नाम में क्या रक्खा है
आजकल नाम बदलने का रिवाज कुंछ बढ़ता सा लग रहा है ।
वैसे न्यूज़ पेपर के एक कॉलम में पढ़ने को मिलता है कि फ़लाँ ने अपना नाम बदल लिया है । या फ़लाँ ने अपना सरनेम बदल लिया है ।
वैसे कभी कभी दसवीं में भी लोग अपना नाम बदल लेते है और कभी कभी शादी के बाद लड़कियों का नाम बदल दिया जाता था ( और शायद है )जो कि किसी का भी निजी फ़ैसला हो सकता है ।
समय बदला और फिर सड़कों और शहरों के नाम बदले जाने लगे ।
चलो भाई ये भी ठीक है ।
पर लो अब तो फल का नाम भी बदलना शुरू हो रहा है ।
सुना तो होगा ना कि ड्रैगन फ़्रूट का नाम अब बदलकर कमलम कर दिया गया है । क्योंकि ये एक चाइनीज़ फल है और नाम भी ।
और क्या ड्रैगन नाम वाले रेस्टोरेंट का भी नाम बदला जायेगा मसलन गोल्डन ड्रैगन को क्या अब सुनहरा कमलम कहेंगें । 😁😁
और तो और तो हम ये सोच रहें है कि अब चीनी को चीनी ही कहें या इसके नये नामकरण का इंतज़ार करें । 😝
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