मकर संक्रान्ति यानि खिचड़ी

सबसे पहले तो सभी को मकर संक्रान्ति यानि खिचड़ी की हार्दिक शुभकामनायें । 🙏

ऊपर खिचड़ी पढ़कर कहीं आप कन्फ़्यूज तो नहीं हो गये ।


अरे वो क्या है ना कि आज के दिन यानि मकर संक्रान्ति के दिन हम लोगों के यहाँ छिलके वाली उरद दाल की खिचड़ी और तैहरी ही बनती है ।

इलाहाबाद में तो आज के दिन गंगा नहाने का भी बडा महत्त्व होता है । हम लोग भी पहले खिचड़ी पर संगम नहाने जाते थे ।

खिचड़ी यानि मकर संक्रान्ति के लिये पहले से तैयारी शुरू हो जाती है । जब हम छोटे थे तो हमें तैयारी से तो कोई मतलब नहीं होता था पर हाँ काले तिल के लडडू , सफ़ेद तिल की और मेवे की पट्टी खाने का बडा इंतज़ार रहता था । और ये सब बनने के बाद हम लोग घूम घूमकर बस खाते ही रहते थे । 😁

इलाहाबाद में क्या हम यहाँ भी आज के दिन सबसे पहले नहाकर सिद्धा छूना और दान करना जिसमें छिलके वाली उरद दाल ,चावल , आलू,नमक, काले तिल का लडडू और पैसा और फिर सबसे पहले काले तिल का लडडू खाना । उसके बाद ही कुछ और खाना ।

खैर अब तो हमको ही ये सब बनाना और करना पड़ता है । पर अगर त्योहार में नहीं बनायेंगें तो भला कब बनायेंगे । 😋

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