गुरु घंटाल corona
सबसे पहले तो सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
और हमारे सभी शिक्षकों को सादर नमन🙏🙏
शिक्षक मतलब जो आपको शिक्षा दे ।
और ऐसी शिक्षा की शुरुआत सबसे पहले तो घर से ही होती है। जहां मां पापा बाबा दादी भईया दीदी जो समय समय पर कोई ना कोई शिक्षा देते रहते है जो हमारे जीवन के लिए बहुत अहम होती है ।
स्कूल और यूनिवर्सिटी जहां शिक्षक हमारी सोच और मानसिकता दोनों को सही दिशा देते है ।
दोस्त जो हमारे मन के अन्दर के बच्चे को हमेशा जिन्दा रखने की शिक्षा देते है ।
और जीवन जो हमें हर पल एक नया अध्याय पढ़ाता है और हमें उस हर अध्याय को अच्छे से समझ बूझ कर उसकी परीक्षा में पास होते रहना होता है । हां कभी कभी फेल भी होते है।
और इस बार तो जीवन ने जितना विकट , कठिन और बड़ा अध्याय दिया है उतना ही जटिल गुरु भी दिया है ।
Corona -- जो अध्याय भी है और गुरु भी है जिसे पढ़ते पढ़ाते छ: महीने होने को आ रहे है । पर अभी तक ये ज्यादा कुछ समझ नहीं आया है कि कैसे इसको पढ़ें ।
पर फिर भी हम सभी अपनी पूरी कोशिश कर रहे है जीवन के इस पाठ्यक्रम को अपनी अपनी तरह से पढ़ने की ।
यूं तो इसे पढ़ते पढ़ाते हुए छः महीने हो रहें है । और इतने दिन में जो इसने सिखाया वो ये कि कम और सीमित संसाधनों में भी ना सिर्फ रहा बल्कि खुशी से रहा जा सकता है ।
कहीं बाहर गए बिना भी घर पर रहकर हम बहुत कुछ सीख सकते है बहुत कुछ कर सकते है ।
फर्स्ट सेमिस्टर की परीक्षा में हमारी नॉर्मल सी जिन्दगी को ऐसा झटका दिया कि संभलते संभलते भी बहुत वक्त लग गया।
अब छमाही की परीक्षा की तैयारी चल रही है ।
चन्द लाइनें जीवन के इस नए गुरु पर
गुरु कोरोना
तुम क्या आए
कि जीवन के मायने ही बदल गए
तुमने जीवन का ऐसा
मंत्र दिया कि
सब कुछ जानते बूझते भी
हम जिसे जिन्दगी की
आपा धापी में भूल गए थे
उसे तुमने दोबारा बताया
पर अब बहुत हो गया
अब तो तुम गुरु से
गुरु घंटाल बन गए हो।
बहुत हुआ
अब तुम भी रिटायर हो
और अपने घर जाओ ।
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