मैचिंग मास्क का कल्चर

कोरोना के चलते मास्क सबसे ज़्यादा पॉपुलर हो रहा है ।

पहले तो कभी भी कोई मास्क में नज़र नहीं आता था पर अब कोई बिना मास्क के नज़र नहीं आता है ।

पर जब हम लोग जापान घूमने गये थे तो वहाँ लोग अलग अलग तरह का मास्क लगाये नज़र आते थे । जो हम लोगों को देखने में अजीब लगा था ।

तो पूछने पर कि यहाँ लोग मास्क लगाकर क्यूँ रहते है ।

हम लोगों की गाइड ने बताया था कि वहाँ अगर किसी को जरा सा भी सर्दी ज़ुकाम होता है तो वो मास्क पहनकर ही बाहर निकलता है । ताकि दूसरे लोगों को इनफ़ेक्शन ना हो ।

और ना केवल बडे लोग बल्कि छोटे छोटे बच्चे भी मास्क लगाते है अगर उन्हें खाँसी ज़ुकाम होता है तो ।

खैर पहले तो अपने यहाँ मास्क कल्चर था नही पर अब तो कम्प्लसरी हो गया है ।

तो भला कपड़े बनाने और बेचने वाली कम्पनियाँ कहाँ पीछे रहती ।

आजकल सूट और कुर्ते से मैचिंग मास्क मतलब जो कुर्ते का प्रिंट डिज़ाइन वहीं मास्क में भी मिल रहा है । 😊

जैसे लहरिया , वाग प्रिंट , राजस्थानी प्रिंट , प्लेन मास्क और प्रिंटेड मास्क जिसमें फूल पत्ती से लेकर कुछ भी बना होता है । बच्चों के लिये कार्टून फ़िगर वाले मास्क ।

मतलब जैसा चाहें , हर वैराइटी उपलब्ध है बाज़ार में ।

तो घर पर मैचिंग मास्क बनाने का झंझट ख़त्म ।

हाँ पर अभी भला घूमने किसे जाना है इतना मैचिंग मास्क पहनकर । पर हाँ जो लोग ऑफ़िस वग़ैरा जाते है ऐसे मास्क उनके लिये फ़ायदेमंद हो सकते है ।



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