जब हमने euphoria के लाइव शो का लुत्फ़ उठाया ...
पहली मई को यहां कला अकेडमी मे गोवा के चौथे कोंकण फ़िल्म फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह मे EUPHORIA ग्रुप भी आया था। समारोह के उदघाटन का समय तो ६ बजे था और उसके बाद ही इन लोगों का कार्यक्रम था।दीप जलाने और भाषण वगैरा होने के बाद लोगों को इस बैंड को सुनने की ललक थी।भाषण और दीप जलाने का काम आधे घंटे मे ख़त्म हो गया और फ़िर ये एनाउंस किया गया की बस आधे घंटे मे EUPHORIA का प्रोग्राम शुरू होगा।
इस एनाउंस मेंट के बाद कुछ लोग तो बाहर चाय-काफ़ी पीने चले गए और कुछ लोग वहीं बैठे रहे।और फ़िर शुरू हुआ स्टेज को सेट करने का काम। कभी माइक टेस्ट करते तो कभी लाईट । थोडी देर तो हम लोग भी ये सब देखते रहे पर ७ बजे हमारा सब्र टूट गया और हम लोग बाहर jetty पर घूमने चले गए । करीब पंद्रह मिनट बाद बाहर गिटार और ड्रम की आवाज आने लगी तो हम लोग वापिस हॉल मे आए पर हॉल के अन्दर तो अभी भी टेस्टिंग चल रही थी। खैर हम लोग बैठ गए ।तो हमने समय बिताने के लिए फोटो ही खींचना शुरू किया । धीरे-धीरे वहां मौजूद सभी लोगों का सब्र ख़त्म हो रहा था।एक -दो बार तो जब वो लोग गिटार का volume टेस्ट करते तो लोग ताली बजाने लगते । (पर ग्रुप वाले शायद ऐसी चीजों के आदी थे वो मुस्करा कर जनता को धन्यवाद देते )
पौने आठ बजे के आस-पास तो एक सज्जन बोले की अब लाईट और माइक जैसे भी है आप लोग program शुरू करो।अब वो बेचारे क्या करते कभी लाईट तो कभी माइक उन्हें धोखा दे रहे थे। और फ़िर आठ बजने मे १० मिनट पर सारे के सारे गायब हो गए क्योंकि लोगों ने लगातार तालियाँ बजानी शुरू कर दी थी।(वो तो बाद मे समझ आया कि जब सिर्फ़ २ घंटे का ही कार्यक्रम था (८-१०) तो भला वो लोग ७ बजे से ही कैसे प्रोग्राम शुरू कर देते।)
ठीक आठ बजे सारे ग्रुप के लोग फ़िर से स्टेज पर आए और और इस बार सारे लोग काले कपड़े मे यानी की ट्रेडमार्क style मे।और पलाश सेन ने स्टेज पर एंट्री की काली शर्ट और सफ़ेद जैकेट मे और अपना कार्यक्रम शुरूकिया । जैसे -जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया लोगों को मजा आने लगा और आखिरी गाने तक आते-आते पलाश नेअपनी जैकेट और शर्ट उतार दी थी। पलाश के गाने और उनकी एनर्जी देख कर और इनके साथी बेनी जो की keyboard
बजाते है इन दोनों को देखने मे बहुत मजा आया। बेनी तो अपनी गर्दन को इस तरह से झटका देतारहता है मानो गर्दन मे कुछ है ही नही जबकि आम आदमी को दो-चार बार गर्दन को घुमाने और झटका देनेमे स्पोंडोलाईसिस का डर रहता है। :) पलाश ने गाने का ऐसा समां बाँधा की सभी लोग उस डेढ़ घंटे के इंतजार कोभूल कर पलाश सेन के गानों पर झूम उठे। पर जनता को झूमने के लिए पर्याप्त जगह नही थी क्योंकि एक तो ये कार्यक्रम बंद हॉल मे किया गया था और दूसरा स्टेज के आगे लोगों को नाचने के लिए जगह नही थी। जबकि इस तरह के music concert का मजा खुले मे ज्यादा आता है।
इसी कार्यक्रम के दौरान पलाश सेन ने बताया की उनके इस ग्रुप को १० साल हो गए है।तो चलिए इस concert मे हमने कुछ विडियो मोबाइल फ़ोन से बनाए है। उनमे से एक-दो विडियो आप भी देखिये ।अगर आपको पसंद आए तो ठीक और अगर ना पसंद आए तो भी ठीक। :)
इस एनाउंस मेंट के बाद कुछ लोग तो बाहर चाय-काफ़ी पीने चले गए और कुछ लोग वहीं बैठे रहे।और फ़िर शुरू हुआ स्टेज को सेट करने का काम। कभी माइक टेस्ट करते तो कभी लाईट । थोडी देर तो हम लोग भी ये सब देखते रहे पर ७ बजे हमारा सब्र टूट गया और हम लोग बाहर jetty पर घूमने चले गए । करीब पंद्रह मिनट बाद बाहर गिटार और ड्रम की आवाज आने लगी तो हम लोग वापिस हॉल मे आए पर हॉल के अन्दर तो अभी भी टेस्टिंग चल रही थी। खैर हम लोग बैठ गए ।तो हमने समय बिताने के लिए फोटो ही खींचना शुरू किया । धीरे-धीरे वहां मौजूद सभी लोगों का सब्र ख़त्म हो रहा था।एक -दो बार तो जब वो लोग गिटार का volume टेस्ट करते तो लोग ताली बजाने लगते । (पर ग्रुप वाले शायद ऐसी चीजों के आदी थे वो मुस्करा कर जनता को धन्यवाद देते )
पौने आठ बजे के आस-पास तो एक सज्जन बोले की अब लाईट और माइक जैसे भी है आप लोग program शुरू करो।अब वो बेचारे क्या करते कभी लाईट तो कभी माइक उन्हें धोखा दे रहे थे। और फ़िर आठ बजने मे १० मिनट पर सारे के सारे गायब हो गए क्योंकि लोगों ने लगातार तालियाँ बजानी शुरू कर दी थी।(वो तो बाद मे समझ आया कि जब सिर्फ़ २ घंटे का ही कार्यक्रम था (८-१०) तो भला वो लोग ७ बजे से ही कैसे प्रोग्राम शुरू कर देते।)
ठीक आठ बजे सारे ग्रुप के लोग फ़िर से स्टेज पर आए और और इस बार सारे लोग काले कपड़े मे यानी की ट्रेडमार्क style मे।और पलाश सेन ने स्टेज पर एंट्री की काली शर्ट और सफ़ेद जैकेट मे और अपना कार्यक्रम शुरूकिया । जैसे -जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ता गया लोगों को मजा आने लगा और आखिरी गाने तक आते-आते पलाश नेअपनी जैकेट और शर्ट उतार दी थी। पलाश के गाने और उनकी एनर्जी देख कर और इनके साथी बेनी जो की keyboard
बजाते है इन दोनों को देखने मे बहुत मजा आया। बेनी तो अपनी गर्दन को इस तरह से झटका देतारहता है मानो गर्दन मे कुछ है ही नही जबकि आम आदमी को दो-चार बार गर्दन को घुमाने और झटका देनेमे स्पोंडोलाईसिस का डर रहता है। :) पलाश ने गाने का ऐसा समां बाँधा की सभी लोग उस डेढ़ घंटे के इंतजार कोभूल कर पलाश सेन के गानों पर झूम उठे। पर जनता को झूमने के लिए पर्याप्त जगह नही थी क्योंकि एक तो ये कार्यक्रम बंद हॉल मे किया गया था और दूसरा स्टेज के आगे लोगों को नाचने के लिए जगह नही थी। जबकि इस तरह के music concert का मजा खुले मे ज्यादा आता है।
इसी कार्यक्रम के दौरान पलाश सेन ने बताया की उनके इस ग्रुप को १० साल हो गए है।तो चलिए इस concert मे हमने कुछ विडियो मोबाइल फ़ोन से बनाए है। उनमे से एक-दो विडियो आप भी देखिये ।अगर आपको पसंद आए तो ठीक और अगर ना पसंद आए तो भी ठीक। :)
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