गोवा का शिग्मो
होली के दिन शुरू होने वाले गोवा के इस वार्षिक शिग्मो फेस्टिवल का आयोजन १४ मार्च को किया गया था । ५ दिन तक (यानी ११ -१५ मार्च ) चलने वाले इस फेस्टिवल मे गोवा के लोगों का एक अलग ही जोश देखने को मिलता है । इस बार शिग्मो के मुख्य अतिथि के रूप मे नाना पाटेकर आए थे । और पूरे साढ़े पाँच- छः घंटे मौजूद रहे । पहले ढाई घंटे शिग्मो परेड देखी और उसके बाद आजाद मैदान में भाषण दिया और करीब साढ़े ग्यारह -बारह बजे तक पुरस्कार वितरण समारोह होता रहा । वैसे हम तो शिग्मो परेड के बाद घर आ गए थे और पुरस्कार वितरण टी.वी पर live देखा ।:)
नाना पाटेकर को वहां बैठा देख कर पहले तो लोग चौकते और फ़िर लोग उनकी फोटो खींचते ।(क्योंकि पहले शायद नाना सिर्फ़ prize distribution मे ही पहुँचने वाले थे ) और बच्चे तो पूरे समय आ-आ कर उससे हाथ मिलाते रहे और ऑटोग्राफ लेते रहे । बीच मे तो वहां ऐसा नजारा था कि लोग शिग्मो परेड देखना छोड़ नाना को ही देख रहे थे । यहाँ तक की शिग्मो परेड मे जो लोग डांस करते चल रहे थे वो भी जब नाना पाटेकर को देखते तो कुछ चौंक जाते और उनका सारा ध्यान नाना को ही देखने मे रहता और साथ-साथ अपना डांस करते आगे बढ़ते जाते । एक ग्रुप (जिसने नाना को वहां बैठे नही देखा था ) के डांस के बाद नाना ने बड़े जोर से ताली बजाकर एक अलग ही style मे वाह किया तो जब उन लड़कों ने नाना को वहां बैठे देखा तो उनका मुंह खुला रह गया । और थोड़ा आगे जाकर उसमे से कुछ लड़के कैमरा के साथ आए और फ़िर नाना के साथ फोटो खिंचाई । पता नही पिछली बार तो मिलिंद गुणाजी आए थे तब तो ऐसा जोश नही दिखा था ।:)
पिछले साल की तरह इस साल भी शिग्मो परेड का समय शाम साढ़े चार बजे दिया था पर शुरू किया ६ बजे . वो तो गनीमत थी की पिछले साल के अनुभव के बाद इस साल हम थोड़ा देरी से गए थे पर फ़िर भी इन लोगों ने शिग्मो परेड शुरू करने में बड़ी देर कर दी थी । हमारे लिए नही बल्कि नाना पाटेकर देर से आए थे । :)
इस बार भी शिग्मो के शुरू होने से पहले पटाखे चलाये गए और फ़िर फ़िर सबसे पहले बैंड ,उसके बाद फैंसी ड्रेस मे सजे लोग,रोम्तामेल,लोक नृत्य,और चित्ररथ यानी floats । हालाँकि इस बार floats और डांस ग्रुप ज्यादा नही थे पर floats काफ़ी अच्छे बनाए थे । और हमें तो इस बार शिग्मो floats carnival floats से ज्यादा अच्छे लगे । फैंसी ड्रेस मे भी लोग कम थे पर जो थे वो अच्छे थे । ज्यादातर लोग कोई न कोई भगवान का रूप धारण करते है । जैसे हनुमान, शिव,दुर्गा जी,विष्णु ,गणेश ।
और फैंसी ड्रेस मे एक छोटे से गणेश जी जो चूहे को छोड़कर साइकिल पर चूहे समेत सवार थे बहुत अच्छे लगे ।
और इसके अलावा पंचमुखी हनुमान भी पसंद आए । और हाँ हनुमान जी को पुरस्कार भी मिला था ।
floats तो बहुत अच्छी थी और इनमे भी धार्मिक झलक देखने को मिली । इस बार हम floats की फोटो और floats के ही वीडियो लगा रहे है ।हालाँकि फोटो बहुत साफ़ नही है ।
वासुदेव बालक कृष्ण को लेकर यमुना पार करते हुए ।
छत्रपति शिवाजी का दरबार ।
अश्वमेध यज्ञ ।
कृष्ण और गोपियाँ ।
कुरमा अवतार ।
पिछले साल आपने कुछ डांस ग्रुप के वीडियो देखे थे पर इस बार हम दो float के बहुत छोटे-छोटे वीडियो लगा रहे है ।
इनमे ये जो पहली वीडियो वाली float है जिसमें रावण का दरबार दिखाया गया है इसे first prize मिला है । जिसमें विजेता को सर्टिफिकेट ,रोलिंग ट्राफी और ४५ हजार रूपये दिए गए है ।
इस दूसरी float के वीडियो मे शिव जी युद्ध करते दिखाए गए है ।
नाना पाटेकर को वहां बैठा देख कर पहले तो लोग चौकते और फ़िर लोग उनकी फोटो खींचते ।(क्योंकि पहले शायद नाना सिर्फ़ prize distribution मे ही पहुँचने वाले थे ) और बच्चे तो पूरे समय आ-आ कर उससे हाथ मिलाते रहे और ऑटोग्राफ लेते रहे । बीच मे तो वहां ऐसा नजारा था कि लोग शिग्मो परेड देखना छोड़ नाना को ही देख रहे थे । यहाँ तक की शिग्मो परेड मे जो लोग डांस करते चल रहे थे वो भी जब नाना पाटेकर को देखते तो कुछ चौंक जाते और उनका सारा ध्यान नाना को ही देखने मे रहता और साथ-साथ अपना डांस करते आगे बढ़ते जाते । एक ग्रुप (जिसने नाना को वहां बैठे नही देखा था ) के डांस के बाद नाना ने बड़े जोर से ताली बजाकर एक अलग ही style मे वाह किया तो जब उन लड़कों ने नाना को वहां बैठे देखा तो उनका मुंह खुला रह गया । और थोड़ा आगे जाकर उसमे से कुछ लड़के कैमरा के साथ आए और फ़िर नाना के साथ फोटो खिंचाई । पता नही पिछली बार तो मिलिंद गुणाजी आए थे तब तो ऐसा जोश नही दिखा था ।:)
पिछले साल की तरह इस साल भी शिग्मो परेड का समय शाम साढ़े चार बजे दिया था पर शुरू किया ६ बजे . वो तो गनीमत थी की पिछले साल के अनुभव के बाद इस साल हम थोड़ा देरी से गए थे पर फ़िर भी इन लोगों ने शिग्मो परेड शुरू करने में बड़ी देर कर दी थी । हमारे लिए नही बल्कि नाना पाटेकर देर से आए थे । :)
इस बार भी शिग्मो के शुरू होने से पहले पटाखे चलाये गए और फ़िर फ़िर सबसे पहले बैंड ,उसके बाद फैंसी ड्रेस मे सजे लोग,रोम्तामेल,लोक नृत्य,और चित्ररथ यानी floats । हालाँकि इस बार floats और डांस ग्रुप ज्यादा नही थे पर floats काफ़ी अच्छे बनाए थे । और हमें तो इस बार शिग्मो floats carnival floats से ज्यादा अच्छे लगे । फैंसी ड्रेस मे भी लोग कम थे पर जो थे वो अच्छे थे । ज्यादातर लोग कोई न कोई भगवान का रूप धारण करते है । जैसे हनुमान, शिव,दुर्गा जी,विष्णु ,गणेश ।
और फैंसी ड्रेस मे एक छोटे से गणेश जी जो चूहे को छोड़कर साइकिल पर चूहे समेत सवार थे बहुत अच्छे लगे ।
और इसके अलावा पंचमुखी हनुमान भी पसंद आए । और हाँ हनुमान जी को पुरस्कार भी मिला था ।
floats तो बहुत अच्छी थी और इनमे भी धार्मिक झलक देखने को मिली । इस बार हम floats की फोटो और floats के ही वीडियो लगा रहे है ।हालाँकि फोटो बहुत साफ़ नही है ।
वासुदेव बालक कृष्ण को लेकर यमुना पार करते हुए ।
छत्रपति शिवाजी का दरबार ।
अश्वमेध यज्ञ ।
कृष्ण और गोपियाँ ।
कुरमा अवतार ।
पिछले साल आपने कुछ डांस ग्रुप के वीडियो देखे थे पर इस बार हम दो float के बहुत छोटे-छोटे वीडियो लगा रहे है ।
इनमे ये जो पहली वीडियो वाली float है जिसमें रावण का दरबार दिखाया गया है इसे first prize मिला है । जिसमें विजेता को सर्टिफिकेट ,रोलिंग ट्राफी और ४५ हजार रूपये दिए गए है ।
इस दूसरी float के वीडियो मे शिव जी युद्ध करते दिखाए गए है ।
Comments
स्नेह सहित,
- लावण्या
यहाँ राजस्थान में तो अभी गणगौर की तैयारियाँ हैं जोरों पर।
उनके आते ही
सब तरफ बस
हां हां हो जाती है।
नीरज