अपने पैरों पर खडे होना ( लॉकडाउन ३.० ) दसवां दिन

क्या अभी भी कोई शक है ।

नहीं बिलकुल नहीं ।

अपने पैरों पर तो हम लोग हमेशा से ही खडे थे पर पूरी तरह से नहीं । 😉

हमेशा हैल्परों पर निर्भर ।


पर पिछले दो महीने के इस लॉकडाउन और कोरोना ने हमें अपने पैरों पर खड़ा होना सिखा दिया । और दूसरों पर जैसे हैल्पर वग़ैरा पर निर्भर रहना बिलकुल ही छुड़ा दिया ।

अब तो लगता है हैल्पर की कोई ज़रूरत ही नहीं है ।

पहले तो कभी ऐसा मन में ख़याल भी नहीं आया था कि कभी इस तरह से हम अपने पैरों पर खडे होकर आत्म निर्भर हो जायेगें ।

पर वो कहते है ना कि हर बात हमारे भले के लिये होती है । और अब ये बात पूरी तरह से समझ आ गई है । 🤣


और हां उस गाने की लाइन तो याद ही होगी

कि लो भईया हम अपने पैरों पे खडे हो गये ..... 😂

तो हम तो अपने पैरों पर खडे हो गये और आप । 😊

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