क्योंकि तुम अभी छोटी हो।
क्यूँ क्या आप के दिल में ऐसा ख़याल नहीं आता है ।
Comments