ठाकरे का राज या ....?

आज कल राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना कुछ अधिक जोश मे नजर आ रही है। पिछले कुछ दिनों से रोज ही किसी ना किसी वजह से समाचारों मे रहती है कहीं तोड़-फोड़,तो कहीं धरना, क्यूंकि अगर ऐसा नही करे तो कहीं लोग उनकी पार्टी को भूल ही ना जाये। राज ठाकरे जब तक बाल ठाकरे के साथ थे तब तक तो काफी ठीक थे पर अब तो उनका और उनकी पार्टी का नाम किसी ना किसी विवाद मे ही आता है। ऐसा लगता है महाराष्ट्र को अगर इन्होने नही बचाया तो महाराष्ट्र तो ख़त्म ही हो जाएगा।

जब अमर सिंह ने मुम्बई मे यू.पी.दिवस मनाने की घोषणा की तो ठाकरे ने कहा की वो अमर सिंह को मुम्बई मे घुसने नही देंगे और राज ठाकरे का कहना है की मुम्बई मे उत्तर भारत के लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जिससे महाराष्ट्र को खतरा है।और राज ठाकरे का गुस्सा इस बात पर भी है की अमिताभ बच्चन जो की यू.पी. के है वो यू.पी. के विकास के लिए तो काम कर रहे है पर महाराष्ट्र के लिए नही।लो भाई एक महाविद्यालय की घोषणा से ही पूरे उत्तर प्रदेश का विकास हो जाये तो क्या बात है

ठाकरे शायद मुम्बई से उन सभी लोगों यानी माइग्रेंट को मुम्बई से बाहर निकालना चाहते है जो महाराष्ट के नही है पर तब सवाल ये है कि मुम्बई मे बचेगा कौन ?

राज ठाकरे की पार्टी के समर्थक यू.पी.के साथ-साथ भोजपुरी फिल्मों के खिलाफ भी है इसीलिए भोजपुरी फिल्म का शो रोक दिया और सिनेमा हॉल मे भी कुछ तोड़-फोड़ करी।पर क्या जनता से कभी पूछा की उन्हें भोजपुरी फिल्म देखनी भी है या नही।

क्या भारत मे कोई भी ऐसा प्रदेश है जहाँ सिर्फ उस प्रदेश या भाषा को बोलने वाले ही रहते हो ?

फिल्म इंडस्ट्री का क्या होगा जहाँ आधे से ज्यादा क्या करीब-करीब सभी बाहर के लोग यानी माइग्रेंट है।

मुम्बई जो इस तरह के भेद-भाव से अलग मानी जाती रही है वहां भी ये नेता लोग इस तरह की बातों को उठा कर एक बड़ा मुद्दा बना देते है।

Comments

Shiv said…
मुम्बई में केवल राज ठाकरे रहेंगे. लेकिन आदमी तब भी चैन से नहीं बैठेगा. अपने कार्य-कलाप और राज्यों तक ले जाने की कोशिश करेगा.
राज ठाकरे आने वाले चुनाव के लिये गियर अप हो रहे हैं!
ममता जी। इस बार यूपी की सरदी मुम्बई तक जा पहुँची। कम्बल, कपड़े कम पड़ गए। लोग इस यूपी वाली से परेशान। राज ठाकरे ठहरे राजनीति वाले ठंड मिटाने को थोड़ा गरमा रहे हैं।
xetropulsar said…
ममताजी,

युपी, बिहार का पौलिटीक्स तो हम सब जानते है। लालू ने अपने राज्य की जनता के लिये कुछ नही किया है। मायावती और मुलायम ने हमेशा जात के नाम पर समाज को बांटा है।

अगर आज युपी और बिहार भी बाकी देश की तरह प्रगतीशील होते तो वहां के लोग मुंबई क्यो भागते? रोज की रोजी रोटी के लिये उन्हे अपने घर छोड कर मुंबई मे फुटपाथ पर क्यों रहना पडता है।

इन नेताओं को पहले ये समझ लेना चाहीये।

बिहारीयोंकी छबी सारे देशवासीयोंकी मन मे ऎसी ही है।

सही बात है - राज ठाकरे को अपने राज्य से लगाव क्यो नही होगा? बाहर से आनेवाले लोग उनके राज्य मे जाकर उनकी भाषा का सम्मान नही करेंगे तो कैसे चलेगा।

मुंबई को भी अपना मानो, कभी मुंबई जाकर देखीयेगा वहां हर स्केअरफूट पर कितने लोग खडे है। मुंबई का दम घुट रहा है। ना पानी है ना जमीन ना सडक, सिर्फ भीड ही भीड है।

मुंबई के आम आदमी का दुख: ये है।
Mai rajji ka samarthan nahi karata hoo. Lekin hum Maharshtra ke log kisi samanya logo ke dushman nahi he. Ap dekho jo bahar se log mumbai me ate he vo din bhar kam aur rat me galat kam karate he jaise ki chory.

Ab hum jub UP me jake Maharashtra din Manayenge! Rally Karenge to ye logoko chalega kya?

Ye channel jaise "AAJ TAK" bakwas he. Ye channel ne hi galat News dikhake logo ko bhdakate he. Jo Amitabh ke ghar par bottol pheki thi, ye sale stupid AJ Tak wale logo ka hi kam he.

Ye stupid amarsinh apane Rajya me buri tarah pit gaya he. Usaka koe future nahi he, Isliye ye Bakawas log ake mumbai me Danga machya rahe he. Inko Mumbai se nahi desh se bahar nikalna chahiye.

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