houses of goa (म्यूज़ियम)
गोवा मे कुछ हेरिटेज हौउसेस है तो हमने सोचा क्यों ना इन की आपको सैर करवाई जाए। और इसकी शुरुआत हम आज से कर रहे है।
पंजिम से बस ८-१० की.मी. की दूरी पर पोर्वरिम से आगे तोरदा (torda) मे salvador do mundoया houses of goa नाम का म्यूज़ियम बरदेज मे है।जैसे ही पोर्वरिम के चौराहे से मुड़ते है तब इस museum की ओर जाते हुए लगता है की किसी डेड एंड ३ ३ जा रहे है क्यूंकि जैसे ही मुख्य सड़क से मुड़ते है की बस पतली सी सड़क और दोनों ओर जंगल और ढलान पर गाड़ी चलती जाती है और तब ऐसे ही घने से जंगल यहां पर मे ये museum दिखता है।
इसे बाहर से देखने पर ये कभी शिप तो कभी मछली के आकार का लगता है। ऊपर की बालकनी पर जरा गौर करियेगा। और इसे बनाने वाले आर्किटेक्ट का नाम Gerard da Cunha है। और इस आर्किटेक्ट का घर भी बहुत ही खूबसूरत लगता है। इस म्यूज़ियम से ही सटा हुआ बच्चों का एक स्कूल है जिसे देखना भी एक अनुभव से कम नही है। इस म्यूज़ियम मे प्रवेश के लिए २५ रूपये काटिकेट लेना पड़ता हैऔर चप्पल और जूते वहीं नीचे छोड़कर जाना पड़ता है।अगर आप चाहें तो इसके आर्किटेक्ट बाकायदा एक गाईड की तरह सारी बातें बताते है। वरना आप ख़ुद ही सब कुछ देख सकते है ।
ये meuseum तीन मंजिला है और इसकी छोटी और घुमावदार सीढियों से ऊपर चढ़कर जब पहली मंजिल पर पहुँचते है तो यहां पर पुराने समय के गोवा और आज के गोवा दोनों की फोटो देखने को मिलती है। उस समय के दरवाजे ,खिड़कियाँ,सोफे,कुर्सी, और भी बहुत कुछ यहां पर देखा जा सकता है। अगर इतिहास को जानने का शौक हो और समय की कमी ना हो तो यहां पर आराम से एक-एक चीज को देखते पढ़ते हुए चलना चाहिए। यहां पर एक-दो जगहों पर हेड फ़ोन भी लगे है और बैठने के लिए कुर्सी भी बनी है तो यहां बैठकर आप गोअन संगीत का लुत्फ़ भी उठा सकते है।सबसे ऊपर की मंजिल की बालकनी मे खड़े होने पर लगता है कि वो हिल रही है क्यूंकि वी एक तरह से हवा मे ही लटकी हुई है।
इसी तरह दूसरी मंजिल पर अलग-अलग तरह के तुलसी वृन्दावन की फोटो वगैरा देखने को मिलती है। तुलसी वृन्दावन (जिसमे तुलसी का पौधा लगा होता है ) तकरीबन हर घर के बाहर बना होता है।और सबसे ऊपर ऑडियो-विडियो शो भी होता है। और वापिस लौटते हुए अगर इच्छा हो तो आप यहां के रिसेप्शन से किताबें और goan music की सी.डी.भी खरीद सकते है।
पंजिम से बस ८-१० की.मी. की दूरी पर पोर्वरिम से आगे तोरदा (torda) मे salvador do mundoया houses of goa नाम का म्यूज़ियम बरदेज मे है।जैसे ही पोर्वरिम के चौराहे से मुड़ते है तब इस museum की ओर जाते हुए लगता है की किसी डेड एंड ३ ३ जा रहे है क्यूंकि जैसे ही मुख्य सड़क से मुड़ते है की बस पतली सी सड़क और दोनों ओर जंगल और ढलान पर गाड़ी चलती जाती है और तब ऐसे ही घने से जंगल यहां पर मे ये museum दिखता है।
इसे बाहर से देखने पर ये कभी शिप तो कभी मछली के आकार का लगता है। ऊपर की बालकनी पर जरा गौर करियेगा। और इसे बनाने वाले आर्किटेक्ट का नाम Gerard da Cunha है। और इस आर्किटेक्ट का घर भी बहुत ही खूबसूरत लगता है। इस म्यूज़ियम से ही सटा हुआ बच्चों का एक स्कूल है जिसे देखना भी एक अनुभव से कम नही है। इस म्यूज़ियम मे प्रवेश के लिए २५ रूपये काटिकेट लेना पड़ता हैऔर चप्पल और जूते वहीं नीचे छोड़कर जाना पड़ता है।अगर आप चाहें तो इसके आर्किटेक्ट बाकायदा एक गाईड की तरह सारी बातें बताते है। वरना आप ख़ुद ही सब कुछ देख सकते है ।
ये meuseum तीन मंजिला है और इसकी छोटी और घुमावदार सीढियों से ऊपर चढ़कर जब पहली मंजिल पर पहुँचते है तो यहां पर पुराने समय के गोवा और आज के गोवा दोनों की फोटो देखने को मिलती है। उस समय के दरवाजे ,खिड़कियाँ,सोफे,कुर्सी, और भी बहुत कुछ यहां पर देखा जा सकता है। अगर इतिहास को जानने का शौक हो और समय की कमी ना हो तो यहां पर आराम से एक-एक चीज को देखते पढ़ते हुए चलना चाहिए। यहां पर एक-दो जगहों पर हेड फ़ोन भी लगे है और बैठने के लिए कुर्सी भी बनी है तो यहां बैठकर आप गोअन संगीत का लुत्फ़ भी उठा सकते है।सबसे ऊपर की मंजिल की बालकनी मे खड़े होने पर लगता है कि वो हिल रही है क्यूंकि वी एक तरह से हवा मे ही लटकी हुई है।
इसी तरह दूसरी मंजिल पर अलग-अलग तरह के तुलसी वृन्दावन की फोटो वगैरा देखने को मिलती है। तुलसी वृन्दावन (जिसमे तुलसी का पौधा लगा होता है ) तकरीबन हर घर के बाहर बना होता है।और सबसे ऊपर ऑडियो-विडियो शो भी होता है। और वापिस लौटते हुए अगर इच्छा हो तो आप यहां के रिसेप्शन से किताबें और goan music की सी.डी.भी खरीद सकते है।
Comments
सुनना हो तो बताईयेगा । आपके गोआ विवरण से गोआ हमें पुकारता है । एक बारिश बीती जब गोआ नहीं आए । वरना हर बारिश में एक चक्कर काटते
हैं । लगता है इस साल की बारिश में गोआ कायायावर बनना ही होगा :D
शुक्रिया ममता जी
अति सुंदर.
आप लोगों को पसंद आया इसके लिए शुक्रिया। और गोवा मे आप सभी का स्वागत है।
युनुस भाई नेकी और पूछ-पूछ। कब सुनवा रहे है हेमंत कुमार का गाया हुआ गीत।