खूब बिक रहा है lalu mango :)

अब लगडा आम ,दसहरी आम ,चौसा ,एल्फंजो,सफेदा आम तो आपने सुना है पर अब lalu mango के बारे मे भी जरा सुन लीजिये। ये lalu mango पटना बिहार के बाजार मे खूब बिक रहा है और लोग खूब खरीद भी रहे है। अरे हम मजाक नही कर रहे है । अब lalu एक ब्रांड बनते जा रहे है। बिहार मे तो जहाँ दिवाली मे lalu ब्रांड पटाखे बिके थे वहीं होली मे lalu ब्रांड गुलाल भी खूब बिके थे। और अब इस साल lalu ब्रांड आम आ गया है।

आमों पर बाकायदा lalu नाम का स्टिकर लगाया जा रहा है बिल्कुल एल्फंजो style मे और इसकी कीमत ३५ रूपये किलो है। आम बेचने वालों का कहना है कि जनता हमेशा कुछ नया चाहती है इसलिए दीघा आम का ही नया नाम lalu mango कर दिया है। और इससे आम खाने वाले भी खुश और आम बेचने वाले भी खुश।

लोगों के इस आम को खरीदने से ये भी साबित हो रहा है कि lalu अभी भी लोगों मे प्रिय है। ऐसा आम बेचने वालों का कहना है। ओह हो अभी भी यकीन नही हो रहा है तो आप ख़ुद इस ख़बर को पढ़ लीजिये ।

Comments

mehek said…
:):) aare wah lalu aam bhi :);),phir kaise kahe naam mein kya rakha hai,naam se hi aam bika hai :) badhiya
कुश said…
कही आगे राबड़ी खरबूजा ना निकल आए
चमचागिरी में किए गए प्रचार का प्रतिफल है .विदित हो कि दीघा का आम ऐसा है कि उस पर मनमोहन का स्टीकर भी लगा हो तब भी जम के खरीदारी की जायेगी .उत्तम स्तरिये फल जिसकी मांग बाज़ार में हमेशा रहे .उसे किसी की फोटो या नाम की जरूरत नही होती .ये सब लालू का आदमी कर रहा है . अगले चुनाव की तैयारी है लोग भुलाने लगा है उन्हें . आम की गुठली में भी स्टीकर चिपकाने से वे अब सत्ता में आने से रहे !
जनता को १५ साल जो उन्होंने आम खिलाया था वह बहुत ही खट्टा था, सड़ा था .
लालू जी केवल ब्राण्ड ही नहीं रेलवे के टर्न-अराउण्ड के ऑथर भी हैं।
Sarvesh said…
हा हा भोरे भोरे इ जोक पढ के मन खुश हो गया. लालू जी अपना नाम भुनाने के लिये देश का नम्बर एक आम मालदह उर्फ़ लन्गडा का सहारा लेना पडा. दुनिया का कौन ऐसा वयक्ति होगा जो आम का प्रेमी हो और मालदह (लन्गडा) आम का नाम ना सुना हो. आज भी ये आम बेस्ट सेल्लिन्ग है. इसके लिये किसी के स्टिकर कि जरुरत नहीं है. बन्ग्लोर तक मे ये दिखते हि उठ जाता है दुकान से. लालू जी और उनके चमच जी श्री श्याम रजक जी क्रुपया मालदह आम कि बेइज्जती मत किजिये कि वो लालू जी के नाम के चलते बिक रहा है. अगर यहि करना होता तो छपरा के किसी बगिचा के आम पर स्टिकर चिपकवा कर बिकवाते और तब बात होति कि हां नाम मे दम है.
Abhishek Ojha said…
जे हो लालू आम (नाम) की !
kahate hai ki apne bihari bhaiyo ki khas pasand ban gaya hai Lalu aam . pata nahi kab khane milega . vaah laloo ji
लालू नाम का आम आम तो नही ही होगा कुछ खास ही होगा..:)
Udan Tashtari said…
अब आम का क्या होगा-उसमें में भी लालू!!
Tarun said…
kal raat hi is laloo aam ke baare me news me suna aur dekha
Ye bhee achchee rahee Mamta jee -
Ek Shayaree padhee thee ,
" Kal raat Lalu jee doodh dene lage,
Bhais gay ka chara nahee khana chahiye "
Hullad Muradabadee ka likha hai --
Shabd shayad kuch alag hon -
Sabhee jagah LALU ji ke charche hain -

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन