पुनर्जन्म का चक्कर अब टी.वी.सीरियल मे भी
टी.वी.सीरियल की एक बात बहुत अच्छी है कि इसमे दर्शक कुछ भी मिस नही करता है क्यूंकि आप जब भी देखना शुरू करें लगता है कहानी अभी वहीं की वहीं है हाँ बस खलनायक और खलनायिका के जुल्म जरुर बढ़ गए होते है। वो चाहे क्यूंकि ......हो या कहानी घर....हो सलोनी हो...या दुल्हन ...या फ़िर छूना है आस्मान ही क्यों ना हो। अभी कल ही हमने कई दिनों बाद जी टी.वी.देखा तो दुल्हन सीरियल मे कहानी तो कुछ ख़ास नही बढ़ी थी पर हाँ पुनर्जन्म का किस्सा देखने को मिला और हमे हमारी पोस्ट लिखने का विषय भी मिला। टी.वी.के सीरियल मे भी फिल्मी दांव-पेंच देखने को मिलते है। अब जब टी . वी . मे जब नाच - गाना सब कुछ फिल्मी स्टाइल का होने लगा है तो भला पुनर्जम का विषय कैसे छूट जाता। अभी तक तो फिल्मों मे ही पुनर्जन्म दिखाया जाता था पर अब तो टी . वी . के सीरियल मे भी पुनर्जन्म की कहानी दिखाने का चलन होने जा रहा है।पुनर्जन्म पर बनी फिल्में जैसे सुभाष घई की कर्ज और अभी हाल ही मे बनी फरहा खान की ओम शान्ति ओम काफी चली है। अभी तक एकता कपूर के सीरियल मे तथा ...