सतवां महीना लग गया

कल यानि पच्चीस तारीख़ से सतवां महीना शुरू हो गया है ।

किसका ?

अरे कोरोना का और किसका । ☹️

देखते देखते और काम करते करते इतने महीने हो गये पर कोरोना रूकने का , जाने का नाम ही नहीं ले रहा है । सबकी नाक में दम कर रखा है । और जाना तो दूर उलटा दिन दूनी रात चौगुनी रफ़्तार से बढ़ता ही जा रहा है । 😡

ना घूमने की आज़ादी ना ही कहीं आने जाने की ।😒

वैसे छठां महीना अच्छा गुज़रा क्योंकि बर्तन और पोछे से निजात जो मिल गई थी , अरे मतलब पार्वती के आने से कम से कम इन दो कामों से तो छुटकारा मिल ही गया है । और बाक़ी काम तो हो ही जाते है ।

तो चलिये सातवें महीने को भी विभिन्न प्रकार के भोजन और मिठाई बनाकर बिताया जाये ।

क्योंकि कोरोना काल में सिर्फ़ एक यही काम है जो निरन्तर चल रहा है बिना किसी रुकावट के । और मनोरंजन का भी ये एक अच्छा साधन रहा है क्योंकि अगर चीज़ अच्छी बन जाये तो बढ़िया और ना बने तो एक और ट्रायल करो । 😜

वैसे भी कोरोना वो बला है जो गोद भराई के बाद चली जाये तो ग़नीमत समझो ।



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