आई.पी.एल की कुछ बातें
आई.पी.एल शुरू हुए एक महीना हो गया है और अब धीरे-धीरे आई.पी.एल की कमियां दिखनी शुरू हो रही है।एक महीने बाद अब बी.सी.सी.आई. सभी टीम के मालिकों को आई.सी.सी.के नियम -कानून के तहत चलने की राय दे रही है। तो क्या पहले बी.सी.सी.आई सो रही थी।अब किसी भी टीम का मालिक या खरीददार अपने खिलाड़ी या टीम से ड्रेसिंग रूम या मैदान मे नही मिल सकता है। लो भाई पहले तो टीम के जीतने पर प्रीटी जिंटा हो या शाह रुख खान हो फटाक से मैदान मे अपनी टीम के पास पहुँच जाते थे। पर तब तो किसी ने कोई रोक-टोक नही लगाई। पर अब बी.सी.सी.आई जाग गई है।
जब १८ अप्रैल को आई. पी.एल. का पहला मैच शुरू हुआ था तब से अब तक शाह रुख खान अपनी टीम नाईट राईडर के मैच के दौरान मैदान मे नाचते और ताली बजाते हुए देखे जाते रहे है और अब अचानक से शाह रुख पर ये रोक लगाई जा रही है की वो अपनी टीम के साथ मैदान मे नही रह सकते है।अब अगर रोक लगानी थी तो पहले दिन से रोकना चाहिए था। तब तो ललित मोदी भी मैदान मे खड़े हुए दिखाए गए थे जो खुश होकर ताली बजा रहे थे और नाईट राईडर के कोच से हाथ भी मिला रहे थे और वहीं पर शाह रुख खड़े होकर ताली बजा रहे थे।अब शाह रुख तो ये काम शुरू से करते आ रहे है तो भला अब वो क्यों मानेंगे। आख़िर उन्होंने इतने करोड़ों रूपये मे बी.सी.सी.आई.से टीम खरीदी है।और शाह रुख तो कह भी रहे है की कोई उन्हें उनके खिलाड़ियों से मिलने से नही रोक सकता है।हालांकि पहले शाह रुख कहते थे कि वो ड्रेसिंग रूम मे नही जाते है।और अब तो ललित मोदी ने भी कह दिया है कि हर टीम को एक लाल बैज दिया जायेगा जिसे दिखाकर टीम के मालिक अपने खिलाडियों के साथ dug-out और ड्रेसिंग रूम मे बैठ सकेंगे।
आई.पी.एल.की टीम और इसके खिलाडियों को तो टीम के खरीदारों ने करोड़ों मे खरीदा पर अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाडी अपने टीम के मालिकों पर उन्हें उनका पैसा नही देने का आरोप लगा रहे है। ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाडी जो की शुरू के आई.पी.एल मैच खेलकर वापिस अपने देश जा चुके है उनका कहना है की उनके बार-बार कहने पर भी अभी तक उनका पैसा उन्हें नही मिला है।हर बार जब वो कहते है तो उन्हें कुछ दिन मे पैसा मिल जायेगा यही आश्वासन दिया जाता है।पर अभी तक उन खिलाडियों को उनका रुपया नही मिला है।एक तरफ़ तो वो ये कहते है और दूसरी और ये भी कहते है कि उन्हें विश्वास है कि उन्हें उनका रुपया मिल जायेगा। अरे जब यकीन है तो फ़िर क्यों शोर मचा रहे है। अब ऑस्ट्रेलिया का बोर्ड शायद अपने खिलाडियों को उनका मेहनताना दिलाने मे मदद करेगा।
एक बात और सुनी है की इन खरीदारों ने एक-एक टीम और इसके खिलाडियों को अगले ५-१० साल तक के लिए खरीदा है इसका मतलब की ये सारे सीनियर खिलाडी ४०-४५ साल की उम्र तक खेलते रहेंगे। तो भला नए लड़कों को खेलने का मौका कब मिलेगा। सीनियर खिलाड़ी जो बमुश्किल १०-२० रन बनाते है (कभी-कभी तुक्के मे ८०-९० रन भी बनाते है )उन्हें अगले १० साल तक देखना पड़ेगा। सचिन और सौरव कहते है कि उम्र से खेल पर या परफॉर्मेंस पर कोई फर्क नही पड़ता है। क्रिकेट मे उम्र नही खेल और फिटनेस मायने रखती है।वाह !क्या उच्च विचार है।
नए लड़के अगर दो बार ना खेले तो उन्हें टीम से निकाल दिया जाता है पर जो सीनियर खिलाडी है भला उन्हें कौन कुछ कह सकता है। सीनियर पर शोहैब अख्तर के पहले मैच की याद आ गई जिसमे शोहैब ने ४ विकेट लिए थे और उन्हें मैच मे उन्हें मैन ऑफ़ द मैच दिया गया था । शोहैब के साथ-साथ इस मैन ऑफ़ द मैच के हकदार लक्ष्मी शुक्ला भी थे क्यूंकि अगर आख़िर मे उसने तीन विकेट नही लिए होते तो उस मैच मे नाईट राईडर की हार हुई होती। क्यूंकि २०-२२ रन बनाना कई बार मुश्किल नही होता है।पर वही सीनियर खिलाड़ी ने जिताया तो उसे ही मैन ऑफ़ द मैच होना था।कम से कम शोहैब और लक्ष्मी दोनों को ही मन ऑफ़ द मैच बना सकते थे।
कोलकत्ता मे हुए मैच जिसमे चेन्नई के सुपर किंग जीत गए थे उस ईडन गार्डन मे एक बार फ़िर से बत्ती गुल हो गई थी। जब आंधी चलने लगी थी तो एक दर्शक को एस्बेस्टर शीट का एक टुकडा लग गया जिससे वो दर्शक घायल होगया था। क्रिकेट मैदान मे सारे इंतजाम की जिम्मेदारी किसकी है -- टीम के मालिक या टीम को बेचने वाले बी.सी.सी.आई .की है।
जब १८ अप्रैल को आई. पी.एल. का पहला मैच शुरू हुआ था तब से अब तक शाह रुख खान अपनी टीम नाईट राईडर के मैच के दौरान मैदान मे नाचते और ताली बजाते हुए देखे जाते रहे है और अब अचानक से शाह रुख पर ये रोक लगाई जा रही है की वो अपनी टीम के साथ मैदान मे नही रह सकते है।अब अगर रोक लगानी थी तो पहले दिन से रोकना चाहिए था। तब तो ललित मोदी भी मैदान मे खड़े हुए दिखाए गए थे जो खुश होकर ताली बजा रहे थे और नाईट राईडर के कोच से हाथ भी मिला रहे थे और वहीं पर शाह रुख खड़े होकर ताली बजा रहे थे।अब शाह रुख तो ये काम शुरू से करते आ रहे है तो भला अब वो क्यों मानेंगे। आख़िर उन्होंने इतने करोड़ों रूपये मे बी.सी.सी.आई.से टीम खरीदी है।और शाह रुख तो कह भी रहे है की कोई उन्हें उनके खिलाड़ियों से मिलने से नही रोक सकता है।हालांकि पहले शाह रुख कहते थे कि वो ड्रेसिंग रूम मे नही जाते है।और अब तो ललित मोदी ने भी कह दिया है कि हर टीम को एक लाल बैज दिया जायेगा जिसे दिखाकर टीम के मालिक अपने खिलाडियों के साथ dug-out और ड्रेसिंग रूम मे बैठ सकेंगे।
आई.पी.एल.की टीम और इसके खिलाडियों को तो टीम के खरीदारों ने करोड़ों मे खरीदा पर अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाडी अपने टीम के मालिकों पर उन्हें उनका पैसा नही देने का आरोप लगा रहे है। ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाडी जो की शुरू के आई.पी.एल मैच खेलकर वापिस अपने देश जा चुके है उनका कहना है की उनके बार-बार कहने पर भी अभी तक उनका पैसा उन्हें नही मिला है।हर बार जब वो कहते है तो उन्हें कुछ दिन मे पैसा मिल जायेगा यही आश्वासन दिया जाता है।पर अभी तक उन खिलाडियों को उनका रुपया नही मिला है।एक तरफ़ तो वो ये कहते है और दूसरी और ये भी कहते है कि उन्हें विश्वास है कि उन्हें उनका रुपया मिल जायेगा। अरे जब यकीन है तो फ़िर क्यों शोर मचा रहे है। अब ऑस्ट्रेलिया का बोर्ड शायद अपने खिलाडियों को उनका मेहनताना दिलाने मे मदद करेगा।
एक बात और सुनी है की इन खरीदारों ने एक-एक टीम और इसके खिलाडियों को अगले ५-१० साल तक के लिए खरीदा है इसका मतलब की ये सारे सीनियर खिलाडी ४०-४५ साल की उम्र तक खेलते रहेंगे। तो भला नए लड़कों को खेलने का मौका कब मिलेगा। सीनियर खिलाड़ी जो बमुश्किल १०-२० रन बनाते है (कभी-कभी तुक्के मे ८०-९० रन भी बनाते है )उन्हें अगले १० साल तक देखना पड़ेगा। सचिन और सौरव कहते है कि उम्र से खेल पर या परफॉर्मेंस पर कोई फर्क नही पड़ता है। क्रिकेट मे उम्र नही खेल और फिटनेस मायने रखती है।वाह !क्या उच्च विचार है।
नए लड़के अगर दो बार ना खेले तो उन्हें टीम से निकाल दिया जाता है पर जो सीनियर खिलाडी है भला उन्हें कौन कुछ कह सकता है। सीनियर पर शोहैब अख्तर के पहले मैच की याद आ गई जिसमे शोहैब ने ४ विकेट लिए थे और उन्हें मैच मे उन्हें मैन ऑफ़ द मैच दिया गया था । शोहैब के साथ-साथ इस मैन ऑफ़ द मैच के हकदार लक्ष्मी शुक्ला भी थे क्यूंकि अगर आख़िर मे उसने तीन विकेट नही लिए होते तो उस मैच मे नाईट राईडर की हार हुई होती। क्यूंकि २०-२२ रन बनाना कई बार मुश्किल नही होता है।पर वही सीनियर खिलाड़ी ने जिताया तो उसे ही मैन ऑफ़ द मैच होना था।कम से कम शोहैब और लक्ष्मी दोनों को ही मन ऑफ़ द मैच बना सकते थे।
कोलकत्ता मे हुए मैच जिसमे चेन्नई के सुपर किंग जीत गए थे उस ईडन गार्डन मे एक बार फ़िर से बत्ती गुल हो गई थी। जब आंधी चलने लगी थी तो एक दर्शक को एस्बेस्टर शीट का एक टुकडा लग गया जिससे वो दर्शक घायल होगया था। क्रिकेट मैदान मे सारे इंतजाम की जिम्मेदारी किसकी है -- टीम के मालिक या टीम को बेचने वाले बी.सी.सी.आई .की है।
Comments
असल में परिवार उसका रिमोट हमें देता नहीं। और बिना रिमोट के क्या टीवी देखना!:D
:(