हमें काम पर आना है ( लॉकडाउन ४.० ) पाचवां दिन
हमारी हैल्पर पार्वती काम पर आने के लिये बहुत इच्छुक है । और हम उसे बार बार मना कर रहें है ।
अभी कल ही उससे फोन पर बात हुई थी । और पूछने पर कि उसका क्या हाल है । वो बोली कि हमें काम पर आना है ।
तो हमने कहा कि अभी फिलहाल तो इकतीस मई तक लॉकडाउन है तो अभी तो मत आओ । उसके बाद हम बतायेंगे ।
तो पिछली बार की ही तरह वो कहने लगी कि हम इतने दिन से घर में ही रह रहें है । शुरू का एक महीना तो ठीक से निकल गया पर अब हम घर से थोडा बाहर निकलना चाहते है ।
हमने कहा कि घरवालों को जो तुमने हमारे यहाँ काम करते हुये खाना बनाना सीखा है वो सब बनाकर खिलाओ तो तपाक से बोली कि वो सब शुरू में बनाकर खिलाया ।
अब सब बनाने का मन नहीं करता है । घर में हमें उकताहट सी हो रही है ।
तो हमने उससे कह दिया कि अभी तो कुछ और दिन लगेंगें तुम्हें काम पर आने में क्योंकि अभी तो कोरोना ज़्यादा फैलना शुरू हो गया है ।
ये सुनकर वो बोली हाँ दीदी । बेचारी थोडा दुखी हो गई थी ।
पर हम भी क्या करें । अभी तो हम उसे काम पर बुलाने की हिम्मत भी नहीं कर सकते है ।
अभी कल ही उससे फोन पर बात हुई थी । और पूछने पर कि उसका क्या हाल है । वो बोली कि हमें काम पर आना है ।
तो हमने कहा कि अभी फिलहाल तो इकतीस मई तक लॉकडाउन है तो अभी तो मत आओ । उसके बाद हम बतायेंगे ।
तो पिछली बार की ही तरह वो कहने लगी कि हम इतने दिन से घर में ही रह रहें है । शुरू का एक महीना तो ठीक से निकल गया पर अब हम घर से थोडा बाहर निकलना चाहते है ।
हमने कहा कि घरवालों को जो तुमने हमारे यहाँ काम करते हुये खाना बनाना सीखा है वो सब बनाकर खिलाओ तो तपाक से बोली कि वो सब शुरू में बनाकर खिलाया ।
अब सब बनाने का मन नहीं करता है । घर में हमें उकताहट सी हो रही है ।
तो हमने उससे कह दिया कि अभी तो कुछ और दिन लगेंगें तुम्हें काम पर आने में क्योंकि अभी तो कोरोना ज़्यादा फैलना शुरू हो गया है ।
ये सुनकर वो बोली हाँ दीदी । बेचारी थोडा दुखी हो गई थी ।
पर हम भी क्या करें । अभी तो हम उसे काम पर बुलाने की हिम्मत भी नहीं कर सकते है ।
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