क्या आपको भी ऐसा लगता है ( लॉकडाउन ४.० ) छठां दिन
जब भी ये दिल उदास होता है , जाने कौन आस पास होता है ।
आज कुछ भी लिखने का मन नहीं कर रहा है ।
बहुत सारी बातें दिलोदिमाग़ में घूम रही है ।
होता है कभी कभी ।
ज़्यादा कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है ।
कल मिलते है ।
आज कुछ भी लिखने का मन नहीं कर रहा है ।
बहुत सारी बातें दिलोदिमाग़ में घूम रही है ।
होता है कभी कभी ।
ज़्यादा कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है ।
कल मिलते है ।
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