Atonement (एक झलक )
अतोनेमेंट इस साल के ऑस्कर के लिए nominated हुई है ।इस फिल्म को ऑस्कर अवार्ड के लिए सात श्रेणियों मे nominate किया गया है ।कल हमने ये फिल्म देखी तो सोचा की आज इसके बारे मे ही लिखा जाये।
यूं तो इस फिल्म की कहानी द्वितीय विश्व युद्ध के समय को दर्शाती है और साथ ही ये कहानी एक परिवार पर आधारित है और मुख्य रुप से cecilia,briony,roobie पर ही आधारित है। कि किस तरह एक छोटी सी गलती से सबकी जिंदगी बदल जाती है। cecilia और robbie एक -दुसरे से प्यार करते है पर एक ऐसी गलती जो की robbie ने की ही नही थी और जिसके लिए robbie को जेल जाना पड़ता है।यही सबकी जिंदगी बदल देता है। विश्व युद्ध के समय जेल मे गए लोगों को ये option होता था कि या तो वो जेल मे रहे या आर्मी मे भर्ती हो जाएँ ।और robbie आर्मी मे भर्ती हो जाता है।बाद मे briony ,robbie और cecilia का क्या होता है. ये ही तो सस्पेंस है. बाक़ी की कहानी हम नही बता रहे है।
इस फिल्म मे कई flash backs है।फिल्म का संगीत तो ठीक था पर कुछ सीन मे फोटोग्राफी बहुत अच्छी है।पर एक्टिंग सबकी ठीक ही लगी।briony के किरदार को बचपन से बुढापे तक दिखाया गया है। चलिए चलते-चलते इस film की एक झलक भी आपको दिखा देते है।
यूं तो इस फिल्म की कहानी द्वितीय विश्व युद्ध के समय को दर्शाती है और साथ ही ये कहानी एक परिवार पर आधारित है और मुख्य रुप से cecilia,briony,roobie पर ही आधारित है। कि किस तरह एक छोटी सी गलती से सबकी जिंदगी बदल जाती है। cecilia और robbie एक -दुसरे से प्यार करते है पर एक ऐसी गलती जो की robbie ने की ही नही थी और जिसके लिए robbie को जेल जाना पड़ता है।यही सबकी जिंदगी बदल देता है। विश्व युद्ध के समय जेल मे गए लोगों को ये option होता था कि या तो वो जेल मे रहे या आर्मी मे भर्ती हो जाएँ ।और robbie आर्मी मे भर्ती हो जाता है।बाद मे briony ,robbie और cecilia का क्या होता है. ये ही तो सस्पेंस है. बाक़ी की कहानी हम नही बता रहे है।
इस फिल्म मे कई flash backs है।फिल्म का संगीत तो ठीक था पर कुछ सीन मे फोटोग्राफी बहुत अच्छी है।पर एक्टिंग सबकी ठीक ही लगी।briony के किरदार को बचपन से बुढापे तक दिखाया गया है। चलिए चलते-चलते इस film की एक झलक भी आपको दिखा देते है।
Comments
ममता जी, किसी फिल्म से रूबरू करवाने का आइडिया अच्छा लगा।
ममता जी, एक फीडबैक इमानदारी से यह भी देना चाहता हूं कि मुझे आप की पोस्टें थोड़ी छोटी लगती हैं, पता नहीं मैं अपनी पोस्टों में शायद कुछ ज्यादा ही बकता रहता हूं..शायद इसीलिए। लेकिन फिर भी...हो सके तो थोड़ी और डिटेल्स दिया करें...पता नहीं मुझे ऐसा लगता है। अगर आप को मेरी इस बात से थोड़ा भी अनकम्फर्टेबल फील हुया हो तो प्लीज़ एक्सक्यूज़ मी।
शुभकामऩाएं।
@ डॉक्टर प्रवीण साहब, देखा जाए तो ऐसी छोटी पोस्ट ही ज्यादा बेहतर साबित होती हैं।