आख़िरकार गरजत बरसत सावन आओ रे

इतने दिन से इंतज़ार करते करते आख़िरकार आज सावन के आने का एहसास हो रहा है ।

अरे पहले तो जब देखो रात के अंधेरे में गरज बरस कर चले जाते थे । पर आज जम कर बरस रहे है । 😊

हम जब छोटे थे तो जब बादल गरजते और बरसते थे तो हम लोग बोलते थे

बरसों राम धड़ाके से

आज तो वैसी ही बारिश हो रही है और सारे बरसात वाले गाने भी मन में आ रहें है । आज पहली बार लग रहा है कि हाँ दिल्ली में मानसून मतलब सावन आया है । वरना अब तो सावन ख़त्म होने में गिने चुने दिन ही बचे है ।

वैसे दिल्ली या यूं कहें कि अब तो किसी भी शहर में जरा ज़्यादा बारिश हुई नहीं कि बस हर तरफ़ पानी ही पानी भर जाता है । जिससे और सदियों तरह की समस्यायें खड़ी हो जाती है ।

सड़कों पर कारें बसें वग़ैरह पानी में फँस जाते है । लोगों को आने जाने में दिक़्क़त का सामना करना पड़ता है ।

वैसे आजकल तो लोग थोडा कम ही बाहर जा रहें है

तो फिलहाल इस सुहावने मौसम का आनंद लेते है । ⛈☔️

वैसे पोस्ट लिखते लिखते बारिश रुक गई है ।😄

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