ये कैसा विसर्जन पुराने देवी देवता का
अब आजकल ज़्यादातर पेड़ों के नीचे हर तरह के भगवान की मूर्ति ,फ़ोटो, माला और यहाँ तक की देवी माँ पर चढ़ाई हुई चुनरी और कभी कभी प्रसाद भी लोग रख देते है । पर हमें एक बात समझ नहीं आती है कि आख़िर पेड़ों के नीचे क्यूँ रखते है ।
पहले तो लोग नदी में भगवान की पुरानी मूर्ति और फूल माला प्रवाहित कर देते थे । और समय के साथ ये फ़ोटो और मूर्तियाँ गल जाती रही होंगीं । पर पिछले कुछ सालों से जब से नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिये नदियों मे फूल माला और मूर्ति विसर्जन पर रोक लगी तब से जहाँ तहाँ पेड़ों के नीचे भगवान की तस्वीर वग़ैरह दिखने लगी है ।
जिस भगवान को आप घर के मन्दिर में रखकर पूजते है उन्हें कैसे इस तरह से पेड़ों के नीचे रख सकते है । पेड़ों के नीचे रखे भगवान की मूर्ति और फ़ोटो पर कुत्ते -बिल्ली गंदा करते है । जिसे देखकर बहुत दुख और अफ़सोस होता है और लगता है कि इस संसार में किसी का भी कोई महत्त्व नहीं है ।
हमारे घर के आस पास दो तीन बड़े बड़े पेड़ है जहाँ हर रोज़ कुछ नई फ़ोटो या मूर्ति लोग रख देते है । कभी कभी सफ़ाई करने वाले पेड़ों के नीचे से भगवान की तस्वीर वग़ैरह उठाकर सड़क के पार दीवार के सहारे भगवान की फ़ोटो और मूर्तियाँ रख देते है पर धीरे धीरे अब वो दीवार भी भर गई है पर पेड़ों के नीचे मूर्ति रखने का सिलसिला ख़त्म नहीं हुआ है ।
अभी नवरात्र आने वाले है । नौ दिन तो लोग खूब पूजा पाठ करते है और उसके बाद सब फूल माला वग़ैरह पेड़ के नीचे फेंक जाते है । अरे भाई ये कैसी पूजा हुई । हमारी तो समझ से परे है ।
पहले तो लोग नदी में भगवान की पुरानी मूर्ति और फूल माला प्रवाहित कर देते थे । और समय के साथ ये फ़ोटो और मूर्तियाँ गल जाती रही होंगीं । पर पिछले कुछ सालों से जब से नदियों में प्रदूषण को रोकने के लिये नदियों मे फूल माला और मूर्ति विसर्जन पर रोक लगी तब से जहाँ तहाँ पेड़ों के नीचे भगवान की तस्वीर वग़ैरह दिखने लगी है ।
जिस भगवान को आप घर के मन्दिर में रखकर पूजते है उन्हें कैसे इस तरह से पेड़ों के नीचे रख सकते है । पेड़ों के नीचे रखे भगवान की मूर्ति और फ़ोटो पर कुत्ते -बिल्ली गंदा करते है । जिसे देखकर बहुत दुख और अफ़सोस होता है और लगता है कि इस संसार में किसी का भी कोई महत्त्व नहीं है ।
हमारे घर के आस पास दो तीन बड़े बड़े पेड़ है जहाँ हर रोज़ कुछ नई फ़ोटो या मूर्ति लोग रख देते है । कभी कभी सफ़ाई करने वाले पेड़ों के नीचे से भगवान की तस्वीर वग़ैरह उठाकर सड़क के पार दीवार के सहारे भगवान की फ़ोटो और मूर्तियाँ रख देते है पर धीरे धीरे अब वो दीवार भी भर गई है पर पेड़ों के नीचे मूर्ति रखने का सिलसिला ख़त्म नहीं हुआ है ।
अभी नवरात्र आने वाले है । नौ दिन तो लोग खूब पूजा पाठ करते है और उसके बाद सब फूल माला वग़ैरह पेड़ के नीचे फेंक जाते है । अरे भाई ये कैसी पूजा हुई । हमारी तो समझ से परे है ।
Comments