पूरा दिन कैसे बीत जाता है , पता ही नहीं चलता है ( लॉकडाउन २.० ) पन्द्रहवां दिन
आजकल घर में समय कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता है । सही कह रहें है ना ।
जबकि कुछ समय पहले मेरा मतलब है लॉकडाउन के पहले अकसर ये बोर होने वाली फीलिंग आ जाती थी । और लगता था मानो समय बीत ही नहीं रहा हो । क्यों कि कुछ करते जो नहीं थे ।
पर पता नहीं जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से सारे काम करने के बावजूद समय बच भी जाता है और पूरा दिन कैसे अच्छे से बीत भी जाता है ।
पहले जहाँ हर काम के लिये हैल्पर का इंतज़ार रहता था कि वो आयेगी तो ये काम होगा वो आयेगी तो वो काम होगा । मतलब सारा दिन सिर्फ़ हर काम के होने के इंतज़ार में ही निकल जाता था ।
पर अब चूँकि हैल्पर का इंतज़ार नहीं है तो सब काम करने के लिये हम लोगों को टाइम मैनेजमेंट आ गया है । 👍👍
और कमाल की बात ये कि पहले बिना कुछ किये ही हम थककर बोर हो जाते थे और कहीं घूमने निकल पड़ते थे ।
पर जब से कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ और सभी हैल्परों का आना बंद हुआ तब से हमने एक बात नोटिस की कि जब से हमने सारा काम करना शुरू किया है तब से दो बातें समझ में आई ।
एक तो ख़ुद काम करने से सारे दिन व्यस्त तो जरूर होते है पर इस काम के चक्कर में पूरा दिन तो बीत ही जाता है ( बिना किसी बोरियत के क्यों कि बोर होने का समय जो नहीं मलता है ) 😊
और दूसरी बात पूरे दिन काम करने के बाद भी बहुत समय बच जाता है जिसमें हम नई नई स्वीट डिशेज बनाते रहते है ( मिठाई की दुकानें जो बंद है ) वैसे हम पहले भी स्वीट डिशेज बनाते थे पर आजकल की तरह नहीं । 😋
हम तो कई बार कुछ बनाने को ये कहकर मना कर देते थे कि अगर सब कुछ घर में ही बनायेंगें तो बाज़ार की दुकानों का क्या होगा । मतलब ना बनाने के ढेरों बहाने ।
पर आजकल तो जैसी अलग अलग तरह की खाने की चीज़ें बना रहें है कि ख़ुद पर ही गर्व सा महसूस होता है ।
नज़र ना लगे, टचवुड । 😝
और ऐसा हम ही नहीं कर रहें है बल्कि ज़्यादातर लोग इस लॉकडाउन में यही सब कर रहें है ।
और इस सब खाना बनाने और स्वीट डिश बनाने के बाद भी खूब समय बचता है जिसमें हम लोग अपने बाक़ी के शौक पूरे करते हैं ।
अब जैसे हमने अपने पुराने गिटार बजाने के शौक को दोबारा जीवित किया है ।
पहले पता नहीं कभी गिटार दोबारा बजाने की इच्छा क्यूँ नही हुई जबकि उस समय तो हम कोई काम भी नहीं करते थे ।
अब आजकल हमारा तो पूरा दिन और समय दोनों खूब मज़े से बीत रहें है । 🤓
आप का क्या हाल है ।
जबकि कुछ समय पहले मेरा मतलब है लॉकडाउन के पहले अकसर ये बोर होने वाली फीलिंग आ जाती थी । और लगता था मानो समय बीत ही नहीं रहा हो । क्यों कि कुछ करते जो नहीं थे ।
पर पता नहीं जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से सारे काम करने के बावजूद समय बच भी जाता है और पूरा दिन कैसे अच्छे से बीत भी जाता है ।
पहले जहाँ हर काम के लिये हैल्पर का इंतज़ार रहता था कि वो आयेगी तो ये काम होगा वो आयेगी तो वो काम होगा । मतलब सारा दिन सिर्फ़ हर काम के होने के इंतज़ार में ही निकल जाता था ।
पर अब चूँकि हैल्पर का इंतज़ार नहीं है तो सब काम करने के लिये हम लोगों को टाइम मैनेजमेंट आ गया है । 👍👍
और कमाल की बात ये कि पहले बिना कुछ किये ही हम थककर बोर हो जाते थे और कहीं घूमने निकल पड़ते थे ।
पर जब से कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ और सभी हैल्परों का आना बंद हुआ तब से हमने एक बात नोटिस की कि जब से हमने सारा काम करना शुरू किया है तब से दो बातें समझ में आई ।
एक तो ख़ुद काम करने से सारे दिन व्यस्त तो जरूर होते है पर इस काम के चक्कर में पूरा दिन तो बीत ही जाता है ( बिना किसी बोरियत के क्यों कि बोर होने का समय जो नहीं मलता है ) 😊
और दूसरी बात पूरे दिन काम करने के बाद भी बहुत समय बच जाता है जिसमें हम नई नई स्वीट डिशेज बनाते रहते है ( मिठाई की दुकानें जो बंद है ) वैसे हम पहले भी स्वीट डिशेज बनाते थे पर आजकल की तरह नहीं । 😋
हम तो कई बार कुछ बनाने को ये कहकर मना कर देते थे कि अगर सब कुछ घर में ही बनायेंगें तो बाज़ार की दुकानों का क्या होगा । मतलब ना बनाने के ढेरों बहाने ।
पर आजकल तो जैसी अलग अलग तरह की खाने की चीज़ें बना रहें है कि ख़ुद पर ही गर्व सा महसूस होता है ।
नज़र ना लगे, टचवुड । 😝
और ऐसा हम ही नहीं कर रहें है बल्कि ज़्यादातर लोग इस लॉकडाउन में यही सब कर रहें है ।
और इस सब खाना बनाने और स्वीट डिश बनाने के बाद भी खूब समय बचता है जिसमें हम लोग अपने बाक़ी के शौक पूरे करते हैं ।
अब जैसे हमने अपने पुराने गिटार बजाने के शौक को दोबारा जीवित किया है ।
पहले पता नहीं कभी गिटार दोबारा बजाने की इच्छा क्यूँ नही हुई जबकि उस समय तो हम कोई काम भी नहीं करते थे ।
अब आजकल हमारा तो पूरा दिन और समय दोनों खूब मज़े से बीत रहें है । 🤓
आप का क्या हाल है ।
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