कोहरा ,बादल,उमस,और उकताहट :(

कुछ अजीबो -गरीब शीर्षक है न । :) अब क्या करें जैसे हालात चल रहे है बस वही शीर्षक लिख दिया । अब यहाँ जाडा तो पड़ता नही है पर पिछले ७-८ दिन से रोज सुबह यहाँ पर कोहरा छा जाता है । क्या आप को यकीन नही आ रहा है की इस समय यहाँ कोहरा भी हो सकता है तो लीजिये कोहरे की फोटो देखिये ।:) पहले दिन कोहरा देख कर खुश हुए कि चलो कुछ मौसम ठंडा होगा पर हुआ ठीक उसका उल्टा (जैसा सोचो वही तो नही होता ना )

ठंडा मौसम तो दूर की बात उलटे गरमी का मौसम आ गया । कोहरा जब छंट जाता है तो उसके बाद सूरज देवता कभी दीखते है तो कभी छुप जाते है और एक अजीब सा धुंधला सा मौसम बना रहता है । और इस बादल और कोहरे का नतीजा की इतनी उमस भरी गरमी हो जाती है कि हाल बेहाल हो जाता है ।जरा देर बाहर निकलो और बस पसीने से लथ पथ हो जाओ । ऐसी चिपचिपाती गरमी मे बाहर निकलने से अच्छा तो घर मे रहना है । और आज कल हम वही कर रहे है । :)

अब इस उमस भरी गरमी को भी झेल जाए पर इस इन्टरनेट का क्या किया जाए जिसने इस पूरे हफ्ते ठीक से चलना मंजूर ही नही किया ।ना तो ब्लोग्वानी और ना ही कोई और ब्लॉग ठीक से खुल पा रहा है । आज कल तो ब्लोग्वानी खोलना ही एक बड़ा काम हो गया है और अगर किसी तरह ब्लोग्वानी चला तो मुश्किल से कोई पोस्ट खुलती है । और अगर पोस्ट पढ़ ली तो उस पर कमेन्ट करना बिल्कुल टेढी खीर जैसा हो गया है । क्योंकि नेट बार-बार disconnect हो जाता है । और हम बस खीज कर रह जाते है ।

अब कभी पूरे दिन नेट से झूझते रहते है तो कभी पूरे दिन में २-४ पोस्ट ही पढ़ पा रहें है और अपनी एक पोस्ट लिखने में भी बहुत समय लग रहा है (२ दिन )।और फोटो अपलोड करने मे तो ननिहाल -ददिहाल मायका - ससुराल सब याद आ जाता है । :)
पर फ़िर भी हर थोड़ी देर मे कंप्यूटर on करते है और बस कोशिश करते रहते है । इस सबसे बड़ी उकताहट सी हो रही है ।

लोग सही कहते है कि blogging का नशा बुरा होता है । :)

शायद सर्वर की प्रोब्लम है इसलिए आज complaint भी करने वाले हैदेखें शायद शाम तक नेट ठीक हो जाए । :)

Comments

Vinay said…
अब इतना तो सहना ही होगा, क्या करें ब्लॉगिंग और इंटरनेट डिस्कनेक्श्न हैं ही एक-दूजे के लिए...

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वैसे मैं बड़े दिनों से आपने ब्लॉग पर मिट्टी के बर्तन देख रहा हूँ आपका इनसे क्या लगाव/संबंध है। अगर बताना चाहे तो ही बतायें, मैं तो बस यूँ पूछ लिया।
ममता जी यहाँ का हाल भी वही है. दिसम्बर से ही समस्या बनी हुई है. कहते हैं इटली के पास कहीं समुद्री केबल जहाज के टकराने से कट गयी. अभी तक ठीक नहीं हो पाई.फिर यहाँ स्थानीय फैबर ऑप्टिक केबल सड़क खुदाई में कट गयी. कुल मिला कर कोई न कोई कारण बनता जा रहा है. मुंबई में भी गर्मी का बुरा हाल है. लेकिन आपके यहाँ का कोहरा समझ में नहीं आ रहा है. इस साल तो मौसम भगवान् भरोसे ही रहेगा.
चित्र में बहुत घना कोहरा दिख रहा है .बहुत बढ़िया .आभार
Arvind Mishra said…
वही स्थिति तो इधर भी है -ब्लागवाणी वाली !
यही तो है हिन्दुस्तान, मौसम बहार का सब जगह अलग अलग और सैंकड़ों रंग।
कुश said…
इट हेपंस ओनली इन इंडिया
यही है भारत की विविधता, वहॉं कोहरा, यही धूल भरी आंधी। और यही विविधता ब्‍लॉग जगत पर भी दिखती है।

सुन्‍दर पोस्‍ट।
अजीब है मौसम का हाल उस पर आपके नेट ने किया आपको बेहाल ..:)
चलिये, लगता है नेट ठीक हो गया!
L.Goswami said…
सब ठीक हो जायेगा ..ममता जी धैर्य रखिये :-)
Shikha Deepak said…
इन्टरनेट की तो पूछिए ही नहीं हमारे यहाँ भी हाल वही है।
बहुत अच्छा लगा ये भी ममता जी खुली खिडकी से कोहरे का द्रश्य
आप आजकल मेरे ब्लोग पर नहीँ आतीँ ? :)
आ जाइये १ कप कोफी पीलायेँगे आपको
शायद मुड सुधर जाये ..

स स्नेह,
- लावण्या
ममता जी कोहरे का सुन कर अजीब लगा, क्योकि कोहर हो तो गर्मी बिलकुल नही होनी चाहिये,शायद समुंदर का किनारा होने की वजह से ऎसा होता होगा, हमारे यहा तो जब कोहरा होता है तो सर्दी बढ जाती है, ओर ५० मीटर से ज्यादा दुर दिखाई भी नही पडता.धन्यवाद
अजी सुब्रमनय साहब जी यह सिर्फ़ भारत मे ही हो रहा है, मै इटली से सिर्फ़ २०० कि मी दुर हुं लेकिन हमारे यहां कभी भी रुकावट नही आती, ओर १०० एम बी ३,४ मिंट मे डाऊन्लोड हो जाती है, शायद भारत मे लोगो को गलत बताया गया होगा.
mamta said…
विनय जी ये फोटो तो बस एक साल पहले अपनी इलाहाबाद ट्रिप के दौरान खींची थी और अच्छी लगी थी इसलिए इसे यहाँ पर लगा दिया । और कोई ख़ास वजह नही है ।

राज जी दिल्ली मे भी कोहरा होने पर ठण्ड बढती थी पर यहाँ गर्मी हो जाती है । और अभी २ दिन पहले तक रोज सुबह थोडी देर के लिए हल्का -हल्का सा कोहरा या धुंध सा छा जाता था ।

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