आसमानी ऊँचाई पर डीज़ल पेट्रोल के दाम क्यूँ ( अनलॉक ३.० )

जब पहला लॉकडाउन शुरू हुआ था उस समय डीज़ल का दाम शायद पैंसठ या सत्तर ऐसा ही कुछ था पर आजकल तो अस्सी रूपये से भी ज़्यादा हो गया है ।

जबकि डीज़ल को हमेशा सस्ता माना जाता रहा है क्योंकि डीज़ल कारों के साथ साथ कमरशियल वाहनों जैसे ट्रक ,टेम्पो वग़ैरा में तो डीज़ल ही इस्तेमाल होता है ।

और डीज़ल हमेशा पेट्रोल से सस्ता भी होता था पर आजकल हालात बदल गये है । डीज़ल पेट्रोल से महँगा हो गया है ।
अजीब बात है पर आजकल कुछ भी हो सकता है ।

फिलहाल तो बढ़ी हुई क़ीमत का हम लोगों पर ज़्यादा असर नहीं है क्योंकि आजकल कोरोना के चलते हम लोग तो घर में ही है इसलिये आजकल कार बहुत कम चलती है वरना अगर पहले की तरह ही घूमते फिरते होते तब इस बढ़ी हुई क़ीमत का असर हम पर भी शायद कुछ होता ।

खैर हम पर तो नही पर इतनी बढ़ी हुई क़ीमत का असर दूसरे लोगों जैसे ट्रक और टैम्पो चलाने वालों पर तो बहुत ही पड़ रहा होगा ।

क्योंकि एक तो पहले ही लॉकडाउन ने सब गड़बड़ कर रखा है उस पर पेट्रोल और डीज़ल की रोज क़ीमत बढ जाती है ।

इस पूरे जून के महीने में रोज कभी दस पैसा तो कभी पन्द्रह पैसे कर कर के पेट्रोल डीज़ल के दाम सरकारें बढ़ाती रहीं है ।

समझ नहीं आता है सारी भरपाई जनता से ही क्यूँ की जाती है ।

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