बायोमेट्रिक्स है तो क्या फ़िकर

अब इस कोरोना के चलते सीनियर सिटिज़न को बैंक या ऑफिसों में जाकर जीवन प्रमाण सर्टिफ़िकेट देना भी ख़तरे से ख़ाली नहीं है । क्योंकि कई बार सारी एहतियात बरतने के बाद भी लोग कोरोना से संक्रमित हो जाते है ।


हालाँकि अब तो कोरोना से लोग कम डरते है । पर दिसम्बर तक तो डरते ही थे ।

अक्टूबर से हमारे यहाँ भी पतिदेव को अपना ये सर्टिफ़िकेट देने के लिये मैसेज आता रहता था कि आप अपना जीवन प्रमाण सर्टिफ़िकेट जमा करा दीजिये ।

और नवम्बर बीतते बीतते तो घर में अकसर ही ये बात होती कि लाइव सर्टिफ़िकेट देने के लिये बैंक जाना है । कब और कैसे जायें ।

पर उन दिनों कोरोना का क़हर और डर और फिर बैंक सिर्फ़ इस सर्टिफ़िकेट के लिये जाना ,कोई बहुत अच्छा डिसिजन नहीं लग रहा था ।

जब भी मैसेज आता तो बैंक जाने के विचार पर घर में बात होती कि सर्टिफ़िकेट देना भी ज़रूरी है । हालाँकि उस समय दिसम्बर तक डेट बढ गई थी ।

फिर बेटे ने सर्च किया तो पता चला कि ये सर्टिफ़िकेट ऑनलाइन भी दिया जा सकता है ।

और इसके लिये ये ज़रूरी नहीं है कि आप ख़ुद पर्सनली बैंक या ऑफ़िस जाकर ही ये सर्टिफ़िकेट दीजिये ।

और इसके लिये सरकार द्वारा बनाई गई जीवन प्रमाण सर्टिफ़िकेट साइट पर जाकर रजिस्टर करके ये किया जा सकता है ।

पर इसके लिये आधार कार्ड , अपना पेंशन नम्बर और बायोमेट्रिक्स यानि ऊँगली का निशान वग़ैरा भी भेजना होता है ।

अब उँगली के निशान के लिये बायोमेट्रिक्स मशीन की ज़रूरत थी ।

तो अमेजॉन पर झट से ढूँढी गई ये मशीन और फट से ऑर्डर कर दी गई । और अगले दिन बायोमेट्रिक्स मशीन घर पर आ गई ।और हाँ इसकी क़ीमत तकरीबन दो हज़ार रूपये है ।

बस फिर क्या था घर बैठे ही पतिदेव ने अपना जीवन प्रमाण सर्टिफ़िकेट जमा कर दिया । और चौबीस घंटे बाद बैंक से कंफ़रमेशन भी आ गया ।

ना कोई टेंशन ना कोई कहीं जाने की झंझट ।

नोट -- इसमें हमारे नये फोन नहीं चले ( क्यूँ , वो पता नहीं ) बल्कि दो साल पुराने फोन से काम चलाना पड़ा था । 😜

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