दूरदर्शन और दूसरे न्यूज़ चैनल
आजकल तो जैसे न्यूज़ चैनल की भरमार सी हो गई है और हर चैनल तक़रीबन एक से ही समाचार दिखाते है और इतना ज़ोर ज़ोर से बोल कर ख़बर बताते है और अगर कहीं भी कोई डिसकशन हो रहा होता है वहाँ तो लगता है कि जो एंकर के साथ साथ पैनल पर आये हुए बाक़ी के लोग भी सिर्फ़ शोर सा मचाने आये है। हर कोई इतना चिल्लाता हुआ बोलता है कि कुछ समझ ही नहीं आता है । और सबसे मज़ेदार बात कि जब कोई सही बात बोल रहा होता है तो न्यूज़ एंकर फ़ौरन ब्रेक ले लेते है। और एक ही न्यूज़ बार बार दिखाते रहते है। कई बार तो मन दुखी हो जाता है।
इन न्यूज़ चैनल से उकताकर आजकल हमने एक बार फिर दूरदर्शन पर समाचार देखना शुरू किया है। जहां सारे चैनल ज़ोर ज़ोर से बोल रहे होते है और कुछ हाहाकार सा मचा होता है वही दूरदर्शन पर बिलकुल शान्त भाव से उद्घोषिका समाचार पढ़ रही होती है। जिसे देखकर लगा कि आज भी दूरदर्शन मे उदघोषक शान्त और संयमित ढंग से समाचार पढ़ते है। फिर वो चाहे नीलिमा शर्मा हो या ममता चोपड़ा हो या चाहे सकल भट्ट हो। अभी ज़्यादा नाम नहीं याद है क्योंकि अभी हाल ही मे देखना शुरू किया है ना । 😊
इन उदघषिकाओ को देख और सुनकर दूरदर्शन के पुराने उदघोषको की याद ताज़ा हो जाती है जब टी.वी. पर सिर्फ़ दूरदर्शन पर ही हिन्दी और अंग्रेज़ी मे समाचार आते थे । और सबसे अच्छी बात ये थी कि हर उदघोषक या उद्घोषिका का अपना एक स्टाइल होता था । सबका पहनावा ,हेयर स्टाइल ,समाचार पढ़ने का तरीक़ा ,यहाँ तक की पन्ने पढ़ने और रखने का स्टाइल भी सबका अलग था । ( जी हाँ याद तो होगा ना आपको कि पहले न्यूज़ रीडर लिखी हुई न्यूज़ पढ़ते थे और बीच बीच मे आँखें ऊपर करके देखते या जब पन्ने को साइड मे रखते थे तब ऊपर स्क्रीन पर देखते थे। ) 😋
सलमा सुल्तान और उनके बालों मे लगे गुलाब और हेयर स्टाइल को भला कौन भूल सकता है ।उनका ठहराव के साथ समाचार पढ़ना । कोई जल्दी या हड़बड़ी नहीं होती थी । सरला माहेश्वरी का तिल तो वही शोभना जगदीश का जूड़ा और बहुत ही गहरी सी आँखें । मंजरी और उनकी बिंदी ,मीनू तलवार के छोटे बाल तो शीला चमन और वीना मिश्रा का अपना अलग ही स्टाइल , कोमल जी.बी सिंह के खुले बाल और एक हलकी सी मुस्कान जो हमेशा उनके चेहरे पर रहती थी । गीतांजलि अय्यर ,रिनी सिमोन इंग्लिश मे न्यूज़ पढ़ती थी।
पर आजकल हर न्यूज़ चैनल की न्यूज़ रीडर का तक़रीबन एक ही स्टाइल होता है। सब ज़्यादातर एक ही तरह के कपड़े (वेस्टर्न स्टाइल ) एक ही तरह का हेयर स्टाइल मतलब ज़्यादातर खुले बाल और बोलने का तरीक़ा भी लगभग एक जैसा ही होता है। हाँ बस जब कोई पर्व या त्योहार होता है तब ही वो पारम्परिक वेशभूषा मे दिखाई देते है । और इतने सारे नयूज चैनल और न्यूज़ रीडर हो गये है कि समझना मुश्किल हो जाता है कि कौन किस चैनल का है क्योंकि जो कुछ समय पहले तक आजतक पर होता है वो कुछ समय बाद या तो ए.बी .पी न्यूज़ पर या फिर कोई और न्यूज़ चैनल पर दिखाई देता है।
और पुरूष उदघोषको मे वेद प्रकाश ,शममी नारंग जो बड़ी ही गम्भीर आवाज़ मे हिन्दी मे समाचार पढ़ा करते थे । सुमित टंडन और तेजेशवर सिंह इंग्लिश मे न्यूज़ पढ़ते थे । कुछ और भी न्यूज़ रीडर थे पर नाम याद नहीं है।ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिला उदघोषिकाओं का ही अलग स्टाइल होता था पुरूषों का भी एक दूसरे से अलग लहजा़ और स्टाइल था । विनोद दुआ और प्रणव रॉय ने ही सबसे पहले इलेक्शन के पूर्वानुमान का कार्यक्रम शुरू किया था ।
वैसे जब आजतक ,जी़ ,स्टार न्यूज़ और एन.डी.टी.वी जैसे न्यूज़ चैनल नये नये शुरू हुये थे तब इनका न्यूज़ पढ़ने का तरीक़ा काफ़ी अच्छा था और हमने भी दूरदर्शन छोड़कर इन्हें देखना शुरू कर दिया था। पर अब हम इनसे कुछ उकता से गये है इसलिये हमने वापिस दूरदर्शन देखना शुरू कर दिया है । 😀
इन न्यूज़ चैनल से उकताकर आजकल हमने एक बार फिर दूरदर्शन पर समाचार देखना शुरू किया है। जहां सारे चैनल ज़ोर ज़ोर से बोल रहे होते है और कुछ हाहाकार सा मचा होता है वही दूरदर्शन पर बिलकुल शान्त भाव से उद्घोषिका समाचार पढ़ रही होती है। जिसे देखकर लगा कि आज भी दूरदर्शन मे उदघोषक शान्त और संयमित ढंग से समाचार पढ़ते है। फिर वो चाहे नीलिमा शर्मा हो या ममता चोपड़ा हो या चाहे सकल भट्ट हो। अभी ज़्यादा नाम नहीं याद है क्योंकि अभी हाल ही मे देखना शुरू किया है ना । 😊
इन उदघषिकाओ को देख और सुनकर दूरदर्शन के पुराने उदघोषको की याद ताज़ा हो जाती है जब टी.वी. पर सिर्फ़ दूरदर्शन पर ही हिन्दी और अंग्रेज़ी मे समाचार आते थे । और सबसे अच्छी बात ये थी कि हर उदघोषक या उद्घोषिका का अपना एक स्टाइल होता था । सबका पहनावा ,हेयर स्टाइल ,समाचार पढ़ने का तरीक़ा ,यहाँ तक की पन्ने पढ़ने और रखने का स्टाइल भी सबका अलग था । ( जी हाँ याद तो होगा ना आपको कि पहले न्यूज़ रीडर लिखी हुई न्यूज़ पढ़ते थे और बीच बीच मे आँखें ऊपर करके देखते या जब पन्ने को साइड मे रखते थे तब ऊपर स्क्रीन पर देखते थे। ) 😋
सलमा सुल्तान और उनके बालों मे लगे गुलाब और हेयर स्टाइल को भला कौन भूल सकता है ।उनका ठहराव के साथ समाचार पढ़ना । कोई जल्दी या हड़बड़ी नहीं होती थी । सरला माहेश्वरी का तिल तो वही शोभना जगदीश का जूड़ा और बहुत ही गहरी सी आँखें । मंजरी और उनकी बिंदी ,मीनू तलवार के छोटे बाल तो शीला चमन और वीना मिश्रा का अपना अलग ही स्टाइल , कोमल जी.बी सिंह के खुले बाल और एक हलकी सी मुस्कान जो हमेशा उनके चेहरे पर रहती थी । गीतांजलि अय्यर ,रिनी सिमोन इंग्लिश मे न्यूज़ पढ़ती थी।
पर आजकल हर न्यूज़ चैनल की न्यूज़ रीडर का तक़रीबन एक ही स्टाइल होता है। सब ज़्यादातर एक ही तरह के कपड़े (वेस्टर्न स्टाइल ) एक ही तरह का हेयर स्टाइल मतलब ज़्यादातर खुले बाल और बोलने का तरीक़ा भी लगभग एक जैसा ही होता है। हाँ बस जब कोई पर्व या त्योहार होता है तब ही वो पारम्परिक वेशभूषा मे दिखाई देते है । और इतने सारे नयूज चैनल और न्यूज़ रीडर हो गये है कि समझना मुश्किल हो जाता है कि कौन किस चैनल का है क्योंकि जो कुछ समय पहले तक आजतक पर होता है वो कुछ समय बाद या तो ए.बी .पी न्यूज़ पर या फिर कोई और न्यूज़ चैनल पर दिखाई देता है।
और पुरूष उदघोषको मे वेद प्रकाश ,शममी नारंग जो बड़ी ही गम्भीर आवाज़ मे हिन्दी मे समाचार पढ़ा करते थे । सुमित टंडन और तेजेशवर सिंह इंग्लिश मे न्यूज़ पढ़ते थे । कुछ और भी न्यूज़ रीडर थे पर नाम याद नहीं है।ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिला उदघोषिकाओं का ही अलग स्टाइल होता था पुरूषों का भी एक दूसरे से अलग लहजा़ और स्टाइल था । विनोद दुआ और प्रणव रॉय ने ही सबसे पहले इलेक्शन के पूर्वानुमान का कार्यक्रम शुरू किया था ।
वैसे जब आजतक ,जी़ ,स्टार न्यूज़ और एन.डी.टी.वी जैसे न्यूज़ चैनल नये नये शुरू हुये थे तब इनका न्यूज़ पढ़ने का तरीक़ा काफ़ी अच्छा था और हमने भी दूरदर्शन छोड़कर इन्हें देखना शुरू कर दिया था। पर अब हम इनसे कुछ उकता से गये है इसलिये हमने वापिस दूरदर्शन देखना शुरू कर दिया है । 😀
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