स्पीड पोस्ट की माया
दिसम्बर महीने मे इन्जीनरिंग के फॉर्म भरे जाते है और इसमे ये भी लिखा होता है कि फॉर्म को या तो स्पीड पोस्ट से भेजे या रजिस्टर्ड पोस्ट से भेजे। चुंकि आज कल हम लोग गोवा मे है इसलिये हमारे छोटे बेटे ने भी यहाँ गोवा मे बैंक से फॉर्म लिया और भरा और उसे स्पीड पोस्ट से दिल्ली भेज दिया और हम लोग निश्चिंत हो गए क्यूंकि आख़िरी तारीख से करीब बीस दिन पहले फॉर्म जो भेज दिया था।
धीरे -धीरे समय बीतने लगा और मार्च आ गया पर उसका admit card नही आया तो हमने बेटे से पूछा कि उस पर पता तो सही लिखा था ना इस पर वो बोला कि पता तो उसमे पहले से ही लिखा होता है। जब अप्रैल भी आ गयी और उसका admit card नही आया तो हम लोगों ने दिल्ली मे पता लगवाने की कोशिश शुरू कि भाई आख़िर माजरा क्या है। और ये सुनकर कि हमारे बेटे का फॉर्म वहां पहुंचा ही नही है हम लोग थोडा सकते मे आ गए क्यूंकि समय बहुत कम बचा था ।
खैर दिल्ली मे सम्बंधित अधिकारियों ने कहा कि आप लोग फॉर्म की फोटो कापी हो तो वो दे दें तो दूसरा admit card बन जाएगा पर इसके लिए उन्हें स्पीड पोस्ट की ओरिजनल कापी चाहिऐ थी क्यूंकि जो फोटो कापी थी उसमे कुछ क्लियर नही था । खैर जैसे-तैसे हम लोगों ने उसे भेजा और बेटे का admit card लिया।
पर अब तक ये समझ नही आया कि आख़िर फॉर्म गया कहॉ ? क्यूंकि कॉलेज वाले कहते है कि उन्हें फॉर्म मिला ही नही और स्पीड पोस्ट वाले कहते है कि हमने तो फॉर्म भेज दिया है । गलती चाहे जिसकी हो पर इसमे परेशानी तो बच्चे और अभिभावक को ही होती है।
धीरे -धीरे समय बीतने लगा और मार्च आ गया पर उसका admit card नही आया तो हमने बेटे से पूछा कि उस पर पता तो सही लिखा था ना इस पर वो बोला कि पता तो उसमे पहले से ही लिखा होता है। जब अप्रैल भी आ गयी और उसका admit card नही आया तो हम लोगों ने दिल्ली मे पता लगवाने की कोशिश शुरू कि भाई आख़िर माजरा क्या है। और ये सुनकर कि हमारे बेटे का फॉर्म वहां पहुंचा ही नही है हम लोग थोडा सकते मे आ गए क्यूंकि समय बहुत कम बचा था ।
खैर दिल्ली मे सम्बंधित अधिकारियों ने कहा कि आप लोग फॉर्म की फोटो कापी हो तो वो दे दें तो दूसरा admit card बन जाएगा पर इसके लिए उन्हें स्पीड पोस्ट की ओरिजनल कापी चाहिऐ थी क्यूंकि जो फोटो कापी थी उसमे कुछ क्लियर नही था । खैर जैसे-तैसे हम लोगों ने उसे भेजा और बेटे का admit card लिया।
पर अब तक ये समझ नही आया कि आख़िर फॉर्म गया कहॉ ? क्यूंकि कॉलेज वाले कहते है कि उन्हें फॉर्म मिला ही नही और स्पीड पोस्ट वाले कहते है कि हमने तो फॉर्म भेज दिया है । गलती चाहे जिसकी हो पर इसमे परेशानी तो बच्चे और अभिभावक को ही होती है।
Comments
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ममता जी आपने बिलकुल सही कहाँ एक बार मेरे पिता जी भी ऐसी ही फार्म के चक्कर में परेशान हुए थे..आपने वो याद ताजा कर दिया..:D
सरकारी है पहुंच जाये अगर समय पर तो भी माया ही है…।