निक नेम्स ( nick names )
निक नेम यानी कि घर मे प्यार से बुलाने वाला नाम। घरों मे बच्चों को बुलाने के लिए निक नेम्स रखना कोई नई बात नही है । हर माता-पिता या दादा-दादी,नाना -नानी अपने बच्चों के घर मे बुलाने का नाम अलग और बाहर(स्कूल ) बुलाने का नाम अलग रखते है।निक नेम कि सबसे बड़ी खासियत ये है कि बचपन मे तो ठीक है पर जब ये बच्चे बड़े हो जाते है और ख़ुद भी बच्चों के माँ-बाप बन जाते है पर तब भी इन्हे इनके निक नेम से ही बुलाया जाता है। क्यूंकि कोई और नाम बुलाने मे बड़ा ही पराया पन लगता है। पर चाहे जो हो ये निक नेम होते बड़े ही प्यारे है। क्या हमने कुछ ग़लत कहा।
पप्पू,मुन्नी,गुडिया,बेबी,बबली,गुड्डू,पिंकी,चिंकी, मिक्की,मुन्ना ,चिंटू,चीकू, नंदू,मुन्नू, और भी ना जाने कितने ही ऐसे निक नेम हम आम तौर पर घरों मे सुनते है। हमे यकीन है कि इनमे से कोई ना कोई निक नेम तो आपका भी होगा ही। :)
पर कभी-कभी कुछ अलग से नाम भी सुनने मे आते है।जिन्हें सुनकर अच्छा लगता है और साथ ही मजा भी आता है।तो आज कुछ ऐसे ही २-४ निक नेम की बात हो जाए। तो शुरुआत हम एक ऐसे अपने ही नाम से करते है।
ढोलक-- अब यूं तो इस नाम से बहुत बचपन मे पापा हमे बुलाते थे क्यूंकि हम बिल्कुल ही गोल मटोल थे। वैसे अब भी है पर अब ढोलक जितने नही है ना इसलिए अब हमे इस नाम से नही बुलाया जाता है।पर बाकी नामों से बुलाया जाना अब भी जारी है मसलन गुडिया।
चिया-- ये बच्ची दिल्ली मे हम लोगों की कालोनी मे रहती है।जब ये पैदा हुई तो बहुत ही छोटी सी थी बस इसीलिए चिया नाम पड़ा था खैर अब तो चिया बड़ी हो गई है कॉलेज जाती है पर अभी भी सब लोग उसे चिया ही कहते है। चिया का जुड़वाँ भाई है जिसका नाम है चुम्मु-- अब चुम्मु भी कॉलेज जाता है पर वही बात हर कोई इन्हे अब भी चिया -चुम्मु ही कहता है।
डिक्की --डिक्की इलाहाबाद मे एक जानने वाले के बड़े बेटे का नाम था और इस नाम को सुनकर हम सब भाई-बहन अक्सर मजाक करते थे की उनके बड़े बेटे का नाम बोनट होगा पर अफ़सोस उसका नाम बोनट नही कुछ और था। ।डिक्की तो खैर अब बहुत बड़ा हो गया है और उसका असली नाम तो हम आज भी नही जानते है।
डॉलर-- डॉलर दो भाई है । डॉलर आज कल चेन्नई मे नौकरी कर रहा है। पर जब पहली बार ये नाम सुना तो अनायास ही मुंह से निकला था की एक डॉलर है तो दूसरा पाउंड होगा पर ऐसा नही है दूसरे को घर मे मुन्ना ही बुलाते है।
लारा--ब्रायन लारा के बहुत पहले ये नाम सुना था। सत्तर के दशक मे । हमारी एक भाभी की बहन का नाम है। अपने नाम की कोई ख़ास अहमियत लारा बताती थी।
भइया --पहले ज्यादातर घरों मे बड़े बेटे को भइया नाम से बुलाने का बड़ा रिवाज था। अब ये रिवाज है या नही पता नही।
पोप --ये हमारे (दादा) ताउजी का नाम था। क्यूंकि वो बहुत गोरे और बहुत अच्छी इंग्लिश बोलते थे । शायद इसीलिए उन्हें पोप कहते रहे होंगे।
झुन्झुन--ये हमारे एक चच्चा का नाम था। और हम लोग बचपन मे उन्हें हमेशा झुनझुना चच्चा ही बुलाते थे।हम लोगों ने कभी भी उन्हें सिर्फ़ चच्चा नही कहा।
चक्कू बेबी--ये हमारी दिल्ली की एक बंगाली दोस्त की बेटी का नाम है। चक्कू आज एक ७ साल के बेटे की माँ है पर हम सब उसे चक्कू ही कहते है। वैसे चक्कू खूबसूरत भी बहुत है।
टुकटुकी -- ये टुक टुकी और कोई नही हमारी बंगाली दोस्त यानी चक्कू की माँ का नाम है। वो बताती थी की जब वो छोटी थी तो खूब घूरा करती थी ।इसलिए उनके माँ-बाबा ने ये नाम दिया था।
बच्चा--हमारे कजिन भइया है । अब इनकी उम्र साठ के आस-पास की हो रही है पर हम सभी इन्हे बच्चा भइया ही कहते है। है ना मजेदार बात।
कुंवर-- मामाजी के बेटे का नाम है। अब ये नाम उस समय रखा गया था जब जमींदारी का रौब था और घर का बड़ा बेटा होने के नाते सब उन्हें कुंवर जी कहते थे . पर आज भी सब उन्हें कुंवर जी ही कहते है।
इसी तरह बाबु,लाल्टू,टुल्लू,गुर्रन,(अरे वो फैंटम वाला ) आलम -डालम ,तितली,बच्ची, और भी ना जाने ऐसे कितने ही निक नेम होंगे । तो आप का क्या निक नेम है।
क्या आप शर्मा रहे है ।
अरे अरे शरमाइये मत बताने मे कोई हर्ज नही है। यहां सब अपने ही ब्लॉगर परिवार के है। :)
Comments
एक और नाम है हमारी जान-पहचान में गुड्डू जो इंजीनियर थे रिटायर भी हो गए पर हमेशा गुड्डू भाई, गुड्डू मामा, गुड्डू चाचा ही रहे
भई हमारा निक तो संजू ही है लेकिन हमारे एक भतीजे आदेश का निक हमने एक शरारती पात्र के आधार पर गट्टू रखा है ऐसे ही भांजे का नाम गट्टू के बाद मट्टू रख दिया है जिसे अब हम माटी कहते हैं।
mai apne bete ko itne namo se pukarta hun ki poochiye mat....
बचपन में कभी मुझे बौवा(मतलब बच्चा), कभी नन्हें, कभी प्रसून, कभी प्रसू कह कर लोग बुलाते थे..
मगर एक नाम मुझे अभी भी याद है जिसे बस मेरे पापाजी ही प्रयोग में लाते थे वो पूछड़ू.. इसके पीछे बहुत लम्बी कहानी है.. मगर मुझे बहुत याद आता है ये नाम.. वैसे आज मुझे हर कोई बस प्रशान्त या पीडी ही कहता है.. समय के साथ सारे नाम धूमिल हो गये.. :(
मेरी अम्म्मा मुझे "लावणी" पुकारती थी ..
हमारे पडौस मेँ ५ बच्चे थे सभी के निक नेम थे -
बीज्जी, टील्लू, कुक्की,प्रिन्सु और रिन्सु ...
कई बार असली नाम मेँ इतना प्यार नहीँ झलकता जितना ऐसे नामोँ मेँ -
- लावण्या