कपड़े बडी जल्दी ख़राब हो रहें है 🤓 ( अनलॉक २.० ) पन्द्रहवां दिन
अब आप कहेगें कि भला घर में रहते हुये कपड़े कैसे जल्दी ख़राब हो सकते है । अरे हो रहें है ।
आप माने या ना माने पर हमारे कपड़े तो जल्दी ख़राब हो रहें है ।
अब वो क्या है नै कि पहले तो एक दिन में कम से कम तीन या चार बार कपड़े बदलते थे । ओ हो यक़ीन नहीं आ रहा है ।
चलिये बताते है कि कैसे हम इतने कपड़े बदलते थे ।
देखिये पहले सुबह सुबह मॉरनिंग वॉक पर जाने के कपड़े बदलते थे । फिर लौटकर नहा धोकर कपड़े बदलते थे । उसके बाद दिन या शाम को अगर मन हुआ तो मॉल वग़ैरा घूमने जाने या फ़िल्म देखने के लिये एक बार फिर से कपड़े बदल कर तैयार होते थे । 😁
और फिर रात में तो गाउन पहनते ही थे । तो इस तरह कोई भी कपड़ा पूरे दिन नहीं लादते थे मतलब पहनते थे । 😜
पर आजकल क्या है कि सुबह नहाने के बाद जो एक ड्रेस पहनते है वही सारे दिन लादे रहते है । फिर रात में जाकर कहीं नाइटी पहनते है ।
और इसीलिये जो कपड़े हम मार्च में पहन रहे थे उनकी हालत काफ़ी ख़राब सी हो गई तो हमने उन कपड़ों को रिटायर कर दिया । 😂
आप माने या ना माने पर हमारे कपड़े तो जल्दी ख़राब हो रहें है ।
अब वो क्या है नै कि पहले तो एक दिन में कम से कम तीन या चार बार कपड़े बदलते थे । ओ हो यक़ीन नहीं आ रहा है ।
चलिये बताते है कि कैसे हम इतने कपड़े बदलते थे ।
देखिये पहले सुबह सुबह मॉरनिंग वॉक पर जाने के कपड़े बदलते थे । फिर लौटकर नहा धोकर कपड़े बदलते थे । उसके बाद दिन या शाम को अगर मन हुआ तो मॉल वग़ैरा घूमने जाने या फ़िल्म देखने के लिये एक बार फिर से कपड़े बदल कर तैयार होते थे । 😁
और फिर रात में तो गाउन पहनते ही थे । तो इस तरह कोई भी कपड़ा पूरे दिन नहीं लादते थे मतलब पहनते थे । 😜
पर आजकल क्या है कि सुबह नहाने के बाद जो एक ड्रेस पहनते है वही सारे दिन लादे रहते है । फिर रात में जाकर कहीं नाइटी पहनते है ।
और इसीलिये जो कपड़े हम मार्च में पहन रहे थे उनकी हालत काफ़ी ख़राब सी हो गई तो हमने उन कपड़ों को रिटायर कर दिया । 😂
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