क्या जजमेंट है 😳
कभी कभी ऐसे अजीब से जजमेंट सुनने को मिलते है कि समझ नहीं आता है कि क्या कहें अपनी न्याय पालिका को ।
तलाक़ के बहुत तरह के जजमेंट और ऑर्डर दिये गये है पर पिछले हफ़्ते एक जरा अजीब सा जजमेंट आया जिसमें पति को पत्नी से सिर्फ़ इसलिये तलाक़ मिल सकता है क्योंकि पत्नी सिंदूर और चूड़ी नहीं पहन रही थी या पहनना चाह रही थी ।
अब आज की पीढ़ी तो छोड़िये हमारी वाली पीढ़ी ने भी ना जाने कब से इन सब चीज़ों को लगाना और पहनना कम कर दिया है । तो क्या हम ....... 😃
समझ गये ।
अब इन सब चीज़ों से ही शादीशुदा होने को जोड़ा जाय ये आज के ज़माने में कहाँ तक न्याय संगत है ।
ठीक है हमारे हिन्दू धर्म में ये सब पहनना सुहाग की निशानी मानते है पर सिर्फ़ इस बात पर पति पत्नी को तलाक़ दे सकता है । ये बात समझ से परे है ।
तलाक़ के बहुत तरह के जजमेंट और ऑर्डर दिये गये है पर पिछले हफ़्ते एक जरा अजीब सा जजमेंट आया जिसमें पति को पत्नी से सिर्फ़ इसलिये तलाक़ मिल सकता है क्योंकि पत्नी सिंदूर और चूड़ी नहीं पहन रही थी या पहनना चाह रही थी ।
अब आज की पीढ़ी तो छोड़िये हमारी वाली पीढ़ी ने भी ना जाने कब से इन सब चीज़ों को लगाना और पहनना कम कर दिया है । तो क्या हम ....... 😃
समझ गये ।
अब इन सब चीज़ों से ही शादीशुदा होने को जोड़ा जाय ये आज के ज़माने में कहाँ तक न्याय संगत है ।
ठीक है हमारे हिन्दू धर्म में ये सब पहनना सुहाग की निशानी मानते है पर सिर्फ़ इस बात पर पति पत्नी को तलाक़ दे सकता है । ये बात समझ से परे है ।
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