नो टच नो कॉन्टैक्ट

आजकल कोरोना के कारण कोई भी ऑनलाइन सर्विस हो या कोई और तरह की सर्विस हर कोई नो टच नो कॉन्टैक्ट पॉलिसी को फ़ॉलो कर रहा है ।

अमेजॉन तो अपने एड में भी दिखाता है नो कॉन्टैक्ट ।

और इस नो टच और नो कॉन्टैक्ट से हमें वो पुराना ज़माना याद आ रहा है जब हम लोगों की दादी इस तरह किया करती थी और तब हम लोग बहुत ग़ुस्सा करते थे कि दादी ऐसे क्यूँ करती है ।

दादी दिन में दो बार तो जरूर ही नहाती और पूजा करती थी । पर अगर कोई छू जाये तो वो फिर से नहाती थी और पूछने पर कहती कि फ़लाँ से हम छुआ गये है । या फ़लाँ ने हमको छू लिया ।

हम लोगों के पास एक डॉगी था और दादी को उसे छूना और प्यार करना अच्छा तो लगता था पर हर समय वो उसे नहीं प्यार करती या छूती थी । बस वो उसे सिर्फ़ नहाने के पहले ही छूती थी । 😊

दादी की रसोई में कोई घुस नहीं सकता था । कोई सामान आता था तो हमेशा कहती थी वहीं सामान धर दा और जा । फिर वो सामान को थोडा शुद्ध करके उठाती थी और फिर इस्तेमाल करती थी ।

और बहुत शुरू में ना केवल हमारी दादी बल्कि हमारी मम्मी भी ये सब बहुत मानती और करती थी । वो तो बाद में धीरे धीरे मम्मी ने सब कुछ थोडा छोड़ा था पर पूरी तरह से नहीं । बाद में भी वो कुछ बातों को मानती रही थीं ।

अब उस ज़माने में तो इसे छुआछूत ही कहा जाता था । पर मम्मी और दादी लोग अपनी मर्ज़ी से ये सब करती थी ।

पर यह कोरोना तो हम लोगों को ज़बरन यह सब करने को मजबूर कर रहा है । 😡




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