क्या हम लोग ज़्यादा पानी ख़र्च कर रहें है ( लॉकडाउन २.० ) चौदहवाँ दिन
क्यों क्या आपको नहीं लगता है कि जब से ये लॉकडाउन शुरू हुआ तब से हम लोगों के घरों में पानी का कुछ ज़्यादा ही कंजमशन या इस्तेमाल हो रहा है । एक तो हर समय हाथ धोते रहो और दूसरा बर्तन धोते रहो । 😏
कुछ दिन पहले हमारे पतिदेव कोई न्यूज़ बता रहे थे कि चूँकि कोरोना से बचाव के लिये सभी लोग बार बार हाथ धो रहें है और जिसकी वजह से शायद अंडरग्राउंड पानी का स्तर कुछ नीचे हो जायेगा ।
वैसे ये तो सच है कि जब से इस कोरोना का चक्कर शुरू हुआ है तब से हाथ धोने का काम और पानी का ख़र्चा बढ तो गया है । और सबके घर में रहने से भी बर्तन का काम बढ गया है ।
कैसे ?
क्या बताने की ज़रूरत है । 😜
अब अंडरग्राउंड पानी का तो हमें पता नहीं पर हाँ इस लॉकडाउन और कोरोना के चलते हम लोगों के किचन में पानी का कंजमशन जरूर बहुत बढ गया है ।
अब वो क्या है कि पहले तो सुबह और शाम जब हम लोगों की हैल्पर काम के लिये आती थी तभी किचन में बर्तन धुलना , खाना बनना वग़ैरा होता था । और जब एक बार वो काम करके चली जाती थी तो उसके बाद जब वो शाम को काम करने के लिये आती थी तब दोपहर के खाने के बर्तन धुलते थे ।
भले ही उस बीच में हमने कुछ बनाया भी होता था तो हम वो सारे इस्तेमाल किये हुये बर्तन रख देते थे कि सब शाम को एक साथ धुलेंगें । मतलब बस दो या हद से तीन बार बर्तन धुलते रहे होंगें ।
और हमारी तो वैसे भी आदत बड़ी ख़राब है कि जब कोई हैल्पर है तो हम कुछ नहीं करते है । हमारी एक फ़्रेड है वो कहती भी है कि हम ग़ज़ब है क्योंकि हैल्पर के रहते हम कोई भी बर्तन जो नहीं धोते है क्यों कि हमारी फ़्रेंड ख़ुद पूरे समय हैल्पर होने के बावजूद बर्तन धोती रहती है ।क्योंकि उन्हें किचन में गंदे बर्तन रखे देखना अच्छा नहीं लगता है । और वो कहती है कि काँच के बर्तन तो वो तुरंत धो देती है । क्योंकि उनके टूटने का ख़तरा रहता है ।
और जबकि हमारा फ़ंडा है कि अगर हैल्पर है तो फिर हम कुछ नहीं करते है । और हालाँकि हम रोज़मर्रा में काँच के बर्तन ही इस्तेमाल करते है तो क्या । जब तक पुराने टूटेंगें नहीं तब तक नये कैसे आयेंगे । 😀
पर आजकल चूँकि हम लोग ही सारा काम कर रहें है तो किचन में गंदे बर्तन हर समय धोते रहते है । इसके दो कारण है एक तो बर्तन इकट्ठा नहीं होते है और दूसरे किचन साफ़ लगता है ।
और मेरे ख़याल से ये हर समय बर्तन धोने का काम सिर्फ़ हम ही नहीं ज़्यादातर सभी लोग कर रहें होगे ।
और इस बार बार बर्तन धोने में पानी का ख़र्चा तो ज़्यादा ही होता होगा । पर क्या किया जाय कोई और चारा भी तो नहीं है । सिवाय हर समय बर्तन धोते रहने के ।
और अगर बर्तन इकट्ठा करते जायेंगें तब तो वहाटसऐप वाला जोक बन जायेगा कि बर्तन ने बच्चे दे दिये । 😆
कुछ दिन पहले हमारे पतिदेव कोई न्यूज़ बता रहे थे कि चूँकि कोरोना से बचाव के लिये सभी लोग बार बार हाथ धो रहें है और जिसकी वजह से शायद अंडरग्राउंड पानी का स्तर कुछ नीचे हो जायेगा ।
वैसे ये तो सच है कि जब से इस कोरोना का चक्कर शुरू हुआ है तब से हाथ धोने का काम और पानी का ख़र्चा बढ तो गया है । और सबके घर में रहने से भी बर्तन का काम बढ गया है ।
कैसे ?
क्या बताने की ज़रूरत है । 😜
अब अंडरग्राउंड पानी का तो हमें पता नहीं पर हाँ इस लॉकडाउन और कोरोना के चलते हम लोगों के किचन में पानी का कंजमशन जरूर बहुत बढ गया है ।
अब वो क्या है कि पहले तो सुबह और शाम जब हम लोगों की हैल्पर काम के लिये आती थी तभी किचन में बर्तन धुलना , खाना बनना वग़ैरा होता था । और जब एक बार वो काम करके चली जाती थी तो उसके बाद जब वो शाम को काम करने के लिये आती थी तब दोपहर के खाने के बर्तन धुलते थे ।
भले ही उस बीच में हमने कुछ बनाया भी होता था तो हम वो सारे इस्तेमाल किये हुये बर्तन रख देते थे कि सब शाम को एक साथ धुलेंगें । मतलब बस दो या हद से तीन बार बर्तन धुलते रहे होंगें ।
और हमारी तो वैसे भी आदत बड़ी ख़राब है कि जब कोई हैल्पर है तो हम कुछ नहीं करते है । हमारी एक फ़्रेड है वो कहती भी है कि हम ग़ज़ब है क्योंकि हैल्पर के रहते हम कोई भी बर्तन जो नहीं धोते है क्यों कि हमारी फ़्रेंड ख़ुद पूरे समय हैल्पर होने के बावजूद बर्तन धोती रहती है ।क्योंकि उन्हें किचन में गंदे बर्तन रखे देखना अच्छा नहीं लगता है । और वो कहती है कि काँच के बर्तन तो वो तुरंत धो देती है । क्योंकि उनके टूटने का ख़तरा रहता है ।
और जबकि हमारा फ़ंडा है कि अगर हैल्पर है तो फिर हम कुछ नहीं करते है । और हालाँकि हम रोज़मर्रा में काँच के बर्तन ही इस्तेमाल करते है तो क्या । जब तक पुराने टूटेंगें नहीं तब तक नये कैसे आयेंगे । 😀
पर आजकल चूँकि हम लोग ही सारा काम कर रहें है तो किचन में गंदे बर्तन हर समय धोते रहते है । इसके दो कारण है एक तो बर्तन इकट्ठा नहीं होते है और दूसरे किचन साफ़ लगता है ।
और मेरे ख़याल से ये हर समय बर्तन धोने का काम सिर्फ़ हम ही नहीं ज़्यादातर सभी लोग कर रहें होगे ।
और इस बार बार बर्तन धोने में पानी का ख़र्चा तो ज़्यादा ही होता होगा । पर क्या किया जाय कोई और चारा भी तो नहीं है । सिवाय हर समय बर्तन धोते रहने के ।
और अगर बर्तन इकट्ठा करते जायेंगें तब तो वहाटसऐप वाला जोक बन जायेगा कि बर्तन ने बच्चे दे दिये । 😆
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