फ़ीफ़ा फीवर

आजकल विदेश ही नहीं अपने हिन्दुस्तान में भी लोग फ़ुटबॉल के दीवाने हो रहे है । जब से फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप शुरू हुआ है तब से हर तरफ़ फ़ुटबॉल का सुरूर सा दिखाई दे रहा है ।

वैसे अपने हिन्दुस्तान में बंगाल,गोवा,अंडमान निकोबार और उत्तर पूर्व के राज्यों में फ़ुटबॉल एक लोकप्रिय खेल है और लोगों मे ये खेल काफ़ी प्रचलित भी है ।

वैसे अब तो लोग भारतीय फ़ुटबॉल खिलाड़ियों के नाम जानने लगे है जैसे बाइचंग भूटिया , सुनील छेत्री और भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिहं ,वरना पहले तो फ़ुटबॉल के नाम पर पेले को ही जानते थे पर बाद में माराडोना ,बैखम,मैसी,जिडान ,रोनालडो,रोनालडिनो, जैसे खिलाड़ियों के ही नाम जानते थे ।

वैसे जब भी फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप होता है तो हम भी कुछ मैच देखते है । हाँ हर मैच तो नहीं पर ब्राज़ील ,जर्मनी ,अर्जेंटीना,फ़्रांस पुर्तगाल जैसी टीमों के मैच देखते है अगर बहुत रात में नहीं आते है तो । पर अगर गोल नहीं होता है तो मैच बड़ा बोरिंग लगता है । जैसे शनिवार को अर्जेंटीना वाले मैच में मैसी कोई गोल नहीं कर पाये तो वहीं रविवार वाले जर्मनी के मैच में जर्मनी की टीम कोई गोल नहीं कर पाई जबकि जर्मनी पिछले वर्ल्ड कप की विजेता है ।

पर इस बार अपने देश में फ़ुटबॉल के लिये कुछ ज़्यादा ही दीवानगी दिख रही है । वैसे बंगाल के लोग तो फ़ुटबॉल के बेहद दीवाने होते है ये तो सभी जानते है । और इसीलिये वहाँ के एक फ़ुटबॉल प्रेमी जो अर्जेंटीना की टीम को सपोर्ट करते है उन्होंने अपना घर टीम की जरसी के रंग मतलब सफ़ेद और नीले रंग में रंगवा लिया है तो वहीं केरल के एक फ़ुटबॉल प्रेमी जो ब्राज़ील को सपोर्ट करते है उन्होंने अपना घर पीले और हरे रंग में रंगवा लिया है ।

घर ही नहीं रंगवाया बल्कि घर का नाम ही हाउस ऑफ़ ब्राज़ील रख दिया । और तो और घर पर ब्राज़ील का झंडा भी लगा लिया है । अब इसे दीवानगी की हद नहीं कहेगें तो क्या कहेंगें ।

वैसे आजकल रोज़ शाम को हम भी इस फ़ीफ़ा फीवर की चपेट में आ जाते है अरे मतलब तो समझ गये ना । जी हाँ हम भी रोज़ फ़ुटबॉल मैच देखते है । 😀

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