यादें हमें क्यूँ अच्छी लगती है

कई बार क्या अकसर ऐसा होता है कि हम जब भी पुरानी बातें या समय याद करते है तो मन एक अजीब सी ख़ुशी से भर जाता है । और उस दौरान हम उस बीते हुये लम्हे को पुन: जी लेते है ।

ऐसा नहीं है कि बीते हुये समय में सब कुछ बिलकुल हमारी मनमर्ज़ी से हुआ होगा या कभी कुछ बुरा नहीं हुआ होगा पर फिर भी हमेशा पुराना समय और पुरानी बातें मन को ख़ुश कर देती है । हमें अच्छे से याद है जब हम छोटे थे तो हमारे बाबा अपने ज़माने की बातें करते थे तो हम लोगों को लगता था कि बाबूजी हमेशा पुरानी बातें ही क्यूँ करते है पर अब समझ आया कि बीते हुये दिन हमेशा दिल को ख़ुश करते है ।

अब ऐसा भी नही है कि वर्तमान में कुछ अच्छा नही हो रहा है पर ना जाने क्यूँ हम बार बार यादों में जाना पसंद करते है । वो शायद इसलिये क्योंकि उन यादों से हम अपने खोये हुये माँ पापा ,बचपन,स्कूल कॉलेज के मस्ती भरे दिन ,( जो शायद उस समय इतने मस्ती भरे नहीं लगते थे क्योंकि तब पढ़ाई का थोड़ा बहुत दबाव होता था ) सब को बार बार जीते है ।

पर हाँ कभी कभी पुरानी यादें मन को उदास और दुखी भी करती है । और आँखों को नम भी करती है ।

जब भी पुरानी फ़ोटो या वीडियो देखो तो वो समय ,जगह और उससे जुड़ी सारी बातें आँखों के सामने आ जाती है । वो चाहे अपने बचपन की हो या हमारे बच्चों के बचपन की ,राखी या तीज त्योहार ( होली दिवाली )की हो या कहीं घूमने की या पुराने घर की ही क्यूँ ना हो ।

जैसे पिछले साल हमारे स्कूल के री यूनियन में हम सब चार दशक के बाद इकट्ठे हुये थे और खूब धमाल ,नाच गाना,गप्पें हुई और इन सबके वीडियो और फ़ोटो ली गई और जब भी हम उन वीडियो को देखते है तो अनायास ही हँसी आ जाती है और वो सारी मौज मस्ती आँखों के सामने घूम जाती है । और हम लोग स्कूल गुरूप पर जब तब उन फ़ोटो और वीडियो को शेयर करके बार बार उस पल को जीते है और ख़ुश होते है ।

अब आख़िर किशोर कुमार का वो गाना यूँ ही तो नहीं बना है ।

कोई लौटा दे मेरे बीते हुये दिन

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