धूल धूसरित दिल्ली
इस साल गरमी का मौसम कुछ अलग ही चल रहा है । अभी तक गरमी,तपन और लू तो चल ही रही थी पर आजकल तो दिल्ली और एन.सी.आर धूल धूसरित हो रहे है । जहाँ तक हमें याद है ऐसा धूल धूसरित मौसम हमने पहले नहीं देखा है । हाँ आँधी ज़रूर चलती थी पर उसके बाद बारिश हो जाती थी और मौसम ख़ुशगवार हो जाता था ।
वैसे हर साल कम से कम एक -दो बार तो ज़बरदस्त आँधी तूफ़ान के साथ बारिश होती ही थी पर इस साल ज़रा अलग सा मौसम चल रहा है ।पिछले हफ़्ते चली आँधी में तो हमारा अचार भी उड़ गया । अब हँसिये मत वो क्या है ना कि जब तेज़ आँधी चली तो हम अचार का जार (छोटा ) बालकनी से उठाना भूल गये और जब आँधी के शांत होने के बाद हमें अचार की याद आई तब तक बड़ी देर हो चुकी थी ।
पिछले कुछ दिनों में २-३ बार तो खूब तेज़ धूल भरी आँधी चली और जब ये आँधी आती है तो पूरा घर धूल से भर जाता है । सब कुछ खुस खुस करने लगता है । जहाँ हाथ रकखो वहाँ बस धूल ही धूल । कितनी भी सफ़ाई कर लो धूल वापिस आ जाती है और हर चीज़ खसराती सी है ।
और अब तो पिछले दो दिनों से तो धूल भरा वातावरण हो गया है । आसमान तो दिखता है मगर भूरा भूरा सा । धूल की भूरी सी एक चादर चारों ओर फैली हुई है । अब तो टी.वी. पर और अख़बार में भी कह रहें है कि ये धूल भरा वातावरण सेहत के लिये बहुत हानिकारक है । ये भी कहा जा रहा है कि राजस्थान से ये धूल भरी आँधी आ रही है ।
दिल्ली के साथ बड़ी मुश्किल है कि अगर जाड़े में पंजाब के लोग पराली जलाते है तो दिल्ली में स्मॉग हो जाता है और अगर राजस्थान में धूल का बवंडर उठता है तो भी दिल्ली में धूल भरा मौसम हो जाता है । अभी तक तो जाड़े में ही इस तरह का बिगड़ा हुआ मौसम होता था पर अगर गरमी में भी मौसम का मिज़ाज इतना बिगड़ेगा तो क्या होगा ।
शायद इसका कारण पेड़ पौधों की दिनों दिन होती कमी ही होगी ।
वैसे हर साल कम से कम एक -दो बार तो ज़बरदस्त आँधी तूफ़ान के साथ बारिश होती ही थी पर इस साल ज़रा अलग सा मौसम चल रहा है ।पिछले हफ़्ते चली आँधी में तो हमारा अचार भी उड़ गया । अब हँसिये मत वो क्या है ना कि जब तेज़ आँधी चली तो हम अचार का जार (छोटा ) बालकनी से उठाना भूल गये और जब आँधी के शांत होने के बाद हमें अचार की याद आई तब तक बड़ी देर हो चुकी थी ।
पिछले कुछ दिनों में २-३ बार तो खूब तेज़ धूल भरी आँधी चली और जब ये आँधी आती है तो पूरा घर धूल से भर जाता है । सब कुछ खुस खुस करने लगता है । जहाँ हाथ रकखो वहाँ बस धूल ही धूल । कितनी भी सफ़ाई कर लो धूल वापिस आ जाती है और हर चीज़ खसराती सी है ।
और अब तो पिछले दो दिनों से तो धूल भरा वातावरण हो गया है । आसमान तो दिखता है मगर भूरा भूरा सा । धूल की भूरी सी एक चादर चारों ओर फैली हुई है । अब तो टी.वी. पर और अख़बार में भी कह रहें है कि ये धूल भरा वातावरण सेहत के लिये बहुत हानिकारक है । ये भी कहा जा रहा है कि राजस्थान से ये धूल भरी आँधी आ रही है ।
दिल्ली के साथ बड़ी मुश्किल है कि अगर जाड़े में पंजाब के लोग पराली जलाते है तो दिल्ली में स्मॉग हो जाता है और अगर राजस्थान में धूल का बवंडर उठता है तो भी दिल्ली में धूल भरा मौसम हो जाता है । अभी तक तो जाड़े में ही इस तरह का बिगड़ा हुआ मौसम होता था पर अगर गरमी में भी मौसम का मिज़ाज इतना बिगड़ेगा तो क्या होगा ।
शायद इसका कारण पेड़ पौधों की दिनों दिन होती कमी ही होगी ।
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