रक्षाबंधन और कितनी सारी यादें

सबसे पहले सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें ।

रक्षाबंधन या राखी का त्योहार भाई बहन के रिश्ते की मज़बूत डोर । इस त्योहार से ना जाने कितने किससे जुड़े है । हमें पक्का यक़ीन है कि ना केवल हमारे बल्कि सभी के दिल में राखी की बहुत सारी खट्टी - मीठी यादें होंगीं ।

बचपन में तो राखी का बड़ा इंतज़ार रहता था और हमारे भइया हर बार कुछ नया तोहफ़ा हम सब बहनों को देते थे । पर हर बार हम राखी में रोते भी ज़रूर थे क्योंकि राखी बाँधने में हमारा नम्बर सबसे आख़िर में आता था और सब बड़ी दीदी लोगों को भइया कुछ ना कुछ गिफ़्ट देते और जब हम राखी बाँधते तो बड़े मज़े से कहते कि अरे तुम्हारे लिये तो कुछ बचा ही नहीं है । और बस इतना सुनते ही हमारे आँसुओं का नल चालू हो जाता था और तब भइया चुपके से हमारा गिफ़्ट हमें देते और हम रोते रोते हँसने लगते थे ।पापा मम्मी हमेशा कहते थे कि तुम हर बार क्यूँ रोती हो जब तुम्हें पता है कि भइया तुम्हें गिफ़्ट देगें पर हमारा बालमन क्या करे । 😛

अब रोने का क्या कहें हम तो जब राखी बाँधते हुये गाना भी गाते है तो गाते गाते आँसू अनायास ही निकल आते है । हमारे घर में तो सब कहते थे कि ज़रा कुछ हुआ नहीं कि इनका नल (आँसुओं ) खुल जाता है । अब क्या करे कोमल ह्रदय है ना । 😋

एक राखी पर जब सुबह सुबह हम सब बहनें तैयार हुई तो पता चला कि भइया तो घर पर ही नहीं है । अब उस समय मोबाइल फोन का ज़माना तो था नहीं कि फोन करके पूछ लो कि भाई तुम कहाँ हो । इंतज़ार करते हुये दस बज गये साढ़े दस बज गये पर भइया का कहीं कोई पता ही नहीं । बाक़ी तो नहीं पर हमारा भूख के मारे बुरा हाल था । शायद ग्यारह बजे के आस पास भइया आये और हम लोगों ने राखी तो बाँधी साथ ही उन्हें खूब बोला कि तुम सुबह सुबह कहाँ घूमने चले गये और हम सब राखी लेकर इंतज़ार कर रहे है । मम्मी ने भी कहा कि सब बहनें सुबह से भूखी प्यारी बैठी है तुम कहाँ चले गये थे ।

खैर भइया ने कुछ कहा नहीं बस मुस्कुराये और हम बहनों ने एक एक करके उन्हें राखी बाँधी और तब भइया ने हम सबको रूपये दिये तो हमने मुँह फुलाते हुये कहा कि एक तो इतनी देर में आये और अब बस रूपये और तब फिर धीरे से भइया ने गायक मुकेश के लंदन कॉन्सर्ट के दो एल.पी. रिकॉर्ड का सेट निकाल कर हम सब बहनों को गिफ़्ट दिया । उस ज़माने में रिकॉर्ड का बड़ा शौक़ था हम सबको । हम सब रिकॉर्ड पाकर खूब ख़ुश हुई थी । और फ़ौरन स्टीरियो पर चलाया था ।

वैसे भइया का हम लोगों को इस तरह के सरप्राइज़ देना हमेशा जारी रहा । कभी तनिषक से हम सब बहनों को शॉपिंग कराना तो कभी कुछ और ।

तो चलिये रक्षाबंधन मनाइये और ख़ुश रहिये ।

आज की पोस्ट भइया के नाम । 😏

Comments

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन