अपना काम स्वयं करो ( चौथा दिन )



अब आजकल कोरोना के चलते हर कोई सेल्फ़ कवैरंटाईन में है । और इस कवैरंटाईन के चलते तो हम सभी पर ये बात सही बैठ रही है ।क्यूँ क्या कुछ ग़लत कह रहें है ।


हालाँकि पहले भी तो थोड़ा बहुत काम हम लोग करते थे पर फिर धीरे धीरे काम करने की आदत छूटती सी गई । पर आजकल तो बस काम ही काम ।



और काम किये बिना चारा भी तो नहीं है । अब इक्कीस दिन का समय कोई कम तो है नहीं । और फ़िलहाल आगे की भी कोई गारंटी नही है ।😳

क्योंकि ना तो इतने दिन तक घर को बिना साफ़ सफाई के रखा जा सकता है और ना ही खाना बनाये बग़ैर रहा जा सकता है । हाँ कभी कभी काम को शॉर्ट कट तरीक़े से भले किया जा सकता है । पर चूँकि गरमी का मौसम शुरू हो रहा है तो थोड़ी धूल धककड भी होनी शुरू हो रही है ।

और उससे उबरने का सबसे सही तरीक़ा है कि हर कोई अपना काम स्वयं करे । और अगर ज़्यादा काम हो तो मिल बॉंटकर भी करें । क्योंकि घर में यूँ भी पूरे दिन कुछ ना कुछ काम हो ही जाता है ।

वैसे आपका तो पता नहीं पर हमें आजकल अपने से काम करने में एक अलग तरह की अनुभूति सी हो रही है । फ़िलहाल तो अच्छी ही हो रही है ,आगे का पता नहीं। 😀



बक़ौल हमारी दीदी हम सबको अपना काम स्वयं करते हुये देखकर गांधी जी की आत्मा को बहुत शांति मिल रही होगी कि सारा देश स्वालंबी बन रहा है ।



और ये भी तो सुना होगा



दुनिया में रहना है तो काम करो प्यारे 🤓


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