राम राम करते पाँच महीना हो गया

अब तो हर महीने की पच्चीस तारीख़ का इंतज़ार रहता है क्योंकि इसी से कोरोना के कारण हुये लॉकडाउन और अनलॉक के महीने पूरा होने का पता चलता है ।

अब यूँ तो काफ़ी बाज़ार और होटल वग़ैरा खुल गये है पर अभी ज़्यादा बाहर जाने की हिम्मत नहीं होती है । और फिलहाल ऐसी कोई ज़रूरत भी नहीं लग रही है ।

अब वो क्या है ना कि घर में रहते रहते कुछ ऐसी ही आदत सी हो गई है कि बाहर जाने की इच्छा ही ख़त्म सी होती जा रही है । अभी तो ऐसा ही लगता है । 😳

अब तो ऑनलाइन शॉपिंग की भी ऐसी लत सी लग गई है कि अगर हफ़्ते दस दिन में अमेजॉन से कुछ ऑर्डर ना करो तो बडा ख़ाली ख़ाली और अजीब सा लगता है ।

ठीक वैसे ही जैसे कोरोना के पहले अगर चार छे दिन में कहीं मार्केट या मॉल ना घूमने जाने पर महसूस होता था । 😜

खैर आज तो हम लोगों की वर्चुअल किटी है तो आज ज़्यादा कुछ नहीं ।

वर्चुअल किटी है तो क्या हुआ , किटी में जाने की तैयारी भी तो करनी है । 😂

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