चौथा महीना पूरा हो गया

आज चौथा महीना भी पूरा हो गया ।

अब ये मत कहियेगा कि क्या दिन और महीना गिन रही हो ।

अब क्या करें महीना ना गिने तो पता कैसे चले कि कितने दिन हो गये है । 😃

पर ये कोरोना तो जाने का नाम ही नहीं ले रहा है ।

सच में अब तो कभी कभी मन करता है कि इसे डंडा लेकर दौड़ाया जाये । पर ऐसा हो नहीं सकता है । पर सोचने में क्या जाता है ।😇

कल शाम को हम अपनी सोसाइटी की एक फ़्रेंड से मिलने नीचे गये पर दस मिनट बाद ही लगा कि बात करना तक मुश्किल हो रहा है ।

कहीं बैठो तो कोरोना के चिपकने का डर रहता है ।

ज़्यादा देर मास्क पहने रहो तो साँस फूलने लगती है और ज़्यादा दिन ना मिलो तो मन ।

ख़ुशी ख़ुशी काम तो कर ही रहें है पर उसमें भी कभी कभी लगता है कि उफ़ कब तक ।

चमकते बर्तन और घर देखकर खूब ख़ुश भी होते है ।

पर फिर भी कभी कभी दिल पूछता है आख़िर कब तक ।

कोई नहीं कोरोना नहीं जा रहा है तो कोई बात नहीं । सब कुछ अपने समय पर ही होता है ।

चलिये चौथा महीना पूरा होने की ख़ुशी में एक नहीं दो सेल्फ़ी हो जाये । 😁



Comments

Popular posts from this blog

जीवन का कोई मूल्य नहीं

क्या चमगादड़ सिर के बाल नोच सकता है ?

सूर्य ग्रहण तब और आज ( अनलॉक २.० ) चौदहवाँ दिन