दिलचस्प नाम हमारे गाँवों के

अब ये तो हर कोई जानता है कि अपने देश मे शहर से ज़्यादा गाँव है पर क्या कभी इन गाँव के नाम पर ध्यान दिया है।

किस किस को रास्ते मे पड़ने वाले गाँवों के नाम याद है। जब भी हम सड़क के रास्ते जाते हुए (रोड ) या रेलगाड़ी मे यात्रा करते हुए गाँव के नाम देखते या पढ़ते है तो सब तो नहीं पर उनमें से कुछ एक नाम हमे हमेशा याद रह जाते है ।

हम लोग कार से बहुत यात्रा करते थे ,कभी बनारस कभी लखनऊ कभी कानपुर ,तो कभी फ़ैज़ाबाद ,नैनीताल, आगरा ,भोपाल ,कहने का मतलब है कि हम जब भी कही जाते है तो रास्ते मे पड़ने वाले गाँवों के नाम ज़रूर पढ़ते है क्योंकि हर नाम अलग ,नायाब और रोचक होता है ।

अब हमारे ज़ेहन मे जिस गाँव का नाम सबसे पहले आ रहा है वो है दूल्हापुर और इसी से मिलता हुआ दुल्हींपुर , छाता,जंगर,जवान,टपपल ( वैसे गोवा मे पोस्ट ऑफ़िस को टपपल कचहरी कहते है ), साहिबगंज ,झिंझक,बकशी का तालाब ,मलीहाबाद ,( जो आम के लिए मशहूर है ) कोन, सिखडी,हंडिया,गोपीगंज ( यहाँ की कुल्हड़ वाली चाय और पकौड़ी के क्या कहने )गुनी,गोशांइगंज ,रसूलाबाद, प्रेमपुर ,मैना ।

फरारगंज, कनकोन ,केपे,बिचोलिम ,मोरजी ,कोला ,दापी,निर्जुली,नानीताल,लुमला,रसम ।

दिल्ली मे भी कई गाँव है जैसे हौज़ ख़ास ,खिचडीपुर, खिड़की एक्सटेंशन ,शाहपुरजाट ,जसोला,तोडापुर ,डाबरी,पालम,नजफगढ ( ये नाम शायद नजफ़ खॉ पर ही पड़ा होगा )

भीटी गाँव जो बनारस के रास्ते मे पड़ता है । इसे तो हम कभी भी नहीं भूल सकते है क्योंकि बहुत साल पहले यहाँ पर हम लोगों की कार का एक्सीडेंट हुआ था ।और क़रीब आधा दिन इस गाँव मे ही बिताया था क्योंकि कार का रेडियेटर टूट गया था ।

हमारी पार्वती (कामवाली ) के गाँव का नाम राठ और गिलमा है । अभी अभी पूछकर लिखा है । 😋

अब बताइये आप को कौन कौन से नाम याद है। 😀


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