क़यामत या मुसीबत
स्टार प्लस पर आने वाले इस क़यामत नाम के सीरियल को देख कर ये समझ ही नही आता है कि हम कौन सा सीरियल देख रहे है क्यूंकि रोनित रॉय अरे वही अपने मिहिर या यूं कहें कि मि . बजाज उन्हें देख कर लगा कि शायद हम कसौटी देख रहे है पर तभी निम्मो रानी दिख गयी अभी हम असमंजस मे ही थे कि ऋषि वो कहीँ तो होगा वाले गेट अप मे नजर आ गए। बालाजी के सभी सीरियल मे कौन किसका बेटा है और कौन किसकी माँ या बाप ये पता ही नही चलता है। इनके सीरियल मे बेटे हमेशा अपनी माँ के दुश्मन होते है चाहे वो अंश हो या प्रेम हो ।
इससे पहले भी सीरियल बना करते थे जैसे हम लोग और बुनियाद ,उनमे हमे हक़ीकत दिखाई देती थी हालांकि नाटकीयता तो थोड़ी बहुत सभी मे होती है ,सास बहु के झगडे भी दिखाए जाते थे पर ऐसा नही जैसा आजकल के सीरियल दिखाते है । इनकी बहुएं चाहे वो कोमोलिका हो या मोहिनी हो या फिर अपर्णा और बहुओं की बात हो और हम पल्लवी को भूल जाये ऐसा कैसे हो सकता है इनकी परिवार से बदला लेने की नयी -नयी तरकीब देख कर कहना पड़ता है कि वाह क्या बहुंये है।
क्यूंकि .... मे फिर से मंदिरा को लाना तो कभी कहानी ....मे मरी हुई गायत्री को वापस लाना , ये बताता है कि एकता के पास जो थोड़े बहुत आईडिया बचे थे वो खत्म हो गए है। अब तो ये देखना है कि वो और किस-किसको वापस लाती है।
इससे पहले भी सीरियल बना करते थे जैसे हम लोग और बुनियाद ,उनमे हमे हक़ीकत दिखाई देती थी हालांकि नाटकीयता तो थोड़ी बहुत सभी मे होती है ,सास बहु के झगडे भी दिखाए जाते थे पर ऐसा नही जैसा आजकल के सीरियल दिखाते है । इनकी बहुएं चाहे वो कोमोलिका हो या मोहिनी हो या फिर अपर्णा और बहुओं की बात हो और हम पल्लवी को भूल जाये ऐसा कैसे हो सकता है इनकी परिवार से बदला लेने की नयी -नयी तरकीब देख कर कहना पड़ता है कि वाह क्या बहुंये है।
क्यूंकि .... मे फिर से मंदिरा को लाना तो कभी कहानी ....मे मरी हुई गायत्री को वापस लाना , ये बताता है कि एकता के पास जो थोड़े बहुत आईडिया बचे थे वो खत्म हो गए है। अब तो ये देखना है कि वो और किस-किसको वापस लाती है।
Comments
आपको विकृत सोच लगी? कोई बात नहीं एकतामाई जब करवायेगी तब उँगली उठाना, मैं भी देखुंगा.
http://nahar.wordpress.com/2007/02/09/hinditvserials/