अब चारु शर्मा रॉयल चैलेंजर के सी .ई .ओ नही रहे ...
भाई आप लोग खबर को ग़लत मत पढिएगा । :) अब आज ही अखबार मे ख़बर छपी है की चारु शर्मा जो की रॉयल चैलेंजर के सी.इ.ओ.थे उन्हें विजय मलाया ने हटा दिया है और उनकी जगह ब्रिजेश पटेल को इस RC टीम का नया सी.ई.ओ. बनाया गया है।जबकि चारु शर्मा का कहना है की उन्होंने पर्सनल रीजन से टीम को छोडा है।अब असली वजह तो मलाया और चारु ही जानते होंगे। मलाया ने तो चारु को हटाने की वजह का तो कुछ ख़ास खुलासा नही किया है। बस ये कहा गया है की ब्रिजेश पटेल चूँकि क्रिकेटर रहे है इसलिए वो टीम के लिए बेहतर साबित हो सकते है। अब बेचारे चारु शर्मा तो क्रिकेटर है नही ।
अभी पिछले मैच मे जब रॉयल चैलेंजर जीते थे तब चारु शर्मा बड़े खुश थे पर उन्हें क्या पता था की उनकी खुशी बस कुछ दिनों की ही है। वैसे क्या आप जानते है कि विजय मलाया तो अपनी RC को नीलम करने की भी सोच रहे थे जो भी lowest bid करता उसे टीम दे दी जाती। वो तो गनीमत है की पिछला मैच रॉयल चैलेंजर जीत गई वरना खिलाडियों की एक बार फ़िर बोली लग रही होती बस फर्क इतना होता की इस बार कम बोली लगाने वाले को ये खिलाड़ी मिलते।
अब जब बाजार मे खिलाड़ी उतरेंगे तो ये तो ना ही था। और फ़िर मलाया जैसा बिजनेस मैन घाटे का सौदा भला क्यों करेगा ।
अब जब मलाया अपनी टीम का औक्शन कर सकते है तो भला प्रीती जिंटा ने अपनी टीम के नए खिलाड़ियों को घर वापिस भेज कर क्या कुछ ग़लत किया है।नही जी बिल्कुल नही। अरे क्या पैसे पेड़ पर उगते है जो उन्हें यूं ही बरबाद किया जाए।अरे भाई जब इन खिलाड़ियों की कोई जरुरत ही नही है तो भला इनके रहने -खाने पर पैसा खर्च करना कहाँ की अकलमंदी है।और प्रीती जिंटा कोई बेवकूफ थोड़े ही है जो मुफ्त मे इन खिलाड़ियों को 5 star hotel मे ठहराएँ । प्रीती जिंटा को क्या मलाया से कम बिजनेस की जानकारी है।
कल का मैच देखा या नही जब मुम्बई इंडियन जीती । लगता है सचिन का t20 मे खेलने का सपना सपना ही ना रह जाए। अगर सचिन आई.पी.एल.मे नही खेलते है तो सवाल उठता है की क्या तब भी उन पर लगाई गई बोली की कीमत उन्हें दी जायेगी ? अब ये तो सभी जानते है की वो एक महान खिलाड़ी है।
चलते-चलते कुछ बात कल के मैच की भी कर लेते है। कल राजस्थान की टीम ने जैसा खेला उससे मन फ़िर से सोचने पर मजबूर हुआ की कहीं कुछ गड़बड़ तो नही। (मैच फिक्सिंग :) ) क्यूंकि जिस तरह से उनके ओपनर बैट्समैन रन आउट हुए । बैट्समैन ने ना तो अपना पैर पीछे क्रीज मे करने की कोशिश की और ना ही ही उसने पीछे मुड़कर देखा । वो बस सीधा चलता गया मानो उसे पता रहा हो की उसे रन आउट ही होना है।और बाकी खिलाड़ी जैसा खेले वो तो सबने देखा ही है। और हाँ आखिरी बल्लेबाज ने भी जिस तरह विकेट छोड़कर शॉट लगाने की कोशिश की और जैसे क्लीन बोल्ड हुए वो सब देखने मे कुछ अजीब लग रहा था ।
खैर खेल तो अब चेन्नई की टीम और कोलकोता की टीम भी नही पा रही है।कहाँ शुरू मे धोनी की टीम २००-२५० रन और कहाँ अब बमुश्किल १०९-१२५ बनते है।शायद विदेशी खिलाड़ियों के जाने के गम से उबर नही पा रहे है। :)
क्या पता सारी टीमों ने तैय किया हो की जो टीम शुरू मे जीतेंगी वो बाद मे हारेंगी और जो टीम शुरू मे हारेंगी वो बाद मे जीतेंगी।
आपको क्या लगता है कहीं सच मे ही ऐसा तो नही है।
अभी पिछले मैच मे जब रॉयल चैलेंजर जीते थे तब चारु शर्मा बड़े खुश थे पर उन्हें क्या पता था की उनकी खुशी बस कुछ दिनों की ही है। वैसे क्या आप जानते है कि विजय मलाया तो अपनी RC को नीलम करने की भी सोच रहे थे जो भी lowest bid करता उसे टीम दे दी जाती। वो तो गनीमत है की पिछला मैच रॉयल चैलेंजर जीत गई वरना खिलाडियों की एक बार फ़िर बोली लग रही होती बस फर्क इतना होता की इस बार कम बोली लगाने वाले को ये खिलाड़ी मिलते।
अब जब बाजार मे खिलाड़ी उतरेंगे तो ये तो ना ही था। और फ़िर मलाया जैसा बिजनेस मैन घाटे का सौदा भला क्यों करेगा ।
अब जब मलाया अपनी टीम का औक्शन कर सकते है तो भला प्रीती जिंटा ने अपनी टीम के नए खिलाड़ियों को घर वापिस भेज कर क्या कुछ ग़लत किया है।नही जी बिल्कुल नही। अरे क्या पैसे पेड़ पर उगते है जो उन्हें यूं ही बरबाद किया जाए।अरे भाई जब इन खिलाड़ियों की कोई जरुरत ही नही है तो भला इनके रहने -खाने पर पैसा खर्च करना कहाँ की अकलमंदी है।और प्रीती जिंटा कोई बेवकूफ थोड़े ही है जो मुफ्त मे इन खिलाड़ियों को 5 star hotel मे ठहराएँ । प्रीती जिंटा को क्या मलाया से कम बिजनेस की जानकारी है।
कल का मैच देखा या नही जब मुम्बई इंडियन जीती । लगता है सचिन का t20 मे खेलने का सपना सपना ही ना रह जाए। अगर सचिन आई.पी.एल.मे नही खेलते है तो सवाल उठता है की क्या तब भी उन पर लगाई गई बोली की कीमत उन्हें दी जायेगी ? अब ये तो सभी जानते है की वो एक महान खिलाड़ी है।
चलते-चलते कुछ बात कल के मैच की भी कर लेते है। कल राजस्थान की टीम ने जैसा खेला उससे मन फ़िर से सोचने पर मजबूर हुआ की कहीं कुछ गड़बड़ तो नही। (मैच फिक्सिंग :) ) क्यूंकि जिस तरह से उनके ओपनर बैट्समैन रन आउट हुए । बैट्समैन ने ना तो अपना पैर पीछे क्रीज मे करने की कोशिश की और ना ही ही उसने पीछे मुड़कर देखा । वो बस सीधा चलता गया मानो उसे पता रहा हो की उसे रन आउट ही होना है।और बाकी खिलाड़ी जैसा खेले वो तो सबने देखा ही है। और हाँ आखिरी बल्लेबाज ने भी जिस तरह विकेट छोड़कर शॉट लगाने की कोशिश की और जैसे क्लीन बोल्ड हुए वो सब देखने मे कुछ अजीब लग रहा था ।
खैर खेल तो अब चेन्नई की टीम और कोलकोता की टीम भी नही पा रही है।कहाँ शुरू मे धोनी की टीम २००-२५० रन और कहाँ अब बमुश्किल १०९-१२५ बनते है।शायद विदेशी खिलाड़ियों के जाने के गम से उबर नही पा रहे है। :)
क्या पता सारी टीमों ने तैय किया हो की जो टीम शुरू मे जीतेंगी वो बाद मे हारेंगी और जो टीम शुरू मे हारेंगी वो बाद मे जीतेंगी।
आपको क्या लगता है कहीं सच मे ही ऐसा तो नही है।
Comments
shane warne ek guni aor agreesive captain hai ......unhe apne khilaidiyo me vishvaas hai....isi ka nateeja unki jeet hai.
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आप हिन्दी में लिखती हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.
एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.
शुभकामनाऐं.
-समीर लाल
(उड़न तश्तरी)