क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?
आप लोग भी सोच रहे होंगे कि हम भी कहाँ सुबह-सुबह चमगादड़ (bats)की बात ले बैठे है । पर क्या करें । यहाँ गोवा मे इन सब जीवों से फ़िर से मुलाकात जो हो गई है । :)
अब है तो ये सवाल थोड़ा बेतुका पर क्या करें । असल मे यहाँ हमारे घर मे जो पेड़ है जिसमे कुछ चमगादड़ भी रहते है । वैसे पेड़ मे लटके हुए ये काफ़ी अच्छे लग रहे है । ( वैसे भी फोटो तो दिन में खींची है और ये एक साल पुरानी फोटो है । अरे मतलब की अब ये चमगादड़ भी बड़े हो गए है । ) दिन भर तो नही पर हाँ शाम को जैसे ही अँधेरा होने लगता है कि ये पेड़ से निकल कर चारों ओर उड़ने लगते है । और कभी-कभी काफ़ी नीचे-नीचे उड़ते है । कई बार तो ऐसा लगता है कि सिर छूते हुए ही उड़ रहे है । तो इस डर से की कहीं ये सिर के बाल ना नोच ले ,हम झट से सिर को हाथ से ढक लेते है ।
हम लोग रोज शाम को बाहर बैठते है पर जैसे ही चमगादड़ उड़ने लगते है तो हम लोग घर के अन्दर आ जाते है । वो क्या है कि हमेशा से सुनते आ रहे है कि अगर चमगादड़ सिर पर बैठ जाए तो वहां से बाल नोच लेता है । इसीलिए चमगादड़ को देखते ही हम घर मे आ जाते है और नही तो सिर को ढक लेते है ।
हालाँकि हमारे पतिदेव का मानना है कि ऐसा कुछ नही होता है और ये सब बेकार की बातें है । अक्सर शाम के समय जब चमगादड़ निकलते है तो इस बात को लेकर हम दोनों मे बहस भी हो जाती है और आख़िर मे हम यही डाईलौग कि अगर चमगादड़ सिर पर बैठ जाए तो वहां से बाल नोच लेता है मारकर घर में आ जाते है । :)
वैसे अगर कभी आप गोवा मे आए हुए हो और patto ब्रिज जो मांडवी नदी पर बना है ,उससे कभी गौधूली के समय आ या जा रहे हो तो जरा गौर से देखियेगा तो आप देखेंगे कि बाहर से झुंड के झुंड चमगादड़ शहर की ओर उड़ते चले आ रहे होते है , छोटे-बड़े हर साइज़ के । :)
अब है तो ये सवाल थोड़ा बेतुका पर क्या करें । असल मे यहाँ हमारे घर मे जो पेड़ है जिसमे कुछ चमगादड़ भी रहते है । वैसे पेड़ मे लटके हुए ये काफ़ी अच्छे लग रहे है । ( वैसे भी फोटो तो दिन में खींची है और ये एक साल पुरानी फोटो है । अरे मतलब की अब ये चमगादड़ भी बड़े हो गए है । ) दिन भर तो नही पर हाँ शाम को जैसे ही अँधेरा होने लगता है कि ये पेड़ से निकल कर चारों ओर उड़ने लगते है । और कभी-कभी काफ़ी नीचे-नीचे उड़ते है । कई बार तो ऐसा लगता है कि सिर छूते हुए ही उड़ रहे है । तो इस डर से की कहीं ये सिर के बाल ना नोच ले ,हम झट से सिर को हाथ से ढक लेते है ।
हम लोग रोज शाम को बाहर बैठते है पर जैसे ही चमगादड़ उड़ने लगते है तो हम लोग घर के अन्दर आ जाते है । वो क्या है कि हमेशा से सुनते आ रहे है कि अगर चमगादड़ सिर पर बैठ जाए तो वहां से बाल नोच लेता है । इसीलिए चमगादड़ को देखते ही हम घर मे आ जाते है और नही तो सिर को ढक लेते है ।
हालाँकि हमारे पतिदेव का मानना है कि ऐसा कुछ नही होता है और ये सब बेकार की बातें है । अक्सर शाम के समय जब चमगादड़ निकलते है तो इस बात को लेकर हम दोनों मे बहस भी हो जाती है और आख़िर मे हम यही डाईलौग कि अगर चमगादड़ सिर पर बैठ जाए तो वहां से बाल नोच लेता है मारकर घर में आ जाते है । :)
वैसे अगर कभी आप गोवा मे आए हुए हो और patto ब्रिज जो मांडवी नदी पर बना है ,उससे कभी गौधूली के समय आ या जा रहे हो तो जरा गौर से देखियेगा तो आप देखेंगे कि बाहर से झुंड के झुंड चमगादड़ शहर की ओर उड़ते चले आ रहे होते है , छोटे-बड़े हर साइज़ के । :)
Comments
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चाँद, बादल और शाम
गुलाबी कोंपलें
चमगादड़ के विषय में बहुत भ्रान्तियां हैं। है भी विचित्र - मैमल है पर उड़ता है!
aur ha.n aap ka e-mail ID mere paas nahi hai isliye yahin par kahana pad raha hai ki aap ke comment ne hame bilkul hurt nahi kiya tha, kisi bhi cheej ke vishay me sahi ray dena to achchhi baat hai na..varna fir Tippaniyo ka matlab hi kya rah jaye..! aap ke comment ne mujhe fir se sochne ka avsar diya....! No need to be sorry :) :) I really liked that
हाँ पश्चिम के ड्रैकुला के चरित्र ने इनके प्रति बिना आधार के भय को हयिलायिट किया ! ज्यदातर चमगादण फल फूल भोजी होते हैं -स्तन पोषी हैं ! माएं बच्चों को दूध पिलाती हैं ! यह हमारी तरह ही स्तन्पोशी जीव हैं -इनसे क्या डरना ?
धन्यवाद
Dhanyavaad