अब इसमें यू.पी.बिहार वाली क्या बात है ?
अरुणाचल प्रदेश मे ज्यादातर बैंक के ए. टी.एम. मे अलग लाईन जैसा कुछ system है शुरू मे ये हमें पता नहीं था। अब वैसे ए.टी.एम मे महिला और पुरुष की अलग लाईन का कोई तुक तो नहीं बनता है ।और कहीं ऐसा देखा भी नहीं था। यहां ए.टी.एम मे कोई भी गेट के बाहर नहीं इंतज़ार करता है बल्कि सभी लोग अन्दर लाईन लगा कर खड़े रहते है ।बिलकुल एक के पीछे एक इतना पास-पास खड़े रहते है कि एक दूसरे का पिन नंबर भी देख सकते है। ये जरुर हमारे पतिदेव ने बताया था। वैसे ए.टी.एम.के बाहर लिखा भी रहता है तो भी हर कोई अन्दर आ जाता है ।
खैर ये जनवरी की बात है जब हम नए-नए थे, एक दिन हम एक बैंक के ए.टी.एम. मे पैसे निकालने गए और चूँकि वहां ३-४ लड़के अन्दर खड़े थे इसलिए हम शराफत मे गेट पर खड़े होकर अपने नंबर का इंतज़ार करने लगे । ए.टी.एम के अन्दर एक महिला भी थी जो कभी ए.टी.एम.मशीन के पास जाती और कभी वापिस गेट पर आती ।हम समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर माजरा क्या है ।फिर उसने हमसे पूछा कि क्या हम उसकी पैसे निकालने मे मदद कर देंगे।तो हमने हाँ कह दिया । तब समझ मे आया कि वो पहली बार पैसे निकालने आई थी।
खैर हम वहीँ खड़े रहे और इंतज़ार करने लगे तभी एक सज्जन आये और अन्दर जाकर जहाँ लड़के लाईन लगाए खड़े थे वहां जाकर खड़े होने लगे तो हमने उन्हें रोकते हुए कहा कि आप लाईन मे लगिए तो बोले कि हम अपनी लाईन मे ही खड़े हो रहे है।
और जब हमने कहा कि हम भी इंतज़ार कर रहे है और लाईन मे है । इसलिए आप बाहर आकर लाईन मे लगिए। ये सुनकर वो बिगड़ कर बोले कि हम तो सही लाईन मे है आप ही गलत खड़ी है।
तो हमारे ये कहने पर कि ए.टी.एम.मे एक के बाद एक ही लाईन मे आते है तो वो बिफर कर बोले कि ये यू.पी. बिहार नहीं है ये अरुणाचल है।
ये सुनकर हमे भी गुस्सा आ गया हमने कहा कि आप यू.पी.और बिहार को क्यूँ कह रहे है।इसमें यू.पी ,बिहार कहाँ से आ गया। ये तो दिल्ली और सारे देश के सभी ए.टी.एम. मे एक के बाद एक ही लोग पैसा निकालते है और कहीं भी महिला और पुरुष की लाईन अलग नहीं होती है।
तो इस पर और चिड कर बोले कि होगा ,पर यहां यही चलता है।
और यहां का यही system है कि यहां महिला और पुरुष की अलग लाईन होती है। और दो पुरुष के पैसे निकालने के बाद ही एक महिला पैसे निकालती है।
ये सुनकर बहुत गुस्सा आया और हमने भी कहा कि ऐसा कहीं भी system नहीं है।
और वहां मौजूद लोग जो पैसे निकाल चुके थे और हम लोगों की बहस सुन रहे थे वो लोग हमसे बोलने लगे कि आप शांत रहिये। यहां ऐसा ही होता है।
और हमने भी सोचा कि नयी जगह है फ़ालतू मे झगडे मे पड़ने से क्या फायदा।
हमें गुस्सा तो बहुत आ रहा था , इसलिए हमने उससे कहा कि ठीक है ,आप पहले पैसे निकाल लो हम बाद मे पैसे निकालेंगे।
तो उनको ये भी मंजूर नहीं था वो बोले कि नहीं आप ही पैसे पहले निकालिए।
खैर हमने भी बात ख़त्म करके पैसे निकाले और वापिस आ गए।
और अब तो नियम बना लिया है कि जब ए.टी.एम. खाली हो तभी पैसे निकालते है।:)
ना लाईन मे लगो ना झंझट हो।
खैर ये जनवरी की बात है जब हम नए-नए थे, एक दिन हम एक बैंक के ए.टी.एम. मे पैसे निकालने गए और चूँकि वहां ३-४ लड़के अन्दर खड़े थे इसलिए हम शराफत मे गेट पर खड़े होकर अपने नंबर का इंतज़ार करने लगे । ए.टी.एम के अन्दर एक महिला भी थी जो कभी ए.टी.एम.मशीन के पास जाती और कभी वापिस गेट पर आती ।हम समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर माजरा क्या है ।फिर उसने हमसे पूछा कि क्या हम उसकी पैसे निकालने मे मदद कर देंगे।तो हमने हाँ कह दिया । तब समझ मे आया कि वो पहली बार पैसे निकालने आई थी।
खैर हम वहीँ खड़े रहे और इंतज़ार करने लगे तभी एक सज्जन आये और अन्दर जाकर जहाँ लड़के लाईन लगाए खड़े थे वहां जाकर खड़े होने लगे तो हमने उन्हें रोकते हुए कहा कि आप लाईन मे लगिए तो बोले कि हम अपनी लाईन मे ही खड़े हो रहे है।
और जब हमने कहा कि हम भी इंतज़ार कर रहे है और लाईन मे है । इसलिए आप बाहर आकर लाईन मे लगिए। ये सुनकर वो बिगड़ कर बोले कि हम तो सही लाईन मे है आप ही गलत खड़ी है।
तो हमारे ये कहने पर कि ए.टी.एम.मे एक के बाद एक ही लाईन मे आते है तो वो बिफर कर बोले कि ये यू.पी. बिहार नहीं है ये अरुणाचल है।
ये सुनकर हमे भी गुस्सा आ गया हमने कहा कि आप यू.पी.और बिहार को क्यूँ कह रहे है।इसमें यू.पी ,बिहार कहाँ से आ गया। ये तो दिल्ली और सारे देश के सभी ए.टी.एम. मे एक के बाद एक ही लोग पैसा निकालते है और कहीं भी महिला और पुरुष की लाईन अलग नहीं होती है।
तो इस पर और चिड कर बोले कि होगा ,पर यहां यही चलता है।
और यहां का यही system है कि यहां महिला और पुरुष की अलग लाईन होती है। और दो पुरुष के पैसे निकालने के बाद ही एक महिला पैसे निकालती है।
ये सुनकर बहुत गुस्सा आया और हमने भी कहा कि ऐसा कहीं भी system नहीं है।
और वहां मौजूद लोग जो पैसे निकाल चुके थे और हम लोगों की बहस सुन रहे थे वो लोग हमसे बोलने लगे कि आप शांत रहिये। यहां ऐसा ही होता है।
और हमने भी सोचा कि नयी जगह है फ़ालतू मे झगडे मे पड़ने से क्या फायदा।
हमें गुस्सा तो बहुत आ रहा था , इसलिए हमने उससे कहा कि ठीक है ,आप पहले पैसे निकाल लो हम बाद मे पैसे निकालेंगे।
तो उनको ये भी मंजूर नहीं था वो बोले कि नहीं आप ही पैसे पहले निकालिए।
खैर हमने भी बात ख़त्म करके पैसे निकाले और वापिस आ गए।
और अब तो नियम बना लिया है कि जब ए.टी.एम. खाली हो तभी पैसे निकालते है।:)
ना लाईन मे लगो ना झंझट हो।
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