फ़्यूशिया पिंक 😜
डिस्क्लेमर -- महज़ पोस्ट समझें अन्यथा ना लें ।🙏🙏
अब आज के फैशनेबल समय में भले ही इसे फ़्यूशिया पिंक कहा जाये पर हम लोग जब बहुत छोटे थे तो ऐसे गुलाबी रंग को सुशीला पिंक कहते थे । 😃
अब इसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी कि कोई सुशीला नाम की महिला ने चटक गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी । तो बस हम लोगों ने बस मस्ती में इस रंग का नाम सुशीला पिंक रख दिया ।
अब वो क्या है कि हम लोगों के शहर में हमारे घर के पास जब भी कोई मेला वग़ैरा लगता था तो इस तरह के गुलाबी रंग की साड़ी और कपडें में औरतें और लड़कियाँ बहुत नज़र आती थी ।
हम लोग अपनी छत पर बैठकर इन सुशीला पिंक को गिना करते थे । क्योंकि ये रंग दूर से चमकता हुआ दिख जाता था । 😛
वैसे बाद में हम लोगों ने ये कहना छोड़ दिया था और उसकी वजह थी कि हम लोगों के बहुत ही क़रीबी जानने वालों में दो लोगों के नाम है । 🙏🙏
अब आज के फैशनेबल समय में भले ही इसे फ़्यूशिया पिंक कहा जाये पर हम लोग जब बहुत छोटे थे तो ऐसे गुलाबी रंग को सुशीला पिंक कहते थे । 😃
अब इसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी कि कोई सुशीला नाम की महिला ने चटक गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी । तो बस हम लोगों ने बस मस्ती में इस रंग का नाम सुशीला पिंक रख दिया ।
अब वो क्या है कि हम लोगों के शहर में हमारे घर के पास जब भी कोई मेला वग़ैरा लगता था तो इस तरह के गुलाबी रंग की साड़ी और कपडें में औरतें और लड़कियाँ बहुत नज़र आती थी ।
हम लोग अपनी छत पर बैठकर इन सुशीला पिंक को गिना करते थे । क्योंकि ये रंग दूर से चमकता हुआ दिख जाता था । 😛
वैसे बाद में हम लोगों ने ये कहना छोड़ दिया था और उसकी वजह थी कि हम लोगों के बहुत ही क़रीबी जानने वालों में दो लोगों के नाम है । 🙏🙏
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