कुछ तो हुआ है कुछ हो रहा है ( लॉकडाउन २.० ) छठां दिन
ऐसा हो तो रहा है ना 😀
परेशान मत होइये हम गाना नही गा रहें है पर हम ये जरूर सोच रहें है कि कैसे गाने हम लोगों की आजकल की इस लॉकडाउन की स्थिति में बिलकुल फ़िट बैठ रहें है । ☺️
अब आप माने चाहे ना मानें इस कोरोना और लॉकडाउन के चलते हम लोगों में थोडा बहुत बदलाव या यूँ कहें कि कुछ चेंज तो आया है । 🤓
बताते है कि क्या बदलाव या चेंज आया है । देखिये आप लोगों का तो हम नहीं जानते पर जैसा कि हमने पहले भी कई बार बताया है कि हम जरा आलसी टाइप के है तो कामधाम से दूरी होना तो लाज़िमी है ही । पर इस लॉकडाउन ने हमारी उस आलस को कहीं दूर भगा दिया है ।
अरे आलस तो छोड़िये जो हर समय कभी सिर में तो कभी कमर तो कभी पैर में दर्द होता था या कभी कुछ और होता रहता था अब सारी बीमारियों का नाम देने की ज़रूरत नहीं है ना । ☺️
वो सारे सिर दर्द ,कमर दर्द और बाक़ी छुटपुट बीमारियाँ आजकल कम सी क्या बिलकुल ग़ायब सी हो गई है । क्यों कि शायद उन हमारी बीमारियों को भी पता है कि अभी लॉकडाउन चल रहा है तो सभी को स्वस्थ रखने की ज़रूरत है ।😃
क्यूँ क्या हम ग़लत कह रहें है । नहीं ना ।
अब वही बात हो गई काम के ना काज के दुश्मन अनाज के । मतलब बस खाते पीते और आराम फ़रमाते रहने के कारण ही शायद उन सब बीमारियों ने हम लोगों को पकड़ा हुआ था ।
और ना केवल आजकल हर तरह के दर्द से निजात है बल्कि वज़न भी सात सौ तो नहीं पर हाँ नौ सौ ग्राम तो जरूर कम हुआ है जो कि ख़ुश रहने और काम करनें में जोश बरक़रार रखने के लिये काफ़ी है । क्यों कि अभी तो बहुत दिन तक ये सब काम करने है । 😃
कल ही हमारी दीदी से बात हो रही थी तो जब हमने कहा कि आजकल हम लोगों का दर्द वग़ैरा सब ग़ायब है तो उनका कहना था कि अगर किसी को आजकल दर्द होता भी है तो वो उसे अनदेखा कर देते है । मेरे हिसाब से तो वो दर्द को अनदेखा इसलिये ही कर पाते है क्योंकि अब हम लोगों के काम करने की क्षमता जो बढ गई है और हम सबको ये भी पता है कि अभी कोई ऑपशन भी नहीं है ।
तो हमारा तो ये मानना है कि इस लॉकडाउन के कारण हम लोगों में काम करने की क्षमता , दर्द और बीमारियों से कुछ छुटकारा और थोडा बहुत वज़न घटने की संभावना थोड़ी और बढ सी गई है । 😃
और कभी तो आश्चर्य भी होता है कि क्या ये हमीं है जो इतना सारा काम कर रहें है । यक़ीनन आप को भी यही लगता होगा । और इस लॉकडाउन का ये सबसे बड़ा फ़ायदा हम सबको हुआ है ।
तो हमने सही कहा है ना
कुछ तो हुआ है
कुछ हो रहा है
क्या आप इसे नहीं मानते है ।
परेशान मत होइये हम गाना नही गा रहें है पर हम ये जरूर सोच रहें है कि कैसे गाने हम लोगों की आजकल की इस लॉकडाउन की स्थिति में बिलकुल फ़िट बैठ रहें है । ☺️
अब आप माने चाहे ना मानें इस कोरोना और लॉकडाउन के चलते हम लोगों में थोडा बहुत बदलाव या यूँ कहें कि कुछ चेंज तो आया है । 🤓
बताते है कि क्या बदलाव या चेंज आया है । देखिये आप लोगों का तो हम नहीं जानते पर जैसा कि हमने पहले भी कई बार बताया है कि हम जरा आलसी टाइप के है तो कामधाम से दूरी होना तो लाज़िमी है ही । पर इस लॉकडाउन ने हमारी उस आलस को कहीं दूर भगा दिया है ।
अरे आलस तो छोड़िये जो हर समय कभी सिर में तो कभी कमर तो कभी पैर में दर्द होता था या कभी कुछ और होता रहता था अब सारी बीमारियों का नाम देने की ज़रूरत नहीं है ना । ☺️
वो सारे सिर दर्द ,कमर दर्द और बाक़ी छुटपुट बीमारियाँ आजकल कम सी क्या बिलकुल ग़ायब सी हो गई है । क्यों कि शायद उन हमारी बीमारियों को भी पता है कि अभी लॉकडाउन चल रहा है तो सभी को स्वस्थ रखने की ज़रूरत है ।😃
क्यूँ क्या हम ग़लत कह रहें है । नहीं ना ।
अब वही बात हो गई काम के ना काज के दुश्मन अनाज के । मतलब बस खाते पीते और आराम फ़रमाते रहने के कारण ही शायद उन सब बीमारियों ने हम लोगों को पकड़ा हुआ था ।
और ना केवल आजकल हर तरह के दर्द से निजात है बल्कि वज़न भी सात सौ तो नहीं पर हाँ नौ सौ ग्राम तो जरूर कम हुआ है जो कि ख़ुश रहने और काम करनें में जोश बरक़रार रखने के लिये काफ़ी है । क्यों कि अभी तो बहुत दिन तक ये सब काम करने है । 😃
कल ही हमारी दीदी से बात हो रही थी तो जब हमने कहा कि आजकल हम लोगों का दर्द वग़ैरा सब ग़ायब है तो उनका कहना था कि अगर किसी को आजकल दर्द होता भी है तो वो उसे अनदेखा कर देते है । मेरे हिसाब से तो वो दर्द को अनदेखा इसलिये ही कर पाते है क्योंकि अब हम लोगों के काम करने की क्षमता जो बढ गई है और हम सबको ये भी पता है कि अभी कोई ऑपशन भी नहीं है ।
तो हमारा तो ये मानना है कि इस लॉकडाउन के कारण हम लोगों में काम करने की क्षमता , दर्द और बीमारियों से कुछ छुटकारा और थोडा बहुत वज़न घटने की संभावना थोड़ी और बढ सी गई है । 😃
और कभी तो आश्चर्य भी होता है कि क्या ये हमीं है जो इतना सारा काम कर रहें है । यक़ीनन आप को भी यही लगता होगा । और इस लॉकडाउन का ये सबसे बड़ा फ़ायदा हम सबको हुआ है ।
तो हमने सही कहा है ना
कुछ तो हुआ है
कुछ हो रहा है
क्या आप इसे नहीं मानते है ।
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