इस बार राखी कुछ अलग सी

अब कोरोना ना जाने का नाम ले रहा है और ना ही ख़त्म होने का । और ये त्योहार भी कोरोना की भेंट चढ़ गया ।


तो ज़ाहिर सी बात है कि इस साल राखी भी ऐसे ही अपने घर पर रहकर ही मनाना है । ना किसी को आना और ना किसी को जाना ।

भले आना जाना नहीं है तो क्या राखी तो राखी है ।

पर हाँ इस बार राखी कुछ अलग सी हो रही है ।

इस बार तो ऑनलाइन ही सब भाई-बहन मिलेंगें ।

घर पर ही बनी मिठाई अपने - अपने घर पर खायेंगें ।

अब जहाँ पिछले साल तक राखी के लिये हम बाज़ार से मिठाई वग़ैरा ख़रीद लाते थे वहीं इस साल राखी के लिये मिठाई घर पर ही बनानी है ।

अब वैसे भी हम लोगों के यहाँ त्योहार पर खाना बनाने का ही इतना काम हो जाता है उस पर से मिठाई बनाने का भी काम बढ गया है । 😏

अब काम बढ़े या जो भी हो मिठाई तो बनानी ही है । आख़िर रक्षाबंधन का त्योहार है ।

खैर हमने तो शुरूआत कर भी दी । हमने बूंदी के लड्डू बना लिये है ट्रायल के तौर पर।  लड्डू बाज़ार जैसे बराबर तो नहीं है पर ख़ुद से बनाये है । और पहले इसलिये बना लिये क्योंकि ऐन त्योहार के दिन बनाने में गड़बड़ हो जाये तो बस ।

वैसे पहले ट्रायल में तो बूंदी ही ठीक से नहीं बनी थी । तो लड्डू की जगह उसका रायता बनाना पड़ गया । 😝

अब आज बाक़ी मिठाई भी बना लेगें वरना बाद में बहुत काम बढ जायेगा । 😃

चलिये आप लोग भी रक्षा बंधन की तैयारी करिये । मिठाई बनाइये , पकवान बनाइये । और फोटो लगाइये । 👍😁

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