आम के आम गुठलियों के दाम

गरमी का मौसम आते ही हम सब आम का इन्तज़ार करने लगते है । गरमी और आम का बड़ा ही बेजोड़ सम्बन्ध है ।वैसे आम को फलों का राजा भी तो कहा जाता है । यूँ तो मार्च से ही आम मिलना शुरू हो जाता है जैसे मुम्बई मे मिलने वाला एलफैनजो आम । और दक्षिण भारत मे भी कुछ क़िस्म के आम मिलना शुरू हो जाते है पर उत्तर भारत मे आम मई या उसके बाद मिलना शुरू होता है और अगस्त तक आम मिलता रहता है ।

आम एक ऐसा फल है जो शायद ही किसी को नापसंद हो । क्योंकि अपने देश मे इतनी क़िस्म के आम मिलते है कि कुछ पूछिये मत । जैसे सफ़ेदा, हापुस (गोवा),दशहरी (लखनऊ ),तोतापरी,नीलम,रसपूरी (दक्षिण भारत ) लँगड़ा आम (बनारस )है तो बंगाल मे मिलने वाला हिमसागर और गुजरात मे मिलने वाला केसर और लखनऊ के चौसा आम को कैसे छोड़ा जा सकता है क्योंकि इसके बाद ही आम का मौसम ख़त्म माना जाता है । वैसे छोटे छोटे देसी आम भी मिलते है। पर अब देसी कम छोटे छोटे सफेदा आम ज़्यादा मिलते है ।

आम चाहे कच्चा हो या चाहे पक्का हो हर तरह से खूब खाया जाता है। अब कच्ची अमिया तो बहुत लोगों ने खाई होगी कभी नमक के साथ तो कभी यूँ ही खाकर उसकी खट्टास का मजा़ लिया होगा । हालाँकि ये नुक़सान भी खूब करती है कभी दाँत खट्टे कर देती है तो कभी नाक से ख़ून भी आ जाता है ( नकसीर फूटना) पर फिर भी इसे खाना नहीं छूटता है ।

ये तो रही कच्चे आम की बात अब देसी आम और छोटे वाले सफेदा आम को बालटी मे डुबोकर रखने के बाद खाने और बाद मे गुठली के ढेर लगाने का भी अलग मजा़ है। छुटपन मे तो गुठली का ढेर किसका ज़्यादा हो इसका भी कॉमपटीशन होता था । 😃
हर आम का अलग टेस्ट और मजा़ है। जहाँ एलफैनजो कुछ हल्की सी खटास लिये होता है तो वहीं दशहरी के अन्दर खूब मिठास होती है। हापुस और लँगड़े आम का सवाद मिलता जुलता सा है पर लंगड़े आम मे थोडा़ रेशा होता है । और चौसा की तो बात ही निराली है बिलकुल ही अलग और बहुत ही अच्छा टेस्ट ।

पके आम को काटकर खाने के अलावा उसका मैंगो शेक ,मैंगो पुडिंग,मैंगो आइसक्रीम ,अमावट और भी अनेकों खाने की चीज़ें बना कर खा सकते है।

कच्चे आम और पुदीने की चटनी , आम का गुड़ममा, आम का खट्टा ,मीठा अचार ,हींग वाला अचार ,आम और चने का अचार और भी कई तरह के अचार बनाये जाते है। और हाँ आम को सुखाकर खटाई भी बनाई जाती है । चटनी के लिये आम पीसने के बाद आम की गुठली का भी इस्तेमाल कर सकते है । आम की गुठली को अगर दाल मे डाल कर पकाते है तो दाल का स्वाद बिलकुल बदल जाता है मतलब दाल टेस्टी बन जाती है। 😋

तो हुआ ना आम के आम गुठलियों के दाम । 😀





Comments

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन