कभी कभी ऐसा हो जाता है
कि हम ये समझ नहीं पाते है कि क्या करें ।
अभी हाल ही में हम ग्रेटर नोएडा जा रहे थे जैसे ही एक्सप्रैस वे पर पहुँचे कि कार से कुछ ज़मीन पर टकराने की आवाज़ आने लगी तो ड्राइवर ने कार रोक कर देखा तो पता चला कि स्पलैश गार्ड टूट कर ज़मीन से टकरा रहा था । ड्राइवर ने बोनट के नीचे कुछ ठोंक कर उसे फ़िट किया और हम लोग चल पड़े । पर अभी थोड़ी दूर ही गये थे कि पीछे से आ रही एक कार ने इशारा किया तो एक बार फिर ड्राइवर ने कार रोकी और बोला कि स्पलैश गार्ड फिर से ज़मीन से टकरा रहा है । तो हमने ड्राइवर से कहा कि परी चौक बस पाँच मिनट की दूरी पर रह गया है इसलिये कार को बिलकुल धीरे धीरे चलाये ताकि परी चौक तक हम लोग पहुँच जायें । क्योंकि वहाँ पहुँचकर ही कोई मदद मिल सकती थी ।
अब ये तो हम सभी जानते है कि एक्सप्रैस वे पर ना तो कोई दुकान और ना ही कोई रिपेयर शॉप है । इसी बीच हमने टोयोटा सर्विस सेंटर ग्रेटर नोएडा करके सर्च किया ( गूगल का फ़ायदा ) और सर्विस सेंटर को फोन किया तो पता चला कि उनका शो रूम और सर्विस सेंटर वैनिस मॉल के पास है ।
ख़ैर हम कार लेकर वहाँ पहुँच गये और उनकी वर्कशॉप पर मौजूद एक लड़के को कार दिखाई तो उसने बोला कि पार्ट तो बदल जायेगा पर पेमेंट करना होगा । और ये पूछने पर कि कितना समय लगेगा तो उसने कह कि पन्द्रह मिनट से आधा घंटा । पेमेंट की बात पर हमने कहा कि हमारी कार का तो इंश्योरेंस भी है और वारंटी भी है तो उसमें इस पार्ट को बदल दो। तो उसने कहा कि प्लास्टिक के पार्ट वारंटी और इंश्योरेंस में कवर नही होते है । वैसे तब तक हम ये नहीं जानते थे कि प्लास्टिक के पार्ट की कोई वारंटी या इंश्योरेंस नहीं होता है । ये तो बाद में पता चला । 🙂
तो हमने सोचा कि हमें वापिस दिल्ली भी तो जाना है इसलिये हमने स्पलैश गार्ड का प्राइस पूछा तो उसने तुरन्त बोला साढ़े सात हज़ार । इतना दाम सुनकर हम ज़रा सोच में पड़ गये कि अब करें तो क्या करें । सवाल रूपयों का नहीं था क्योंकि वो कार्ड से भी पेमेंट लेते है । पर चूँकि हम अकेले गये थे तो हम ये निर्णय नहीं ले पाये ।
फिर हमने उससे दूसरा विकल्प बताने को कहा तो उसने कहा कि वो स्पलैश गार्ड को पूरा निकाल देगा क्योंकि वरना कार चलाना मुश्किल होगा । और उसके ये कहने पर कि उस पार्ट के निकाल देने से कार चलाने में कोई ख़तरा नहीं है बस गड्ढों पर सम्भाल कर चलाना होगा । हमने स्पलैश गार्ड निकलवा कर डिक्की में रखवा दिया । चलते समय हमने पूछा कि कुछ पेमेंट करनी है तो उसने मना कर दिया ।
ख़ैर हम वापिस दिल्ली आ गये और कार को टोयोटा सर्विस सेंटर में फोन किया और स्पलैश गार्ड का दाम पूछा तो उन्होंने ने कहा साढ़े तीन हज़ार । जब हमने कार सर्विस सेंटर भेजी तो एक बार फिर वहाँ से फोन आया कि इसका दाम पाँच हज़ार अट्ठारह रूपये है । हमारे पूछने पर कि साढ़े तीन हज़ार से पाँच हज़ार कैसे हो गया तो उधर से जवाब मिला कि डीज़ल कार का के पार्ट का दाम ज़्यादा होता है । अब कार तो बनवानी ही थी पर जब फ़ाइनल बिल आया तो जी.एस.टी वग़ैरा मिलाकर साढ़े छे हज़ार में नया स्पलैश गार्ड लग गया । हमारे ये पूछने पर कि क्या हर स्टेट में हर पार्ट का दाम अलग अलग होता है तो उन्होंने कहा कि नहीं सब जगह एक ही दाम होता है ।
ये सुनकर थोड़ा ग़ुस्सा और आश्चर्य भी हुआ कि कितनी सफ़ाई से टोयोटा ग्रेटर नोएडा सर्विस सेंटर हमसे एक हज़ार रूपये ज़्यादा ले रहा था । ( हम उस लड़के का नाम देखना भूल गये ) पर इसका कारण हमें समझ नहीं आया ।
वैसे टोयोटा कम्पनी से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी ।
अभी हाल ही में हम ग्रेटर नोएडा जा रहे थे जैसे ही एक्सप्रैस वे पर पहुँचे कि कार से कुछ ज़मीन पर टकराने की आवाज़ आने लगी तो ड्राइवर ने कार रोक कर देखा तो पता चला कि स्पलैश गार्ड टूट कर ज़मीन से टकरा रहा था । ड्राइवर ने बोनट के नीचे कुछ ठोंक कर उसे फ़िट किया और हम लोग चल पड़े । पर अभी थोड़ी दूर ही गये थे कि पीछे से आ रही एक कार ने इशारा किया तो एक बार फिर ड्राइवर ने कार रोकी और बोला कि स्पलैश गार्ड फिर से ज़मीन से टकरा रहा है । तो हमने ड्राइवर से कहा कि परी चौक बस पाँच मिनट की दूरी पर रह गया है इसलिये कार को बिलकुल धीरे धीरे चलाये ताकि परी चौक तक हम लोग पहुँच जायें । क्योंकि वहाँ पहुँचकर ही कोई मदद मिल सकती थी ।
अब ये तो हम सभी जानते है कि एक्सप्रैस वे पर ना तो कोई दुकान और ना ही कोई रिपेयर शॉप है । इसी बीच हमने टोयोटा सर्विस सेंटर ग्रेटर नोएडा करके सर्च किया ( गूगल का फ़ायदा ) और सर्विस सेंटर को फोन किया तो पता चला कि उनका शो रूम और सर्विस सेंटर वैनिस मॉल के पास है ।
ख़ैर हम कार लेकर वहाँ पहुँच गये और उनकी वर्कशॉप पर मौजूद एक लड़के को कार दिखाई तो उसने बोला कि पार्ट तो बदल जायेगा पर पेमेंट करना होगा । और ये पूछने पर कि कितना समय लगेगा तो उसने कह कि पन्द्रह मिनट से आधा घंटा । पेमेंट की बात पर हमने कहा कि हमारी कार का तो इंश्योरेंस भी है और वारंटी भी है तो उसमें इस पार्ट को बदल दो। तो उसने कहा कि प्लास्टिक के पार्ट वारंटी और इंश्योरेंस में कवर नही होते है । वैसे तब तक हम ये नहीं जानते थे कि प्लास्टिक के पार्ट की कोई वारंटी या इंश्योरेंस नहीं होता है । ये तो बाद में पता चला । 🙂
तो हमने सोचा कि हमें वापिस दिल्ली भी तो जाना है इसलिये हमने स्पलैश गार्ड का प्राइस पूछा तो उसने तुरन्त बोला साढ़े सात हज़ार । इतना दाम सुनकर हम ज़रा सोच में पड़ गये कि अब करें तो क्या करें । सवाल रूपयों का नहीं था क्योंकि वो कार्ड से भी पेमेंट लेते है । पर चूँकि हम अकेले गये थे तो हम ये निर्णय नहीं ले पाये ।
फिर हमने उससे दूसरा विकल्प बताने को कहा तो उसने कहा कि वो स्पलैश गार्ड को पूरा निकाल देगा क्योंकि वरना कार चलाना मुश्किल होगा । और उसके ये कहने पर कि उस पार्ट के निकाल देने से कार चलाने में कोई ख़तरा नहीं है बस गड्ढों पर सम्भाल कर चलाना होगा । हमने स्पलैश गार्ड निकलवा कर डिक्की में रखवा दिया । चलते समय हमने पूछा कि कुछ पेमेंट करनी है तो उसने मना कर दिया ।
ख़ैर हम वापिस दिल्ली आ गये और कार को टोयोटा सर्विस सेंटर में फोन किया और स्पलैश गार्ड का दाम पूछा तो उन्होंने ने कहा साढ़े तीन हज़ार । जब हमने कार सर्विस सेंटर भेजी तो एक बार फिर वहाँ से फोन आया कि इसका दाम पाँच हज़ार अट्ठारह रूपये है । हमारे पूछने पर कि साढ़े तीन हज़ार से पाँच हज़ार कैसे हो गया तो उधर से जवाब मिला कि डीज़ल कार का के पार्ट का दाम ज़्यादा होता है । अब कार तो बनवानी ही थी पर जब फ़ाइनल बिल आया तो जी.एस.टी वग़ैरा मिलाकर साढ़े छे हज़ार में नया स्पलैश गार्ड लग गया । हमारे ये पूछने पर कि क्या हर स्टेट में हर पार्ट का दाम अलग अलग होता है तो उन्होंने कहा कि नहीं सब जगह एक ही दाम होता है ।
ये सुनकर थोड़ा ग़ुस्सा और आश्चर्य भी हुआ कि कितनी सफ़ाई से टोयोटा ग्रेटर नोएडा सर्विस सेंटर हमसे एक हज़ार रूपये ज़्यादा ले रहा था । ( हम उस लड़के का नाम देखना भूल गये ) पर इसका कारण हमें समझ नहीं आया ।
वैसे टोयोटा कम्पनी से हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी ।
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