भईया बिना राखी


सपने में क्या कभी ऐसा ख्याल भी नहीं आया था कि राखी पर भइया हम लोगों के साथ नहीं होंगें ।


 

जब से होश संभाला है हमेशा भइया की कलाई पर राखी बांधते आये है । बचपन से हर राखी पर भइया हम सभी बहनों को कोई ना कोई सरप्राइज़ देते ही रहते थे । कभी राखी के दिन हम सबको राखी बाँधने के लिये इंतज़ार करवाना,  तो कभी गिफ़्ट देने में तंग करना । और हमारा हर रक्षा बंधन पर रोना (शगुनुआ के तौर पर ) । कभी गिफ्ट के लिए तो कभी रक्षा बंधन का गाना  गाते हुए ।




पिछले साल २०२० में कोरोना की वजह से राखी पर हम सब भाई बहन मिल नहीं पाये थे पर वीडियो कॉल के ज़रिये हम सभी ने राखी मनाई थी । 


 

पर  क्या पता था कि ये हम बहनों की भईया के साथ में आख़िरी राखी है ।




जहां पहले हर राखी हम सब बहनें अपने अपने पसंदीदा रक्षाबंधन के गाने गाते थे

 भईया मेरे राखी के बंधन को निभाना

बहनों ने भाई की कलाई पे प्यार बांधा है

मेरे भईया मेरे चंदा मेरे अनमोल रत्न

ये राखी बंधन है ऐसा 



आज भी हम बहनें तो एक साथ इकट्ठा हुए है पर तुम हम लोगों के साथ नहीं हो । 

 आज इस रक्षा बंधन के दिन तो बस यही गाना मन में बार बार आ रहा है

तुम ना जाने किस जहां में खो गए



राखी का त्योहार तुम्हारे बिना भइया बिलकुल सूना हो गया है । बस भगवान से यही प्रार्थना है कि तुम जहाँ रहो ख़ुश रहो और हम सब पर अपना आशीर्वाद बनाये रखना ।🙏🙏

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