मुम्बई का सफ़र
नमस्कार दोस्तो , हम ४ दिन के लिए सपनों की नगरी मुम्बई गए थे । इससे पहले जब हम गए थे तब मुम्बई को बोम्बे कहा जाता था आज से करीब १० साल पहले । गोवा से मुम्बई का सफ़र हमने कार से तय किया जो कि बहुत ही रोमांचक और अच्छा रहा । बहुत सारे घाट पड़ते है जिनकी वजह से ही ड्राइव का मजा है । मुम्बई शहर कि भागदौड़ बिल्कुल पहले जैसी है हाँ अब गाड़ियों कि संख्या और इंसानों कि संख्या पहले से कई गुना ज्यादा हो गयी है । इतने सारे flyovers के बावजूद ट्राफिक रूक जाता है और इंच - इंच गाड़ी आगे बढती है वहां flyover पर रुके रुके हम ये भी सोच रहे थे कि जब अभी ये हाल है तो अगले १५ साल बाद मुम्बई का क्या हाल होगा ? शहर का तो कोई ओर छोर ही नही है जहाँ तक नजर जाती है या तो बड़ी - बड़ी इमारतें दिखायी देती है या फिर लोग । मुम्बई मे आटो चलाने वाले काफी शरीफ है दिल्ली के आटो चलाने वालों के मुक़ाबले मे। आटो चालकों का व्यवहार